
- भड़के पेंशनर्स ने कहा-केंद्र सरकार दुनिया की सबसे बड़ी वादा फैक्ट्री चला रही है।
- गरीब लोगों ने बहुत सारे वादों पर विश्वास करके सरकार को वोट दिया।
- हर चुनाव में लोकसभा की सीटों की संख्या कम होती जा रही है।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (Employee Pension Scheme 1995): न्यूनतम पेंशन 7500 रुपए की मांग है। पेंशनर्स लगातार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-ईपीएफओ (Employees Provident Fund Organisation (EPFO)) और केंद्र सरकार पर भड़ास निकाल रहे हैं। अब पेंशनभोगियों ने कुछ ऐसा कहना शुरू कर दिया है, जिससे लगता है कि पीएम मोदी से मोहभंग हो गया है। पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को याद किया जा रहा है।
पेंशनर ने कहा-अगर इंदिरा गांधी जैसी दृढ़ इच्छाशक्ति वाली नेता होतीं, तो शायद ये निर्णय कब का लागू हो चुका होता। 10 साल से EPS 95 पेंशनर्स न्यूनतम पेंशन () बढ़ाने की माँग कर रहे हैं। धरने, प्रदर्शन, चिट्ठियाँ, लेकिन अभी तक सिर्फ आश्वासन ही मिले हैं।
मामूली पेंशन में आज के ज़माने में गुज़ारा करना बहुत कठिन है। सरकार को समझना चाहिए कि ये पेंशनर वही लोग हैं जिन्होंने अपनी पूरी ज़िंदगी देश की सेवा में लगा दी।
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पेंशनभोगी ने कहा-अगर चाहें तो हम इस भाव को एक प्रभावशाली चिट्ठी या पोस्ट के रूप में भी तैयार कर सकते हैं, ताकि आपकी आवाज़ सही जगह तक पहुँचे। बताइए, बनाऊं क्या?
पेंशनर मुरलीधरन रावतियल ने कहा-केंद्र सरकार दुनिया की सबसे बड़ी वादा फैक्ट्री चला रही है। गरीब लोगों ने बहुत सारे वादों पर विश्वास करके सरकार को वोट दिया और अब वे पीड़ित हैं। इसलिए हर चुनाव में लोकसभा की सीटों की संख्या कम होती जा रही है।
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पिछले 10 सालों में वे दूसरों की गलतियों को जोर-शोर से उछालने के अलावा कुछ नहीं कर पाए और केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करके उन्हें गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया। तो वे गरीब बेकार वरिष्ठ नागरिकों के बारे में क्यों सोच सकते हैं। इसलिए पेंशन बढ़ोतरी की उम्मीद न करें…।