SAIL कर्मी बोले-अंधेर नगरी…राजा, राजहरा में 100% हुई थी हड़ताल, किसी का नहीं रुका प्रमोशन, भिलाई में क्यों…?

SAIL workers said - there was 100% strike in Rajhara, no one's promotion stopped, why in Bhilai...?
सेल के भिलाई स्टील प्लांट में ही दो तरह की व्यवस्था पर कर्मचारी भड़के हुए हैं। बीएसपी कर्मचारियों की जुबां से अब ये सबकुछ निकल रहा।
  • वर्क्स प्रबंधन के मौखिक आदेश पर प्रमोशन रोकने का दावा किया गया था।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल में 28 अक्टूबर की हड़ताल होने के बाद भी मामला शांत नहीं है। हड़ताल का हिस्सा रहे कर्मचारियों को प्रबंधन ने सजा दी। प्रमोशन रोक दिया। भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) में हंगामा बरपा हुआ है।

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वहीं, बीएसपी के राजहरा आयरन ओर ग्रुप ऑफ माइंस (Rajhara Iron Ore Group of Mines) में 100% हड़ताल के बावजूद किसी का प्रमोशन नहीं रोका गया है। इस बात पर राजहरा के पर्सनल डिपार्टमेंट ने भी स्पष्ट कर दिया है कि हड़ताल में शामिल किसी का प्रमोशन नहीं रोका गया है। सिर्फ भिलाई में ऐसी खबर है।

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सेल के भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) में ही दो तरह की व्यवस्था पर कर्मचारी भड़के हुए हैं। बीएसपी कर्मचारियों की जुबां से अब निकलने लगा है कि अंधेर नगरी…राजा। प्रमोशन से वंचित कर्मचारी ने कहा-राजा को जो अच्छा लगता था, वही करता था और पूरे राज्य में अंधेरगर्दी मची रहती थी।

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अब भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) में भी जो नई-नई बातें सामने आ रही है, जिसमें कोई किसी बात की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। लेकिन सब कुछ हो रहा है अंधेर नगरी में…। राजा वाली कहावत बीएसपी में चरितार्थ होती नजर आ रही है, अन्यथा मौखिक आदेश पर इतना बड़ा कदम नहीं उठाया जाता।

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राजहरा माइंस में नहीं रोका गया किसी का प्रमोशन

सूचनाजी.कॉम ने राजहरा कार्मिक विभाग से संपर्क किया तो पता चला कि वहां इस तरह का कोई भी निर्देश ऊपर से प्राप्त नहीं हुआ है। वहां सभी कर्मियों का निर्धारित समय पर क्लस्टर चेंज प्रमोशन क्वालिफिकेशन बेस प्रमोशन एवं अपग्रेडेशन कर दिया गया है। इससे यह पता चलता है कि उच्च प्रबंधन एक ही संयंत्र के अंदर दो अलग-अलग स्थान पर किस तरह से कार्य कर रही है। ज्ञात हो कि यह वही राजहरा माइंस है जहां पर 28 अक्टूबर को 100% हड़ताल हुई थी।

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कुछ लोगों की गलतियों का खामियाजा भुगतना पड़ता है प्लांट और कर्मचारियों को

इस पूरे घटना पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सीटू नेताओं ने कहा कि प्रबंधन की गलतियों का खामियाजा न केवल कर्मियों को भुगतना पड़ता है, बल्कि संयंत्र को भी भुगतना पड़ता है। इसीलिए प्रबंधन को ऐसे कार्यों को अंजाम देने से बचना चाहिए। किंतु हड़ताल की सफलता से बौखलाई प्रबंधन ने कर्मियों के प्रमोशन पर वार करने का जो कार्य किया है, वह समझदार एवं नियमों पर चलने वाले प्रबंधन की निशानी नहीं है।

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मनोबल तोड़ने में हमेशा अव्वल रहा है संयंत्र प्रबंधन

संयंत्र कर्मियों का कहना है कि कर्मियों को कुछ भी देने की जब भी पारी आती है। प्रबंधन उसे देना तो दूर, उल्टा दूसरे संयंत्रों की तरफ ताकने लगता हैं। किंतु कर्मियों के सुविधाओं में कुछ भी कटौती करना हो एक क्षण भी बिना सोचे समझे तुरंत उन कटौतियों को अंजाम दे देते हैं।

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यदि मनोबल तोड़ने के मामले में हमारे संयंत्र प्रबंधन को सेल के सभी संयंत्रों में अव्वल कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगा, क्योंकि पिछले दिनों 28 अक्टूबर की हड़ताल को मन में रखकर कर्मियों का नेहरू अवॉर्ड से नाम काटा गया। क्वालिटी सर्किल टीमों से कर्मियों का नाम काटा गया।। अब प्रमोशन पर हमला जारी है।

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संयंत्र के कई अधिकारी खुश नहीं है उच्च प्रबंधन के इस निर्णय से

बीएसपी की ट्रेड यूनियन नेताओं ने कहा-यह बात भी आ रही है कि कर्मियों के सीधे संपर्क में रहने वाले अधिकारी अच्छे से जानते हैं कि जिन कर्मियों का प्रमोशन रोका गया है, वह विभाग में किस तरह से काम करते हैं। उत्पादन में उनका क्या योगदान है।

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किंतु उच्च प्रबंधन के निर्णय के आगे वे कुछ नहीं कह सकते। इसीलिए मौन है। किंतु दबी जुबान इस बात को कह रहे हैं कि उच्च प्रबंधन ने जो निर्णय लिया वह ठीक नहीं है किंतु हम क्या कर सकते हैं वे अधिकारी कहते हैं कि इस गलत निर्णय के खिलाफ हम कर्मियों के समर्थन में तो है किंतु हम खुलकर नहीं बोल पाएंगे।

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अब कार्मिक अधिकारियों के अलग-अलग बयान आ रहे हैं अलग-अलग विभागों में

प्रबंधन द्वारा क्लस्टर चेंज प्रमोशन रोकने को लेकर विगत तीन दिनों में कार्मिक विभाग के अधिकारियों के द्वारा बताई जा रहे मौखिक बयान भी बदल रहे हैं। पहले कहा जा रहा था कि वर्क्स प्रबंधन के मौखिक आदेश पर प्रमोशन रोका गया है।

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अब किसी कार्मिक अधिकारी द्वारा कहा जा रहा है कि एनईपीपी पालिसी में क्लस्टर चेंज प्रमोशन में जो कर्मी फेल हो गए, उन्हें रोका गया है। तो कोई कार्मिक अधिकारी बता रहे हैं कि क्वालिफिकेशन बेस्ड कैरियर ग्रोथ में पांच प्वाइंट पर प्रमोशन अपग्रेडेशन है, जिसमें हड़ताल में शामिल होने पर अपग्रेडेशन रोका जा रहा है। यह सब बातचीत अब प्रबंधन द्वारा उठाए गए कदम को लीपापोती करने की कोशिश लग रही है।

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