
- केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा-सरकारी सेवा से सेवानिवृत्त हो जाने का आशय नागरिक के रूप में सेवानिवृत्त होना नहीं है।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। देश के लाखों पेंशनभोगियो के लिए डिजिटल सुधार, सशक्त सेवानिवृत्त व्यक्ति और 2047 के लिए विजन पर बड़ा मंथन किया गया। केंद्र पेंशन मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह (Union Pension Minister Dr. Jitendra Singh) ने संबोधित किया। सेवानिवृत्त अधिकारियों से विकासशील भारत में योगदानकर्ता और भागीदार बनने का आग्रह किया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा-“सरकारी सेवा से सेवानिवृत्त हो जाने का आशय नागरिक के रूप में सेवानिवृत्त होना नहीं है” यह बात केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने एक संदेश में कही, जो सेवानिवृत्ति के करीब पहुंच रहे सैकड़ों अधिकारियों के साथ भावनात्मक रूप से गहराई से जुड़ गयी।
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); पृथ्वी विज्ञान और पीएमओ, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह बात सेवानिवृत्ति के करीब पहुंच रहे सैकड़ों अधिकारियों को एक संदेश में कही, जो उनके साथ भावनात्मक रूप से गहराई से जुड़ गई।
56वीं सेवानिवृत्ति-पूर्व परामर्श (पीआरसी) कार्यशाला और 9वें बैंकर्स जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारतीय समाज द्वारा सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों को देखने के तरीके में आमूलचूल परिवर्तन लाने का आह्वान किया।
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डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि 60 साल की उम्र में कई अधिकारी अपनी ऊर्जा और विशेषज्ञता के शिखर पर होते हैं। उन्होंने कहा, “इसलिए हम उन्हें राष्ट्र निर्माण के कार्य में शामिल करना चाहते हैं और उनके अनुभवों का उपयोग करना चाहते हैं। जैसा कि प्रधानमंत्री कहते हैं, हर नागरिक को विकसित भारत के निर्माण में योगदान देना होगा ।”
पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) (Department of Pension and Pensioners Welfare (DOPPW)) द्वारा असम सरकार के सहयोग से असम प्रशासनिक स्टाफ कॉलेज में आयोजित एक दिवसीय कार्यक्रम में पेंशन सुधार, डिजिटल जीवन प्रमाणन, सीजीएचएस सुविधाओं, वित्तीय नियोजन और भविष्य पोर्टल तथा एकीकृत पेंशनभोगी पोर्टल जैसे नवाचारों के बारे में सिलसिलेवार तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। इन सत्रों का उद्देश्य सेवानिवृत्त कर्मचारियों को प्रक्रियात्मक ज्ञान और व्यक्तिगत सशक्तिकरण दोनों के संदर्भ में सहज बदलाव के लिए तैयार करना था।
उन्होंने कहा, “आज, डिजिटल पीपीओ, भविष्य जैसे एकीकृत पेंशन पोर्टल और फेस ऑथेंटिकेशन उपकरणों के साथ, हमने प्रक्रियात्मक देरी और उत्पीड़न को समाप्त कर दिया है।” उन्होंने सचिव वी. श्रीनिवास के अधीन पेंशन विभाग की भूमिका की सराहना करते हुए बताया कि कैसे भारतीय डिजिटल पेंशन प्रथाओं का अब मालदीव, मंगोलिया और बांग्लादेश जैसे देश भी अनुकरण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (डीएलसी), सीपीजीआरएएमएस और फेस ऑथेंटिकेशन जैसी पहलों की सफलता इस बात के उदाहरण हैं कि प्रौद्योगिकी किस प्रकार शासन में गरिमा और दक्षता ला सकती है।
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अपनी बात समाप्त करते हुए मंत्री ने सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों से आग्रह किया कि वे खुद को निष्क्रिय पेंशन प्राप्तकर्ता के रूप में न देखें, बल्कि सक्रिय राष्ट्र-निर्माता के रूप में देखें। उन्होंने कहा, “आप नागरिक के रूप में नहीं, बल्कि सरकारी अधिकारी के रूप में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। आपका सर्वश्रेष्ठ आना अभी बाकी है।”
दिन भर चले इस कार्यक्रम को सचिव, डीओपीपीडब्ल्यू वी. श्रीनिवास, संयुक्त सचिव ध्रुबज्योति सेनगुप्ता ने संबोधित किया तथा एसबीआई के उप प्रबंध निदेशक श्री शमशेर सिंह, स्वास्थ्य मंत्रालय की अपर सचिव सुश्री रोली सिंह, बीएसएफ के आईजी संजय गौड़ तथा पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के महाप्रबंधक चेतन श्रीवास्तव सहित प्रमुख हितधारकों ने अपने विचार व्यक्त किए।
भारत द्वारा 2047 तक स्वयं को एक विकसित राष्ट्र के रूप में देखने की परिकल्पना किए जाने के साथ, डॉ. जितेन्द्र सिंह की टिप्पणियों ने समय रहते याद दिलाया कि ज्ञान, समर्पण और सार्वजनिक सेवा कभी समाप्त नहीं होते – वे विकसित होते हैं।