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- एकमात्र विकल्प और उद्देश्य निजी क्षेत्र के रोजगार को बढ़ावा देना है।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। कर्मचारी पेंशन याजना 1995 (Employee Pension Scheme 1995) को लेकर पेंशनभोगी भड़के हुए हैं। केंद्र सरकार (Central Govt) और ईपीएफओ पर जुबानी हमले किए जा रहे हैं। एक पेंशनभोगी Kumar Brajesh ने तो अगले साल के बजट की भी भविष्यवाणी कर दी है। पूर्वानुमान लगाया है कि सरकार क्या-क्या सोचती है और क्या कर सकती है।
कुमार ब्रजेश का कहना है कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने पहले ही सरकारी क्षेत्रों में रोजगार न देने का फैसला कर लिया है। इसीलिए उसने कई सार्वजनिक उपक्रमों को बंद कर दिया है। इसका एकमात्र विकल्प और उद्देश्य निजी क्षेत्र के रोजगार को बढ़ावा देना है।
इसके परिणामस्वरूप पेंशन पर वित्तीय बोझ कम होगा और रिश्वतखोरी बढ़ेगी। जैसा कि चुनावी बॉन्ड के रूप में सामने आया है। ताकि पार्टी हमेशा सत्ता में बनी रहे। इस एजेंडे को देखते हुए, सरकार ईपीएफओ की पूरी कार्य प्रणाली में बदलाव कर रही है।
सरकार और ईपीएफओ (EPFO) अब अधिक से अधिक निजी क्षेत्र के संगठनों को अपने योगदान के लिए नामांकित करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इस तरह यह सुनिश्चित है कि योगदान की सीमा भी 15000/- से बढ़कर 21000/- हो जाएगी।
न्यूनतम पेंशन 7500+ डीए या 9000+ डीए तक बढ़ सकती है। उच्च पेंशन के लिए योगदान की अधिकतम सीमा को हटा दिया जाएगा। यह निर्णय फरवरी 2025 में अगले बजट के दौरान घोषित होने की संभावना है। यह मेरा एकमात्र पूर्वानुमान है। बता दें कि यह व्यक्तिगत कथन पेंशन भोगी Kumar Brajesh का है।
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