- बोकारो अनाधिशासी कर्मचारी संघ-BAKS, ALC धनबाद, बीएसएल प्रबंधन के बीच दोपहर में सीसीबीसी सेंटर सेक्टर 9 में बैठक हुई।
- श्रमायुक्त के आश्वासन पर 10 अक्टूबर की हड़ताल को टाल दिया गया था, जिसको लेकर अब दोबारा मंगलवार को मीटिंग हुई।
सूचनाजी न्यूज, बोकारो। सेल कर्मचारियों के आधे-अधूरे वेज रिवीजन, बिना समझौते का बोनस भुगतान आदि मुद्दों को लेकर बोकारो में त्रिपक्षीय वार्ता हुई। बोकारो अनाधिशासी कर्मचारी संघ-BAKS, ALC धनबाद, बीएसएल प्रबंधन के बीच दोपहर में सीसीबीसी सेंटर सेक्टर 9 में बैठक हुई, जो रात 9 बजे तक चली।
बैठक में बोनस को लेकर कोई खास बात सामने नहीं आई। यह मामला केंद्रीय मुख्य श्रमायुक्त के चल रहा है। एएलसी धनबाद ने वहां बातचीत की। जवाब दिया गया कि दिल्ली में जल्द ही कोई फैसला होगा। इसके अलावा स्थानीय कई मुद्दों पर सहमति बन गई। अगली मीटिंग धनबाद में 10 नवंबर को है। यह तीसरी बैठक होगी। तब तक के लिए हड़ताल को टाल दिया गया है।
बैठक में प्रबंधन की ओर से आश्वासन दिया कि कर्मचारियों की मांग पर काम किया जा रहा है। वेज रिवीजन के मुद्दे पर बैठक में कोई बातचीत नहीं हो सकी, क्योंकि यूनियन कोर्ट में गई हुई है। इसलिए बैठक में कोई चर्चा नहीं हो सकी। वहीं, ट्रेनिंग पीरियड को सर्विस में जोड़ने पर सहमति बनी है। कार पास पर सहमति बन गई है।
जर्जर आवास से छुटकारा दिया जाएगा। आउट ऑफ टर्म में अच्छे आवास दिए जाएंगे। इंसेंटिव फॉर्मूले पर दिल्ली से बात की जाएगी। स्थानीय स्तर पर प्रयास किया जाएगा। यूनियन चुनाव मार्च तक कराने की बात कही गई है। बीएसएल की 9 कैंटीन और रेस्ट रूम पर विचार किया जाएगा। आरएमएचपी से रेस्ट रूम के सुधार का काम शुरू होगा। इसी तरह मशाल जुलूस निकालने पर प्रबंधन ने कर्मचारियों को चार्जशीट दिया था, जिसे अगले मीटिंग से पहले रिव्यू करके खत्म किया जाएगा। ट्रांसफर पॉलिसी को ट्रांसपैरेंट बनाया जाएगा।
बैठक में बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष हरिओम, महासचिव दिलीप कुमार, मुस्ताक अहमद आदि शामिल हुए। बता दें कि 10 अक्टूबर को हड़ताल को स्थगित कराने में बीएसएल प्रबंधन को कामयाबी मिली थी। इस पर क्षेत्रीय श्रमायुक्त धनबाद ने 14 अक्टूबर को दोबारा मीटिंग करने की तारीख तय की थी, जिस पर तीनों पक्षों के प्रतिनिधि आमने-सामने हुए।
उल्लेखनीय है कि 9 अक्टूबर को हड़ताल को लेकर प्रबंधन और यूनियन के बीच केंद्रीय श्रमायुक्त धनबाद के कार्यालय में गुरुवार देर रात तक मीटिंग हुई थी। पर्सनल और आइआर के अधिकारियों ने प्रबंधन का पक्ष रखकर माहौल को शांत करा लिया था। उस समय 30 सूत्रीय मांगों में से महज 14 प्वाइंट पर ही बात हो सकी थी। श्रमायुक्त के आश्वासन पर हड़ताल को टाल दिया गया था, जिसको लेकर अब दोबारा मंगलवार को मीटिंग हुई।
जानिए खास मुद्दे जिस पर बवाल मचा है…
1 . ASPLIS (बोनस) फॉर्मूला को सीधे प्रोडक्शन से जोड़ कर नया फॉर्मूला बनाना। प्रोडक्शन रिलेटेड पे लागू किया जाए।
2 .इंसेंटिव फॉर्मूले को संशोधन कर जनवरी 2017 से लागू करना।
3 . कर्मचारी से अधिकारी वर्ग में पदोन्नति (E0) नीति में बदलाव करना। डिप्लोमा और समकक्ष शैक्षणिक योग्यता वाले कर्मियों को 10 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के पश्चात JO परीक्षा हेतु पात्र कर दिया जाए। साथ ही बीटेक तथा उसके समकक्ष अन्य शैक्षणिक योग्यताधारी कर्मियों को 5 वर्ष सेवा पूर्ण करने पर JO परीक्षा हेतु योग्य किया जाए।
4 . सुपरवाईजरी कैडर सहित ग्रेड वाइज पदनाम को लागू करना।
5 . छुट्टियों की संख्या में संशोधन करना। CL-15 , EL-30, RH-7 के अलावा होली, दिवाली, दुर्गापुजा/दशहरा , ईद, मई दिवस के दिन छुट्टी को सवैतनिक अवकाश घोषित करना।
6 . सेल की जमीन पर ट्रस्ट के माध्यम से संचालित सभी निजी विद्यालयों के ट्यूशन तथा अन्य शुल्क को डीपीएस राँची के तर्ज पर लागू करवाना।
ये खबर भी पढ़ें: Bokaro Steel Plant के 4 सीजीएम का ट्रांसफर, एक जीएम बने एचओडी