- सेल मैनेजमेंट सेंट्रल लेबर कमिश्नर के सामने बोल चुका-एरियर्स देने के बारे में मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग में कुछ भी नहीं लिखा गया है।
सूचनाजी न्यूज, राउरकेला। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के कर्मचारियों के आधे-अधूरे वेतन समझौते और बकाया 39 माह के एरियर को लेकर बड़ी खबर आ रही है। लंबे समय से मांग होने के बाद भी प्रबंधन गौर नहीं कर रहा है। इसके खिलाफ बड़ा आंदोलन छेड़ने की रणनीति तैयार की गई है।
सेल कर्मचारियों के लंबित मुद्दों पर स्टील वर्कर्स फेडरेशन ऑफ़ इंडिया-एसडब्ल्यूएफआई के 10वें राष्ट्रीय सम्मेलन राउरकेला में सीटू नेता दहाड़े। नई कार्यकारिणी गठित होते ही नई भूमिका में आए नेताओं ने सेल प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलने की बात कही।
सम्मेलन में सीटू नेताओं ने कहा कि पहले पांच-पांच साल का वेतन समझौता होता था। बदली हुई राजनीतिक परिस्थितियों में प्रबंधन ने 10 साल के समझौते में धकेल दिया है। 2017 से दसवां वेतन समझौता शुरू हुआ। अभी लगभग 104 महीना बीत जाने के बाद भी वेतन समझौता की प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी है।
एरियर्स देना प्रबंधन की बाध्यता नहीं
वहीं, प्रबंधन सेंट्रल लेबर कमिश्नर के सामने बोल चुका है कि एरियर्स देने के बारे में मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग में कुछ भी नहीं लिखा गया है। इसीलिए एरियर्स देना प्रबंधन की बाध्यता नहीं है। प्रबंधन बहुमत से MOU कराने के बाद यह बात कह रही हैं। किंतु हम एरियर्स मिलते तक संघर्ष को जारी रखेंगे और अपना हक लेकर रहेंगे।
लड़ेंगे तो जीतेंगे जरूर
श्रमिक नेताओं ने कहा-देश के उद्योग जगत एवं देश पर जो खतरा आ रहा है, उसको रोकने के लिए शॉप फ्लोर स्तर से लेकर हर स्तर पर मेहनतकश को संगठित करना होगा। राजनीतिक समझदारी के साथ कर्मियों के बीच जाना होगा एवं राजनीतिक चेतना को बढ़ाते हुए संघर्षों को तेज करना होगा, लड़ाई जीतने में देरी हो सकती है किंतु लड़ाई जीतेंगे जरूर।
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एरियर, बोनस, ग्रेच्यूटी, पेंशन, वेज रिवीजन
बोकारो स्टील प्लांट के महासचिव आरके गोरांई ने बताया कि एसडब्ल्यूएफआई के सम्मेलन में 39 महीने के बकाया एरियर, बोनस, ग्रेच्यूटी, पेंशन, वेज रिवीजन के लिए आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया गया।
बोकारो स्टील प्लांट से बीडी प्रसाद उपाध्यक्ष और आरके गोरांई सचिव चुने गए। वहीं बोकारो स्टील प्लांट से आरएन सिंह,देव कुमार, आर आर पन्ना व इश्तियाक अंसारी कार्यकारिणी सदस्य चुने गए। सम्मेलन में सर्वसम्मति से वाइजैग स्टील प्लांट के निजीकरण के खिलाफ, सांप्रदायिक कारपोरेट गठजोड़ के खिलाफ, ठेका मजदूरों के शोषण के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया।