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- सन 1785 में पेड़ पर रस्से से बांधकर तिलका मांझी को फांसी दी गई थी।
सूचनाजी न्यूज, बोकारो। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बाबा तिलका मांझी की जयंती के अवसर पर सेल एससी-एसटी इम्प्लाइज फेडरेशन बोकारो यूनिट ने सेक्टर-4 स्थित अंबेडकर प्रतिमा स्थल पर कार्यक्रम आयोजित किया। करतार सामंत बोकारो यूनिट महासचिव सह केंद्रीय कमिटी उपाध्यक्ष के नेतृत्व में कार्यक्रम आयोजित किया। बाबा तिलका मांझी के माल्यार्पण के उपरांत फेडरेशन के उपस्थित पदाधिकारियों ने उनके जीवन के संघर्ष पर प्रकाश डाला।
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वक्ताओ ने कहा कि बाबा तिलका मांझी भारतीय स्वाधीनता संग्राम की लड़ाई के शहीद थे। उन्होने हमेशा ही अंग्रेजों को अपने जंगलों की मूल्यवान संपत्ति को लूटते एवं उनके क्षेत्र में आदिवासियों को परेशान करते देखा था। तिलका ने धीरे धीरे अंग्रेजों के खिलाफ जंग छेड़ दिया।
1770 से ही वे अंग्रेज़ों से लोहा लेने लगे। वह लोगों को अंग्रेज़ों के आगे सिर न झुकाने के लिए प्रेरित करते और जात-पात की बेड़ियों से निकल कर अंग्रेज़ों से अपना हक़ छीनने की बात करते थे। तिलका लोगों में रॉबिन हूड जैसे ही मशहूर थे। उन्होंने अंग्रेज़ी शासन के खिलाफ लंबी लड़ाई छेड़ी और संथालों के प्रसिद्ध ‘संथाल विद्रोह’ का नेतृत्व किया।
अंग्रेज़ी सेना पर छापामार हमला बोला तो उन्हें घेर लिया गया और वो पकड़े गए। सन 1785 में पेड़ पर रस्से से बांधकर तिलका मांझी को फांसी दे दी गई।
बोकारो में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य रूप से महेंद्र राम, राकेश कुमार, मानिकराम मुंडा, नबअनंदेश्वर हेम्बरम, समीर टुडू, दिवेश टुडू, अनील कुमार, सुमन पासवान, दिपक रजक, लिलु सोरेन, संजय कुमार, ललित उरांव, सिद्धार्थ सुमन, आनंद कुमार रजक, कृष्ण कुमार दास, राजेश कुमार, विजय राम, दिलीप कुमार, प्रेमनाथ, मुकेश कुमार पासवान, शिव बहादुर राम, पिंटु पासवान, चंद्रशेखर आजाद आदि मौजूद रहे।