मध्य प्रदेश के कटनी स्थित कोटेश्वर लाइम स्टोन माइन में एक्सीडेंट। सो रहे खलासी को ट्रक ने रौंदा।
सूचनाजी न्यूज, कोटेश्वर। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (SAIL) की चूना खदान कोटेश्वर से एक दुखद खबर है। मध्य प्रदेश के कटनी स्थित कोटेश्वर खदान में हादसा हो गया है। भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) के लाइम स्टोन खदान में एक ट्रक ने नाबालिग खलासी को रौंद दिया है। प्लांट के अंदर एक्सीडेंट होने से आक्रोशित मजदूरों ने काफी देर तक हंगामा किया। गांव वालों ने प्लांट को ही घेर लिया था। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने मामला शांत कराया। शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
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बीएसपी के लाइम स्टोन खदान कोटेश्वर में आदिवासी नाबालिग की मौत का मामला तूल पकड़ रहा है। उमरिया का मूल निवासी 16 वर्षीय अभय कोल कोटेश्वर में मामा के घर पर ही बचपन से रह रहा था। चूना लोडिंग करने वाले ट्रक में खलासी का काम करता था। शुक्रवार रात वह प्लांट के समीप सो रहा था, तभी भोर में 4 बजे एक ट्रक ने बैक करते हुए उसे रौंद दिया। इसके बाद चालक ने गाड़ी को आगे बढ़ाया और फिर रौंदते हुए आगे निकल गया। अचानक से चीख सुनने के बाद चालक ने गाड़ी रोकी। तड़पता देख वह मौके से ट्रक लेकर भाग गया।
आसपास मौजूद कुछ मजदूरों ने पूरे वाक्या को देख लिया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक करीब 5 मिनट तक खलासी तड़पता रहा और फिर सांस टूट गई। माइंस मैनेजर और ट्रांसपोर्टेशन कंपनी को सूचना दी गई। इधर, गांव वालों ने प्लांट को ही घेर लिया था। मामला को शांत करने के लिए शव को तत्काल हटाने की कोशिश की गई, लेकिन गांव वालों और मजदूरों ने ऐसा नहीं होने दिया। हंगामा होता रहा। प्रबंधन विरोधी नारेबाजी की गई।
मुआवजा की मांग और परिवार को नौकरी आदि की मांग की गई। किसी तरह पुलिस ने मामले को शांत कराया और शव का पोस्टमार्टम कराया गया। कोटेश्वर लाइम स्टोन माइंस एटक के ज्वाइंट सेक्रेटरी पुष्पराज सिंह ने Suchnaji.com को बताया कि खदान में सारे नियम कानून ताक पर रख दिए गए हैं। प्लांट में सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है।
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उन्होंने बताया कि नाबालिग लोगों से काम कराया जा रहा है। सेफ्टी के नाम पर कुछ भी यहां नहीं है। यही वजह है कि यह हादसा हो गया। चालक खाली गाड़ी लेकर कैसे चेक पोस्ट का बैरियर पार किया, यह बड़ा सवाल है। किसी ने रोका नहीं। माइंस एरिया के अंदर घटना घटित हुई है। परिवार को मुआवजा मिलना चाहिए। यहां काम करने वालों का कोई रिकॉर्ड नहीं है।
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माइंस मैनेजर अभय कुमार सिंह और कुमार कार्गो कंपनी की कार्य प्रणाली पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। अंतिम संस्कार के लिए भी मुआवजा तक नहीं दिया गया। कोटेश्वर खदान से चूना उठाकर रेलवे साइडिंग और लोडिंग के काम में लगे ट्रकों में खलासी काम करते हैं। इन्हीं में से आदिवासी किशोर अभय कोल था।