SAIL कर्मचारियों को प्रबंधन से लेना है 10 लाख तक बकाया, NJCS की ढिलाई, 11 अप्रैल को नगाड़ा बजाएगा Bhilai

  • बीएसपी वर्कर्स यूनियन बोरिया गेट पर मंगलवार सुबह 8.30 बजे से ढोल बजा कर एनजेसीएस यूनियनों को चिरनिद्रा से जगाएगी।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के कर्मचारी अपने बकाया राशि को लेकर काफी तनाव में हैं। 39 माह का बकाया एरियर, नाइट शिफ्ट एलाउंस, एचआरए आदि को लेकर प्रबंधन के खिलाफ विरोध का नया तरीका अपनाया जा रहा है। 11 अप्रैल को भिलाई स्टील प्लांट के बोरिया गेट के सामने नगाड़ा बजाकर विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा।

इसके अलावा सेल में दिनों दिन मैनपावर प्रोडक्टीविटी बढ़ रही है और मैनपावर कॉस्ट कम हो रही है। इन सब तथ्यों से एनजेसीएस यूनियनों को अवगत कराने के लिए और सभी मुद्दों के समाधान के लिए उन्हें प्रेरित करने के लिए बीएसपी वर्कर्स यूनियन बोरिया गेट पर मंगलवार सुबह 8.30 बजे से ढोल बजा कर एनजेसीएस यूनियनों को चिरनिद्रा से जगाएगी।

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बीएसपी वर्कर्स यूनियन की साप्ताहिक बैठक में बीएसपी कर्मचारियों ने भाग लिया। अपने साथ हो रहे भेदभाव के लिए एनजेसीएस यूनियनों और सेल प्रबंधन को खुब कोसा। बीएसपी कर्मचारियों का वेतन समझौता 76 महीनों से लंबित है। हर साल बढ़ती महंगाई के बीच डेढ़ दशक पुरानी सुविधाओं में बढ़ोतरी ना होने से सभी बीएसपी कर्मचारियों ने चिंता व्यक्त की।

बीएसपी वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष उज्जवल दत्ता ने कहा कि एनजेसीएस कमेटी ने हमारा वेज रिवीजन टालने के लिए पहले एक अनैतिक MoU के माध्यम से बीएसपी अधिकारियों के 15% एमजीबी और 35% वैरियेबल पर्क्स की तुलना में बीएसपी कर्मचारियों को सिर्फ 13% एमजीबी और 26.5% वैरियेबल पर्क्स ही देकर ठगा, उसके बाद इस काले MoU होने के 18 महीने बीतने के बाद भी 39 महीनों का फिटमेंट एरियर, 58 महीनों का वैरियेबल पर्क्स का एरियर, रात्रि भत्ता, एचआरए, छुट्टियां आदि मुद्दों को लटका रखा है। एनजेसीएस नेता इन मुद्दों के समाधान के नाम पर सिर्फ चर्चा करने दिल्ली जाते है और अपना TA-DA बनाते है।

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बीएसपी वर्कर्स यूनियन अध्यक्ष ने बताया कि फिटमेंट और वैरियेबल पर्क्स एरियर के रूप में सभी कर्मचारियों का 3 से 10 लाख रुपये अटका पड़ा है। एचआरए और रात्रि भत्ता ना बढ़ने से कर्मचारियों का मासिक वेतन में भी भारी नुकसान हो रहा है। सभी बीएसपी कर्मचारी बीएसपी अधिकारियों के बराबर ही ईएल, सीएल और त्योहारी छुट्टियां पाने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। फेस्टिवल एडवांस, आवास ॠण, वाहन ॠण, बच्चों के लिए उच्च शिक्षा ॠण आदि मुद्दों पर एनजेसीएस में कोई चर्चा ही नहीं होती।

उज्जवल दत्ता ने कहा कि एक ओर जहां हर सेल-सेफी मीटिंग में अधिकारियों के कुछ ना कुछ मुद्दे हल हो जाते हैं। वहीं, दूसरी ओर साल भर में दर्जन भर एनजेसीएस मीटिंग होने के बाद भी हम कर्मचारियों का एक भी मुद्दे का समाधान नहीं हो पाता।

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एनजेसीएस कमेटी में लंबित मुद्दों की बढ़ती संख्या और कर्मचारियों के हित की अनदेखी का सबसे बड़ा कारण कमेटी में कम नियमित सेल कर्मचारी का होना है। एनजेसीएस नेताओं का तर्करहित और दिशाहीन निगोशिएशन एवं स्वार्थपूर्ण गतिविधियों ने आज सेल कर्मचारी अन्य पीएसयू कर्मचारियों की तुलना में वेतन और सुविधाओं में बहुत पीछे हो गए हैं। एनजेसीएस कमेटी के पुनर्गठन के पश्चात ही सेल कर्मचारियों का उद्धार संभव है।

उज्जवल दत्ता ने सेल की वर्तमान स्थिति पर खुशी जताते हुए कहा कि सेल ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के अपने 1.03 लाख करोड़ रुपयों के रिकॉर्ड कारोबार को भी पीछे छोड़ते हुए 2022-23 के वित्तीय वर्ष में ऐतिहासिक 1.14 लाख करोड़ रुपयों का करोबार किया है। सेल में दिनों दिन मैनपावर प्रोडक्टीविटी बढ़ रही है और मैनपावर कॉस्ट कम हो रही है।

बैठक में प्रमुख रूप से यूनियन अध्यक्ष उज्जवल दत्ता, महासचिव खूबचंद वर्मा, कार्यकारी महासचिव शिव बहादुर सिंह, दिल्लेश्वर राव, उपाध्यक्ष अमित बर्मन, उप महासचिव सुरेश सिंह, सहायक महासचिव विमल कांत पांडे, प्रदीप सिंह, राजेश कांत फिरंगी, लुमेश कुमार, सचिव मनोज डडसेना, धनजय गिरी, नरसिंह राव, प्रवीण कुमार, रामचंद्र साहू आदि उपस्थित थे।