SAIL Bonus: प्रबंधन के खिलाफ लड़ाई जारी, BSP के बाद अब Bokaro की बारी, मुख्य श्रमायुक्त सख्त

  • सेल का प्रोडक्शन विगत एक दशक में 13 मिलियन टन से बढ़कर बीस मिलियन टन पार कर चुका है।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (Steel Authority of India Limited)-सेल (SAIL) के कर्मचारियों का बोनस विवाद थम नहीं रहा है। ट्रेड यूनियनों ने सड़क से लेकर कागज तक की लड़ाई शुरू की है। सेल प्रबंधन (SAIL Management) के खिलाफ मोर्चा खोला गया है। सेल बोनस (SAIL Bonus) के मुद्दे पर मुख्य श्रमायुक्त केंद्रीय ने संज्ञान ले लिया है।

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उप मुख्य श्रमायुक्त (केंद्रीय) धनबाद को तथ्यों की छानबीन करने का दिया निर्देश दिया गया है। इससे पहले भिलाई स्टील प्लांट की यूनियन के पत्र पर संज्ञान लेते हुए मुख्य श्रमायुक्त केंद्रीय ने रायपुर के श्रमायुक्त को जांच करने का निर्देश दिया है।

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सेल (SAIL) कर्मचारियों के बोनस पर बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ द्वारा एनजेसीएस (NJCS) संविधान का उल्लंघन कर लागू किए गए बोनस (एएसपीएलआईएस) फॉर्मूले के मुद्दे पर मुख्य श्रमायुक्त दिल्ली को  शिकायती पत्र भेजा था।

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अपने पत्र में यूनियन (Union) ने एनजेसीएस (NJCS) संविधान का उल्लंघन कर बोनस फॉर्मूला को लागू करने की शिकायत की थी। पत्र में एनजेसीएस संविधान का हवाला दिया गया,जिसमे साफ लिखा है कि दोनों पक्षों (प्रबंधन और यूनियन) के बीच सभी फैसले, आपसी सहमती से किया जाएगा।

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परंतु सेल प्रबंधन (SAIL Management) ने आपसी सहमति की जगह बहुमत से पांच यूनियनों में से तीन यूनियन प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर से बोनस फॉर्मूला को लागू कर दिया। एक तरफ सेल का प्रोडक्शन विगत एक दशक में 13 मिलियन टन से बढ़कर बीस मिलियन टन पार कर चुका है।

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वार्षिक व्यापार लगातार दूसरे साल एक लाख करोड़ रुपया से ऊपर हो गया है। वहीं, गैर कार्यपालक कर्मियों की संख्या दिनो-दिन घटती जा रही है। परंतु सेल प्रबंधन और तीन एनजेसीएस यूनियनों ने ऐसा टेढ़ा बोनस फॉर्मूला बनाया कि कर्मियों को अधिकतम 28000 रुपया ही बोनस मिल पाएगा। इसमे भी सभी पैरामीटर शत प्रतिशत हो तब, जो कि इस्पात उद्योग में मुश्किल ही है।

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कर्मचारियों का काफी नुकसान हुआ

बीएएसके बोकारो के अध्यक्ष हरिओम का कहना है कि बाहरी तथा गैर निर्वाचित एनजेसीएस नेताओ की बोनस सब कमेटी ने कर्मचारियों का काफी नुकसान कराया है। इन नेताओं को न तो वर्तमान प्रोडक्शन, लाभ, व्यापार तथा घटते मैनपावर का पता है, न ही भविष्य में होने वाले परिवर्तनों का।

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महासचिव दिलिप कुमार ने कहा-झुके कंधे तथा हारे हुए मन के बावजूद बीएसएल कर्मी बीएसएल (BSL) तथा सेल को अपना शत प्रतिशत देकर उत्पादन, व्यापार में बीएसएल को सेल में सिरमौर बनाए हुए है। फिर भी प्रबंधन बाहरी नेताओं के इशारे पर अपने ही कर्मियों का शोषण कर रही है।

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