- हड़ताल से पहले बीएसपी प्रबंधन की तैयारियां दहलाने वाली
- प्रमोशन, ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने आदि का दावा।
- 28 अक्टूबर को होने वाली हड़ताल से पहले बीएसपी की रणनीति।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। केंद्रीय श्रमायुक्त (Central Labour Commissioner) के साथ सेल प्रबंधन (SAIL Management) और NJCS यूनियनों के मध्य समझौता बैठक 25.10.24 बेनतीजा समाप्त हो जाने से भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) में हड़ताल की आशंका तेज हो गयी है।
संयुक्त यूनियन के मोर्चे ने 28 अक्टूबर को हड़ताल का नोटिस पहले ही दे दिया था। उल्लेखनीय है कि संयुक्त यूनियन में शामिल INTUC, CITU, HMS, AITUC , ACTTU BMS LOIMU आदि यूनियनें लगातार हड़ताल को सफल बनाने की कोशिशें कर रहीं है। वहीं भिलाई अनाधिशासि कर्मचारी संघ BAKS ने अलग से हड़ताल का नोटिस दिया है और भिलाई वर्कर्स यूनियन BWU ने हड़ताल में सहयोग करने की घोषणा की है।
इंटक की ठेका श्रमिक यूनियन भी हड़ताल में शामिल होगी। डिप्लोमा इंजीनियर्स असोसिएशन ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। हड़ताल की प्रमुख मांगों में 39 महीने का एरियर्स, HRA का भुगतान, पेंशन से सीलिंग हटाना, ठेका श्रमिकों का वेतन समझौता करना जैसी मांगें शामिल हैं।
यूनियनें ठेका श्रमिकों को प्रभावित करने के लिए लगातार कार्य स्थल और आस पास के गांव में भी सक्रिय हैं। जोरातराई और मरोदा गेट में सक्रियता ज्यादा है। यूनियनों को भरोसा है कि इस बार नियमित कर्मियों का सहयोग भी उन्हें अच्छा मिलेगा।
बीएसपी प्रबंधन की ये है तैयारियां
इस बीच प्रबंधन ने भी हड़ताल को असफल करने की रणनीति बनाई है। हमेशा की तरह जिला और पुलिस प्रशासन के सहयोग के प्रयास किये गए हैं। प्लांट में उपस्थित लोगों के खान पान की व्यवस्था तो होगी ही। लेकिन इस बार प्रबंधन अनुशासनहीनता को बिल्कुल भी बर्दाश्त करने के मूड में नहीं दिख रहा।
सीसी टीवी फुटेज बनेंगे साक्ष्य
हाई डेंसिटी CCTV कैमरे हर गेट के पास लगे होंगे, जो दूर से भी स्पष्ट फुटेज दे सकेंगे। कंट्रोल रूम से इसकी लगातार मॉनिटरिंग होगी और काम में जाने वालों पर रोक टोक या जबरदस्ती करने वालों के खिलाफ तुरंत कार्यवाही की जाएगी।
स्पेशल पॉवर के साथ पर्सनल आफिसर थमाएंगे नोटिस
कार्मिक अधिकारी संभवतया विशेष प्रबंधकीय अधिकार के साथ गेट पर रहेंगे जो तत्काल अनुशासनात्मक कार्यवाही के पत्र दे सकेंगे। पिछली बार के कैमरे छीनने के अनुभव के बाद इस बार 700 CCTV और ड्रोन के माध्यम से शूटिंग की जाएगी। औद्योगिक सम्बन्ध विभाग इस दिशा में कार्यवाही कर रहा है।
प्रबंधन का कहना है कि 30 जून 2021 को हुई हड़ताल में कुछ बाहरी नशेबाज तत्त्वों और कुछ स्थानीय यूनियन नेताओं के माध्यम से कुछ अराजकता का माहौल बनाया था, जिसके पर्याप्त सबूत और साक्ष्य प्रबंधन के पास हैं। इस तरह की कार्रवाई में लिप्त व्यक्तियों के बारे में प्रशासन को सूचित किया जा रहा है और प्रबंधन उन पर कठोरतम कार्यवाही का मन बना रहा है।
ये खबर भी पढ़ें: SAIL को SHRM HR Excellence Awards, जानिए क्यों है खास
सभी कर्मचारियों और ठेका श्रमिकों को सूचित किया जा रहा है कि वे किसी भी अवैध हड़ताल में शामिल न हों, क्योंकि ऐसा करना अनुशासन हीनता होगी।
ये खबर भी पढ़ें: SAIL को SHRM HR Excellence Awards, जानिए क्यों है खास
प्रबंधन चर्चा को तैयार थी, लेकिन एनजेसीएस यूनियनें…
इधर इस संदर्भ में BSP के अधिकारियों की एक बैठक होने की भी सूचना है जिस पर इन सभी विषयों पर चर्चा हुई। प्रबंधन NJCS बैठक के बारे में भी सभी कार्मिकों और ठेका श्रमिकों को यह सूचित करने का प्रयास करेगा कि बोनस के लिए नया फार्मूला HRA जैसे मामलों पर प्रबंधन चर्चा के लिए तैयार था। लेकिन यूनियन एरियर्स के अलावा अन्य विषयों पर चर्चा पर तैयार नहीं हुई।
ये खबर भी पढ़ें: SAIL को SHRM HR Excellence Awards, जानिए क्यों है खास
उन्हें यह भी बताया गया कि अफफोर्डबिलिटी क्लाउस शासकीय निर्देश के अनुरूप लगाए गए हैं और इन पर चर्चा या निराकरण सेल प्रबंधन के हाथ में ही नहीं है। लेकिन यूनियनों से इसी बात पर हड़ताल वापस न लेने का ऐलान कर दिया।
इसलिए प्रबंधन अपने सभी कर्मियों और ठेका श्रमिकों से हड़ताल में न जाने सामान्य उपस्थिति देने और भरपूर उत्पादन का अनुरोध करेगा। सभी से अपील की जाएगी कि वे बहकावे में नही आएं।
ये खबर भी पढ़ें: विधानसभा चुनाव, कर्मचारी पेंशन योजना 1995 और 7500 रुपए न्यूनतम पेंशन पर भीतर की बात
हड़ताल अवैध क्यों, प्रबंधन बता रहा…
औद्योगिक विवाद अधिनियम 1946 की धारा 22 d के अनुसार सुलह वार्ता के दौरान या वार्ता समाप्ति के एक सप्ताह के भीतर यूनियनें हड़ताल में नहीं जा सकतीं, क्योंकि यह हड़ताल अवैध होगी। यूनियन नेताओं से अपील की गई हैं कि वे अवैध हड़ताल में भाग लेने के लिए कर्मियों को न उकसाएं।
ये खबर भी पढ़ें: Crude Steel Production: चीन, भारत और जापान का ग्राफ गिरा, पाकिस्तान दूर तक नहीं
कर्मचारियों को 5 लाख तक का नुकसान होगा…
इसके अतिरिक्त इस्पात उद्योग को भारत सरकार ने लोक उपयोगिता सेवाएं घोषित किया है, जिसके तहत हड़ताल अवैध ही रहेगी। अतः इसमें भाग लेने से न सिर्फ कर्मी की तनख्वाह कटेगी, बल्कि भविष्य का प्रमोशन रुकेगा और अनुशासनात्मक कार्यवाही भी होगी। इसके कारण सजा मिलने पर सेवानिवृत्ति के समय कर्मियों को 5 लाख रुपये तक का नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।
ये खबर भी पढ़ें: Coal India: एसईसीएल ने डिजिटलीकरण को दिया बढ़ावा, पढ़िए डिटेल
ट्रेड यूनियन एक्ट के तहत भी एक्शन होगा
इसके अतिरिक्त प्रबंधन ने मन बना लिया है कि विधि विपरीत कार्य करने पर यूनियनों के विरुद्ध भी ट्रेड यूनियन एक्ट की विभन्न प्रतिबंधात्मक धाराओं के अंतर्गत निलंबन और रेजिस्ट्रेशन रद्द करने की कार्यवाही की जाएगी।
अनुशासनहीनता और कामकाज में बाधा डालने को प्रबंधन गंभीरता से ले रहा है। ED HR ने इस संबंध में एक अपील भी जारी की है और कर्मियों से हड़ताल में भाग न लेने तथा उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने को कहा है। इसी से समृद्धि आ सकती है और इसी के माध्यम में कर्मचारियों का हित पूरा किया जा सकता है।
ये खबर भी पढ़ें: ईपीएस 95 पेंशन, ईपीएफओ, ईवीएम, सुप्रीम कोर्ट और महाराष्ट्र चुनाव पर रिपोर्ट