इस्पात संसदीय कमेटी की मीटिंग में उठा SAIL वेज रीविजन का मुद्दा, BAKS ने सांसदों को सौंपी फेहरिस्त

SAIL wage revision issue raised in Steel Parliamentary Committee meeting, BAKS submitted list to MPs 1
बीएकेएस बोकारो, बीएकेएस भिलाई तथा आरएकेएस राउरकेला ने एक साथ कमेटी सदस्यो के संज्ञान में लाया मुद्दा। कर्मचारियों की बढ़ी उम्मीदें।
  • अधिकारी वर्ग को अप्रैल 2020 से पर्क्स के एरियर का भी भुगतान किया गया, जबकि कर्मचारी वर्ग को सरकार के मंजुरी तिथि से भुगतान कर भारी भेदभाव किया गया।

सूचनाजी न्यूज, बोकारो/भिलाई। इस्पात संसदीय कमेटी की मीटिंग के पहले बीएकेएस बोकारो, भिलाई तथा आरएकेएस राउरकेला ने कमेटी के संसद सदस्यो के समक्ष सेल कर्मियों के कई मुद्दे को रखा। जिसकी गंभीरता को देखते हुए कई सदस्य, चतरा सांसद कालीचरण सिंह, लोहरदग्गा सांसद सुखदेव भगत, राज्य सभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह, राजसमंद सांसद रूप कुमारी चौधरी, कोरबा सांसद ज्योतसना महंत आदि ने सेल कर्मियों के वेज रीविजन पर हरसंभव कदम उठाने तथा मदद का आश्वासन दिया है।

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8 सालो से अधूरे वेज रीविजन को कमेटी चेयरमैन अनुराग ठाकुर के समक्ष भी लाया गया। किसी विशेष कारणो के कारण अनुराग ठाकुर दौरे पर नहीं आए तो उनके निजी सचिव ने तीनों यूनियनो के पत्र को इस्पात मंत्रालय तथा सेल प्रबंधन (SAIL – Management) को भेज कर जवाब लेने का निर्देश दिया है।

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एक्टिंग चेयरमैन के रूप में राजमहल सांसद विजय कुमार हांसदा ने कमेटी की अध्यक्षता कर विभिन्न मुद्दो पर चर्चा किया।
गौरतलब है कि सेल गैर कार्यपालक कर्मियों का वेज रीविजन एमओयू हुए 38 माह होने के बावजूद अभी तक एरियर तथा बाकि मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं हो पाया है। जिसके कारण कर्मियों को लाखों रुपया का नुकसान प्रति वर्ष हो रहा है।

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जबकि दूसरे महारत्ना कंपनियों के तर्ज पर सेल गैर कार्यपालक कर्मियों का वेज रीविजन करने की अनुशंसा पूर्व में ही इस्पात संसदीय कमेटी द्वारा दिसम्बर 2014 में की गई थी । जिसको सरकार (इस्पात मंत्रालय ) ने मान भी लिया था। उसके बाद भी सेल गैर कार्यपालक कर्मियों के साथ भारी भेदभाव कर 15% एमजीबी के बदले मात्र 13 प्रतिशत एमजीबी, 35 प्रतिशत पर्क्स के बदले मात्र 26.5 प्रतिशत पर्क्स पर अवैध समझौता किया गया।

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बीएकेएस भिलाई कोषाध्यक्ष नवीन कुमार मिश्रा ने कहा-अधिकारी वर्ग को अप्रैल 2020 से पर्क्स के एरियर का भी भुगतान किया गया, जबकि कर्मचारी वर्ग को सरकार के मंजुरी तिथि से भुगतान कर भारी भेदभाव किया गया।

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शोषण के खिलाफ आवाज उठाने के लिए आए-हरिओम

बीएकेएस का जन्म शोषण और अत्याचार की पृष्ठभुमी पर हुआ है। कर्मचारियों का स्थानांतरण, निलंबन, वेज रीविजन में भेदभाव, सुविधाओं में भेदभाव ने सेल की सभी यूनिटो में कार्यरत कर्मचारियों के भीतर आक्रोश पनपाया। हम अपने अधिकार के लिए प्रत्येक फोरम पर जाने हेतु वचनबद्ध हैं।
हरिओम, अध्यक्ष बीएकेएस बोकारो

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