- अप्रैल, मई, जून 2023 की प्रदाय राशि माह अगस्त के लगभग समाप्त होने तक कर्मचारियों को नहीं मिली है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (SAIL) के कर्मचारी इस वक्त सोडेक्सो को लेकर काफी तनाव में हैं। संयंत्र कर्मियों (Plant Employee) को प्राप्त वैधानिक सुविधा के तहत टैक्स रिबेट प्राप्त करने के लिए सुडोक्सो दिया जाता है। प्रतिदिन 100 रुपए की प्रति कार्य दिवस (साप्ताहिक अवकाश को छोड़कर) त्रैमासिक आधार पर सोडेक्सो मील वाउचर नियोक्ता द्वारा भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मियों के मध्य सहमति के आधार पर प्रदान किया जाता है।
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यह अमूमन प्रति तीन माह पर रुपए साढ़े सात हजार के लगभग कर्मियों के सोडेक्सो खातों (Sodexo Accounts) में प्रदान किया जाता है। अर्थात अप्रैल, मई, जून 2023 की प्रदाय राशि माह अगस्त के लगभग समाप्त होने तक कर्मचारियों को नहीं मिली है।
सीटू (CITU) के सहायक महासचिव एसएसएसके परिनकर का कहना है कि पत्र क्रमांक HSEU/2023/44 Dt. 12 अगस्त 2023 को मुख्य महाप्रबंधक कार्मिक को इस संबंध में पत्र लिखकर मामला प्रबंधन के संज्ञान में लाया गया था। इस पर प्रबंधन ने सोडेक्सो के वेंडर में परिवर्तन को उपयुक्त देरी का कारण बताया था एवं उपरोक्त प्रकरण के शीघ्र निवारण का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कोई रिजल्ट नहीं निकला है।
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गंभीर शून्यता के कारण कर्मियों में आक्रोश
सीटू का कहना है कि संयंत्र के भीतर विभिन्न मुद्दों पर गंभीर शून्यता के कारण कर्मियों में दिन प्रतिदिन हताशा एवं आक्रोश का वातावरण पनप रहा है। सीटू कार्यालय में कार्यरत एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा यूनियन मान्यता चुनाव में कुछ श्रमिक संगठन तरह-तरह के वादे एवं प्रलोभन राजनीति कर कर्मियों को नए प्रयोग करने के लिए प्रेरित करते हैं। किंतु मान्यता चुनाव के उपरांत अनुभव की कमी एवं ट्रेड यूनियन के सिद्धांतों से समझौता कर कर्मचारियों के हितों के लिए घातक सिद्ध हो जाते हैं। कर्मियों ने यह भी माना कि सीटू सदैव धरातल में रहकर सच्चाई एवं कर्मचारी हितैषी में ही कार्य करती है।
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प्रबंधन के टाल मटोल नीतियों का विरोध
लगातार श्रमिक हितों के मामलों को अनदेखी करना एवं वेतन समझौते के लंबित मामले समेत सभी मामलों में प्रबंधन का टालमटोल का रवैया निश्चित ही उत्पादन उत्पादकता के साथ कर्मचारियों में हताशा का माहौल पैदा करता है, जिसे किसी भी स्थिति में संयंत्र हित में नहीं माना जा सकता। इस स्थिति में सीटू अपने संयंत्र के कर्मचारी साथियों से चर्चा कर तीव्र विरोध अवश्य करेगी।