- पेंशनभोगियों ने अपनी पीड़ा सोशल मीडिया पर किया साझा। लिखा-सीनियर सिटीजन होना गुनाह है…?
सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। ईपीएस 95 पेंशन (EPS 95 Pension) को लेकर सरकार की घेराबंदी की जा रही है। पेंशनर्स Vilas Ramchandra Gogawale ने काफी आक्रोशित होकर एक ऐसा किया है, जिसमें सरकार की बखिया उधेड़ी गई है। पेंशनभोगियों का दर्द बयां किया गया है।
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सोशल मीडिया (Social Media) पर पेंशनर्स लिखते हैं कि दिन-प्रतिदिन के अपमान से बचने के लिए सरकार को 65 वर्ष की उम्र में सभी वरिष्ठ नागरिकों की… करनी चाहिए। देश के न्यायिक अपेक्षित सदन में जनप्रतिनिधियों द्वारा दिया गया बयान क्योंकि सरकार इन दुर्भाग्यपूर्ण सक्षम समाज, राष्ट्र निर्माताओं पर ध्यान देने को तैयार नहीं है। संसद में सांसद जया बच्चन, हेमा मालिनी व अन्य सदस्यों द्वारा भी मुद्दा प्रस्तुत किया गया।
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क्या भारत में सीनियर सिटीजन होना गुनाह है?
Vilas Ramchandra Gogawale ने लिखा-भारत के वरिष्ठ नागरिक 70 साल बाद मेडिकल बीमा के योग्य नहीं हैं। EMI पर लोन नहीं मिल रहा है। ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) नहीं दिया जाता है।
इन्हें आय के लिए कोई नौकरी नहीं दी जाती है। इसलिए वे जीने के लिए दूसरों पर निर्भर हैं। उन्होंने 60-65 से सेवानिवृत्ति की आयु तक सभी करों, बीमा प्रीमियम का भुगतान किया है। अब सीनियर सिटीजन बनकर भी देना पड़ रहा है सारे टैक्स। भारत में वरिष्ठ नागरिकों के लिए कोई उपयोगी योजना नहीं है। रेलवे विभाग में 50 प्रतिशत छूट भी बंद कर दी गई है।
उधर राजनीति में वरिष्ठ नागरिक विधायक, सांसद या मंत्रियों को हर संभव लाभ दिया जाता है। भले ही वे थोड़े समय में सत्ता में हों…। और इनको पेंशन भी मिलती है। लेकिन पच्चीस से तीस साल तक सेवा देने वालों को (कुछ सरकारी कर्मचारियों को छोड़कर) सबको समान सुविधाएं क्यों ठुकराया जाता है?
अगर बच्चे देखभाल नहीं कर रहे होते तो वे कहां जाते?
मुझे यह समझ में नहीं आता है। कल्पना कीजिए, अगर बच्चे उनकी देखभाल नहीं कर रहे होते तो वे कहां जाते? यह एक भयानक और दर्दनाक समस्या है। अगर देश के बड़े लोग गुस्से में होकर चुनाव में सरकार के खिलाफ चले गए तो चुनाव परिणाम प्रभावित होंगे।
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नए लोकसभा चुनाव में ईपीएफओ स्कीम के सदस्य दशकों से पेंशन बढ़ाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। कई बार सांसदों ने भी लोकसभा में इस मुद्दे को पेश किया लेकिन…। परिणाम तो सरकार को भुगतना ही पड़ेगा। तो सरकार को इस बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए।
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वरिष्ठों में सरकार बदलने की ताकत
सभी राजनीतिक दलों को चुनावी घोषणा में वरिष्ठ नागरिकों की सुविधा की घोषणा करनी चाहिए। इसकी योजना बनाई जानी चाहिए।
वरिष्ठों में सरकार बदलने की ताकत होती है, उन्हें नजरअंदाज न करें। इनको सरकार बदलने का आजीवन अनुभव है। कृपया उन्हें कमजोरी न समझें। वरिष्ठ नागरिकों के लाभ के लिए कई योजनाओं की आवश्यकता है।
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कर मुक्त लाभों पर विचार करना चाहिए
सरकार कल्याण योजनाओं पर बहुत पैसा खर्च करती है, लेकिन वरिष्ठ नागरिकों को कभी पता नहीं है। एफडी पर विपरीत बैंकों पर ब्याज दरें कम होने से वरिष्ठ नागरिकों की आय कम हो रही है। यदि उनमें से कुछ को परिवार और आत्म-आरक्षण के लिए टूटी हुई पेंशन मिल रही है, तो वे भी Icre के तहत हैं। तो, वरिष्ठ नागरिकों को कुछ कर मुक्त लाभों पर विचार करना चाहिए।
पेंशनभोगियों की इन 7 मांगों को न करें नजर अंदाज
1) 60 वर्ष से अधिक उम्र के सभी नागरिकों को अपनी दैनिक आजीविका में भाग लेने के लिए पर्याप्त पेंशन प्राप्त करने की आवश्यकता है।
2) या कम से कम दो समय का पोषण।
3) रेलवे, बस और हवाई यात्रा पर न्यूनतम 50% छूट आवश्यक है। इस उम्र में कितना घूमेगा।
4) हर किसी के पास अपनी आखिरी सांस तक स्वास्थ्य योजना बीमा होना चाहिए और प्रीमियम सरकार द्वारा भुगतान किया जाना चाहिए, या मुफ्त उपचार।
5) वरिष्ठ नागरिकों के न्यायिक मामलों को अग्रिम निर्णय लेने के लिए प्राथमिकता दी जानी चाहिए। क्योंकि ये लौ कब बुझेगी? बताया नहीं जा सकता।
6) प्रत्येक शहर में सभी सुविधाओं के साथ वरिष्ठ नागरिकों के लिए घर होने चाहिए।
7) सरकार 10-15 वर्ष पुराने प्रयुक्त वाहनों को स्क्रैपिंग के नियमों में संशोधन करे। यह नियम केवल वाणिज्यिक वाहनों के लिए लागू होना चाहिए। सरकार को इस तथ्य को जानना चाहिए।
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