- इंटक के अध्यक्ष डाक्टर संजीवा रेड्डी ने स्पष्ट रूप से कहा कि यहां सुबह ही तय हो चुका है कि सभी लोग एकजुट रहेंगे।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के कर्मचारियों का बोनस तय करने के लिए शनिवार को दिल्ली में सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक मीटिंग हुई। दिन भर नया बोनस फॉर्मूला बनाने, प्रोडक्शन रिलेटेड पे, प्रोडक्टिविटी, माइंस फैक्टर और घटते मैनपॉवर को लेकर बहसबाजी होती रही।
बोनस की राशि तय करने के लिए प्रबंधन की तरफ से 100-100 रुपए तक बढ़ाने की बात कही जा रही थी। तर्क यह था कि 1000 हजार रुपए बढ़ाने पर 42 करोड़ का अतिरिक्त भार पड़ जाएगा। सेल में करीब 42 हजार कर्मचारी हैं। इन तमाम जद्दोजहद के बीच एनजेसीएस सदस्य राजेंद्र सिंह मीटिंग के दरमियान कुछ अधिकारियों से अलग से बात कर रहे थे।
इस बात पर बीएमएस के उद्योग प्रभारी डीके पांडेय भड़क गए। अधिकारियों के सामने ही तकरार हो गई। एनजेसीएस के अन्य नेताओं ने माहौल को संभाला। इंटक के अध्यक्ष डाक्टर संजीवा रेड्डी ने स्पष्ट रूप से कहा कि यहां सुबह ही तय हो चुका है कि सभी लोग एकजुट रहेंगे। इसलिए जो भी बात होगी सबके सामने होगी। इस बाबत राजेंद्र सिंह से संपर्क किया गया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।
पढ़िए मीटिंग को लेकर इंटक नेता बीएन चौबे ने क्या कहा…
राष्ट्रीय अध्यक्ष डाक्टर संजीवा रेड्डी ने 40 हजार 500 रुपए बोनस देने की मांग की थी। इस पर सभी यूनियन के सदस्य तैयार थे। प्रबंधन 29 हजार पर शुरू से अड़ा रहा। 31 हजार तक समझौता करने की बात बोलता रहा। प्रबंधन जब राजी नहीं हुआ तो सभी लोग मीटिंग छोड़कर बाहर आ गए। रेड्डी साहब ने स्पष्ट रूप से बोल दिया था कि पांडेय जी ने 32 हजार 500 रुपए बोल दिया है, अब उससे एक पैसा कम में कोई समझौता नहीं होगा।
बीएमएस लीडर डीके पांडेय ने दिया 32500 का तर्क
सभी यूनियनों ने बोनस फॉर्मूले को रिव्यू करने की आवाज उठाई। प्रबंधन तैयार था, लेकिन अगली बार के लिए। प्रबंधन ने कहा-29 हजार 500 की बात इस बार कीजिए। जैसे-तैसे 100-100 रुपए तक बढ़ा रहा था। इस पर मैंने कहा-पिछली बार 28 हजार के बजाय साढ़े 26 हजार रुपए दिया गया था। करीब दो बार के बोनस में इस तरह 6 हजार कम मिला था।
इस बार यही 6 हजार की राशि बढ़ा दीजिए। बोनस फॉर्मूले के हिसाब से 29 हजार 500 और 6 हजार को जोड़ने पर साढ़े 35 हजार रुपए होता है। इसलिए 36 हजार या 37 हजार रुपए बोनस के रूप में दे दीजिए। डीके पांडेय ने बताया-प्रबंधन राजी नहीं हो रहा था। इस पर बीच का रास्ता निकालते हुए 33 हजार की मांग किया। प्रबंधन ने कहा-30 हजार 500 कर देते हैं। इस पर 32 हजार 500 का एमाउंट मैंने दिया। सबको समझाया और सीटू भी राजी हो गया था। प्रबंधन 31 हजार तक अड़ा रहा।
एटक के केंद्रीय नेता विद्यासागर गिरी ने आंदोलन की बात की
एनजेसीएस मीटिंग के बाद एटक के नेता विद्यासागर गिरी ने कहा-प्रबंधन की हठधर्मिता साफ नजर आ रही है। कर्मचारियों को खुश करने के बजाय तकलीफ दी जा रही है। प्रबंधन के खिलाफ प्रोटेस्ट तेज करना होगा। अब देखना यह है कि मजदूर कितने समय तक लड़ेंगे। पिछली बार हड़ताल का आह्वान किया गया था, लेकिन मजदूरों का अपेक्षाकृत साथ नहीं मिल पाया था। इस बार पूरी ताकत से प्रबंधन को एहसास कराएंगे।
सभी यूनियन के लीडर आपस में विचार-विमर्श करके आगे की रणनीति तय करेंगे। प्रबंधन को बोल दिया गया है कि बोनस के साथ 39 माह के एरियर, ग्रेच्युटी को लेकर गैर कानूनी तरीका प्रबंधन अपना रहा है। प्रबंधन एकता को तोड़ने का दांव चलता है। लेकिन, इस बार सभी यूनियन एक साथ हैं। बोनस फॉर्मूला रिव्यू करने और आयरन ओर माइंस के फैक्टर को शामिल करने की बात प्रबंधन ने लिखी थी।













