- इंजीनियरिंग, B.Sc., M.Sc., MBA आदि डिग्रियों से युक्त अनाधिशासी कर्मचारियों के लिए विशेष पदोन्नति नीति बनाई जाए।
सूचनाजी न्यूज, बोकारो। बोकारो स्टील प्लांट (Bokaro Steel Plant) के अनाधिशासी कर्मचारियों की पदोन्नति प्रक्रिया में समानता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की मांग अब जोर पकड़ने लगी है। इसी क्रम में BAKS यूनियन ने अधिशासी निदेशक (मानव संसाधन एवं प्रशासन), बोकारो स्टील प्लांट (Bokaro Steel Plant) को एक औपचारिक पत्र लिखकर कर्मचारियों के हित में तीन प्रमुख सुझाव प्रस्तुत किए हैं।
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महासचिव दिलीप कुमार के मुताबिक सेल की कुछ इकाइयों भद्रावती आयरन एंड स्टील और एलॉय स्टील प्लांट, दुर्गापुर में अनाधिशासी कर्मचारियों को मात्र तीन वर्षों की सेवा के उपरांत पदोन्नति का अवसर प्रदान किया जाता है। जबकि बोकारो स्टील प्लांट में अभी भी यह व्यवस्था लागू नहीं है, जिससे कर्मचारियों के बीच भारी असंतोष व्याप्त है।
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पत्र के मुख्य बिंदु:
1. पदोन्नति की न्यूनतम अवधि तीन वर्ष हो: सभी इकाइयों में एक समान नीति लागू करते हुए अनाधिशासी कर्मचारियों के लिए पदोन्नति की न्यूनतम सेवा अवधि तीन वर्ष निर्धारित की जाए।
2. योग्यता आधारित परीक्षा प्रणाली को पुनः लागू किया जाए: पूर्व में क्रेन ऑपरेटर जैसे पदों के लिए जो परीक्षा प्रणाली थी, उसे फिर से शुरू किया जाए ताकि कर्मचारी अपने कौशल के बल पर ग्रेड वृद्धि प्राप्त कर सकें।
3. शैक्षणिक योग्यता के आधार पर विशेष अवसर: इंजीनियरिंग, B.Sc., M.Sc., MBA आदि डिग्रियों से युक्त अनाधिशासी कर्मचारियों के लिए विशेष पदोन्नति नीति बनाई जाए, जिससे उनकी शिक्षा और क्षमता का प्रभावी उपयोग हो सके।
महासचिव दिलीप कुमार ने कहा-“हमारा उद्देश्य केवल कर्मचारियों की आवाज़ को नेतृत्व तक पहुँचाना है, ताकि उनकी मेहनत, योग्यता और समर्पण को मान्यता मिले। जब अन्य इकाइयों में तीन वर्ष की सेवा के बाद पदोन्नति मिल सकती है, तो बोकारो के कर्मचारियों के साथ भेदभाव क्यों?
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हम चाहते हैं कि सभी कर्मचारियों को समान अवसर मिले और उनकी प्रतिभा का संपूर्ण उपयोग हो सके। यह न केवल कर्मचारी संतोष, बल्कि संगठन की दीर्घकालिक प्रगति के लिए भी आवश्यक है।”
यूनियन का मानना है कि यदि उपरोक्त मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार किया गया तो इससे कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा, प्रतिभा का बेहतर दोहन होगा और बोकारो स्टील प्लांट की उत्पादकता व नवाचार क्षमता में भी सकारात्मक वृद्धि होगी।
अब देखना यह है कि बोकारो स्टील प्लांट का प्रशासन इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाता है और क्या कर्मचारियों की इन मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई की जाती है।
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