- रथ निर्माण हेतु लकड़ियों की विधिवत पूजा सम्पन्न।
सूचनाजी न्यूज़, भिलाई। भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं में भगवान श्री जगन्नाथ जी की रथ यात्रा का विशेष महत्व है। यह यात्रा न केवल धार्मिक भावना का प्रतीक है, बल्कि समाज में एकता, भक्ति और सेवा की भावना को भी जाग्रत करती है। बुधवार को श्री जगन्नाथ मंदिर, सेक्टर 4 में अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर रथ निर्माण में प्रयुक्त होने वाली लकड़ियों की विधिवत पूजा सम्पन्न की गई।
विदित हो कि अक्षय तृतीया के दिन रथयात्रा में पूजा विधि का एक खास महत्व होता है। इस दिन रथ निर्माण में उपयोग होने वाली लकड़ियों की विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है, जिसमें वैदिक मंत्रों का उच्चारण किया जाता है। इसके अलावा, भगवान श्री जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के लिए बन रहे रथ की आधारशिला रखी जाती है।
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आज श्री जगन्नाथ मंदिर, सेक्टर 4 में पुरोहित पितवास पाढ़ी द्वारा लकड़ियों का विधिवत पूजा अर्चना प्रारंभ किया गया। जिसमें रथ के शिल्पी श्री निरंजन महाराणा ने रथ निर्माण में प्रयुक्त होने वाले लकड़ियों तथा औजारों की पूजा की। इस अवसर पर रथ निर्माण से जुड़े मंदिर की समर्पित टीम के सदस्य शामिल हुए। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में महासचिव श्री सत्यवान नायक, अनाम नाहक, निरंजन महाराणा, वृंदावन स्वाईं,बी सी बिस्वाल,त्रिनाथ साहू, कालू बेहेरा, रवि स्वाईं, प्रकाश दास, भीम स्वाईं, सीमांचल बेहरा विशेष रूप से योगदान दिया।
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रथ यात्रा केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि यह एक सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक संगम है। इसकी शुरुआत अक्षय तृतीया के दिन रथ निर्माण पूजा से होती है, जो पूरे आयोजन की आत्मा है। इस प्रकार 27 जून 2025 को आयोजित होने वाले रथयात्रा के प्रारंभिक प्रक्रिया की शुरुआत की गई।इस अवसर पर बड़ी संख्या मे श्रद्धालु उपस्थित रहे |