ठेका मजदूरों की 5 मीटिंग पहले हो चुकी है। लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका। आज तक सहमति नहीं बन सकी है। अब यह छठी बैठक है। इसमें कुछ रिजल्ट निकलने की उम्मीद है।
अज़मत अली, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (Steel Authority Of India Limited) के ठेका मजदूरों के वेतन को लेकर गुरुवार दोपहर 12 बजे से दिल्ली में एनजेसीएस सब-कमेटी की मीटिंग है। सेल प्रबंधन को घेरने के लिए एनजेसीएस यूनियनों ने रणनीति बनाई है। ठेका मजदूरों को नियमित कर्मचारियों के एस-1 ग्रेड के बराबर वेतन देने, जॉब सिक्योरिटी, पीएफ, नाइट शिफ्ट एलाउंस आदि पर प्रबंधन को घेरा जाएगा।
एनजेसीएस सदस्य एटक के रामाश्रय प्रसाद ने सूचनाजी.कॉम को बताया कि वर्कर की जॉब की सिक्योरिटी पर भी बात होगी। प्लांट के अंदर हॉयर एंड फायर की परंपरा चल रही है। ठेकेदार बदलते ही मजदूर बदल दिए जाते हैं। अनुभवी मजदूरों को हटा दिया जाता है। सभी एनजेसीएस लोग आपस में बात करके इस पर जोर देंगे। वर्कर को काम से निकाला न जाए, इसको लेकर कोई ठोस रणनीति के तहत चर्चा होगी। ठेका मजदूरों की 5 मीटिंग पहले हो चुकी है। लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका। आज तक सहमति नहीं बन सकी है। अब यह छठी बैठक है। इसमें कुछ रिजल्ट निकलने की उम्मीद है।
एसडब्ल्यूएफआई के महासचिव ललित मोहन मिश्र का कहना है कि सेल के अधिकारियों को 2 लाख तक का फायदा हो गया। नियमित कर्मचारियों का भी कुछ वेतन बढ़ा। लेकिन, दिन रात एक करके प्लांट में अपना योगदान देने वाले मजदूरों का वेतन 750 रुपए बढ़ाने की बात प्रबंधन ने पिछली बैठक में की थी, यह काफी शर्म की बात है। गुरुवार की मीटिंग में मजदूरों के एडब्ल्यूए की राशि को बेसिक से जोड़ने कांग होगी।
एचएमएस नेता का कहना है कि एडब्ल्यूए का पैसा रिवाइज कराने पर ही जोर है। 700 रुपए बढ़ाने की बात प्रबंधन ने की गई थी, जिसे खारिज कर दिया गया था। एडब्ल्यूए की जो राशि मिलती है उसका पीएफ काटने की मांग है। ग्रुप इंश्यूरेंस, ग्रेच्युटी, नाइट शिफ्ट एलाउंस, कैंटीन एलाउंस पर भी बात होगी। 21 हजार रुपए न्यूनतम वेतन की मांग है। जैसे ही पीएफ कटना शुरू होगा, वह वेज का पार्ट हो जाएगा।
इसी पर बोनस बनेगा। इंटक के बीएन चौबे का कहना है कि रेगुलर की तरह ही ठेका मजदूर भी काम कर रहे हैं। उनकी भूमिका को देखते हुए वेतन बढ़ाने की मांग की गई है। स्टील वर्कर की तरह पहचान मिलना चाहिए। करीब 8 माह बाद बैठक होने जा रही है।