BSP आवास के किचन का प्लास्टर टूटकर गिरा, बची जान, मौके पर धमक पड़ा CITU

  • सीटू ने किया घटनास्थल का का निरीक्षण।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। बीती रात 3:30 पर अचानक धड़ाम से आवाज आती है घर वाले चौक कर उठ जाते हैं। और बत्ती जलाकर देखते हैं तो पाते हैं कि किचन में प्लास्टर का टुकड़ा नीचे गिरा हुआ है। यह घटना भिलाई टाउनशिप में आवास Qr No – 6/ E , सड़क नंबर 10 सेक्टर 5 की है।

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खबर मिलने के बाद सीटू की टीम ने सुबह इस मकान का दौरा किया और पाया कि अभी भी छत से सीपेज है। आवास की हालत जर्जर है। कर्मचारी पस्त है, किंतु लगता है नगर सेवाएं विभाग को कोई फर्क नहीं पड़ता है।

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सीटू ने उठाए कई सवाल

सीटू नेताओं ने कहा-हम जब निजी मकान में रहते हैं तो छत के सीपेज की समस्या का समाधान टारफेटिंग करके नहीं बल्कि छत की फ्लोरिंग करके करते है। 3 सितंबर को जब सीटू की टीम ने टारफेटिंग के मुद्दे को लेकर मुख्य महाप्रबंधक नगर सेवाएं विभाग से बात की तो वे कहते हैं कि उनके पास एक्सपर्ट की टीम है।

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इसीलिए टेक्नोलॉजी के बारे में ना बताएं और ना ही टारफेटिंग अथवा फ्लोरिंग में होने वाले खर्च के बारे में कोई जानकारी मांगें। ज्ञात हो कि भिलाई के अंदर हर वर्ष छज्जा गिरने की अनेकों घटनाएं होती हैं और कई बार तो घायल होने की एवं अस्पताल में भर्ती होने की बात भी सामने आई है।

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किंतु प्रबंधन इसका स्थाई समाधान निकालने के बजाय जो रास्ता अपनाता है वह लीपा पोती के सिवाय कुछ नहीं है। क्या प्रबंधन छत का प्लास्टर अथवा छज्जा गिरने से रोकने के लिए स्थाई समाधान निकालने हेतु किसी के फेटल होने का इंतजार कर रहा है? क्योंकि आज जिस मकान का छज्जा गिरा उसका टारफेटिंग 2017 में हो चुका था। बावजूद इसके छत से लगातार सीपेज हो रहा था और इतनी बड़ी घटना घट गई।

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कर्मियों के आवास का ही क्यों गिरता है छज्जा

सीटू ने छज्जा गिरने के मामले को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अभी तक छज्जा गिरने की जितने भी मामले आए हैं वह कर्मियों के आवास के ही होते हैं। इसका मतलब यह है कि अधिकारियों के आवास कितने बेहतरीन तरीके से बने हुए हैं कि उनका छज्जा गिरता ही नहीं है, या फिर उनके आवासों का भी छज्जा गिरता है किंतु बात को रफा दफा कर दिया जाता है। अथवा उनके मकान की मरम्मत प्राथमिकता के साथ किया जाता है।

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सीटू के संज्ञान में यह बात है कि हर साल नगर सेवाएं विभाग के लिए जितना बजट आवंटित होता है उसका एक बड़ा हिस्सा अधिकारियों के आवास के मरम्मत में खर्च हो जाता है। यदि यह बात सही है तो इस पूरे मामले पर विजिलेंस विभाग को स्वयं संज्ञान लेते हुए विजिलेंस इंक्वारी करना चाहिए।

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पहले भी गिर चुका है इस मकान का छज्जा

सीटू की टीम को आबंटित आवास के रहवासी से चर्चा के दौरान पता चला कि 2017 में इस मकान के बेडरूम का भी छज्जा गिरा था, उस समय छज्जे की रिपेयरिंग के बाद छत का टारपेल्टिंग किया गया था। किंतु अभी भी सीपेज हो रहा है जिसके कारण छत के अंदर लगे सरिया में जंग लगने से सरिया एवं छत के कंक्रीट के बीच की पकड़ आपस में छूट गई एवं छज्जा गिर गया।

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