SAIL अफसरों के लिए SEFI ने खेला मास्टर स्ट्रोक, एक तीर से कई मुद्दे होने जा रहे हल

  • सेल चेयरमैन अमरेंदु प्रकाश, डायरेक्टर पर्सनल केके सिंह व सेफी चेयरमैन नरेंद्र कुमार बंछोर व अन्य पदाधिकारियों के बीच बैठक हुई।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील एग्जीक्यूटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (Steel Executive Federation of India)-सेफी ने सेल अधिकारियों के लिए बड़ा मास्टर स्ट्रोक (Master Stroke) खेल दिया है। लंबित मुद्दों को हल कराने की दिशा में काफी कामयाबी भी हासिल कर ली है।

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सेफी पदाधिकारियों ने सेल प्रबंधन (SAIL Management) से इस्पात भवन, दिल्ली में सेल अधिकारियों के लंबित मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। इस बैठक में सेफी ने सेल प्रबंधन से कंपनी के समक्ष उपस्थित चुनौतियों तथा उनके संभावित समाधान तथा स्मार्ट वर्किंग, नेतृत्व के विकास पर विस्तृत चर्चा की।

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सेफी एवं सेल प्रबंधन की बैठक में सभी इकाईयों में उत्पादन, उत्पादकता, लाभप्रदता, सुरक्षा, पर्यावरण, मानव संसाधन विकास आदि पर विस्तृत चर्चा हुई। सेफी ने अधिकारियों, कर्मचारियों एवं ठेका श्रमिकों के हितों तथा बेहतरी के लिए सेल प्रबंधन से अनेक लंबित मुद्दों पर सारगर्भित चर्चा की।

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सेफी ने बैठक में यह मुद्दा उठाया

सेफी ने सार्वजनिक इस्पात उपक्रमों का विलय, संसाधनों के अधिकतम उपयोग, टाउनशिप एवं चिकित्सा सुविधाओं में वृद्धि, माइंस कार्मिकों की सुविधाओं में वृद्धि, 11 महीने का पर्क्स, मकान भत्ता पालिसी, इंक्रीमेंटल पीआरपी, सेल पेंशन, इंसीडेंटल एक्सपेंसेस, प्रमोशन पालिसी में संशोधन, सीजीएम के पदों में वृद्धि, वर्क लाइफ बैलेंस, आदि विषय सम्मिलित थे।

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11 माह का बकाया पर्क्स चाहिए

11 माह के पर्क्स की राशि के भुगतान हेतु सेफी ने सेल प्रबंधन से विस्तृत चर्चा की। सेफी, चेयरमेन एवं बीएसपी ओए के अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार बंछोर ने संघर्ष पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सबसे पहले सेफी ने सेल में 26-11-2008 से 04-10-2009 के 11 माह के पर्क्स की राशि के भुगतान हेतु माननीय कैट के समक्ष केस दायर किया था।

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कैट ने सेफी के पक्ष में आदेश दिया था। जिसे सेल प्रबंधन ने कैट के आदेश को उच्च न्यायालय कोलकाता में चुनौती दी थी। 13 सितंबर, 2023 को सेल की रिट याचिका को कोलकाता हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने खारिज कर दिया।
जिसके फलस्वरूप अधिकारियों को अपने वाजिब हक की राशि मिलने का रास्ता साफ हो गया है।

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विदेश यात्रा ने फंसाया सेल अफसरों का पैसा

सरकार के दिशानिर्देश के तहत इस भुगतान को करने के लिए सेल प्रबंधन को अप्रैल 2008 में बोर्ड मीटिंग में प्रस्ताव पारित कर मंत्रालय को प्रेषित करना था।

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परंतु विडम्बना यह है कि उस वक्त सेल का उच्च प्रबंधन एवं मंत्रालय के अधिकारी विदेश यात्रा पर थे। जिसके कारण उन्होंने सरकारी दिशानिर्देश के तहत दिए गए समय-सीमा के भीतर इस प्रस्ताव को रखने में देरी हुई, जबकि उस वक्त सेल के पास हजारों करोड़ रूपये का सरप्लस राशि उपलब्ध थी।

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इस संदर्भ में ज्ञात हो कि इस मुद्दे पर राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आरआईएनएल.) ने तत्काल कार्यवाही करते हुए बोर्ड मीटिंग में इस प्रस्ताव को पारित कर अपने अधिकारियों को पूरा लाभ दिलाया। अतः सेल अधिकारियों को भी तदानुसार 11 माह का पर्क्स एरियर्स का भुगतान करवाने का आग्रह किया।

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सेफी चेयरमेन ने सेल अध्यक्ष अमरेंदु प्रकाश (SEFI Chairman SAIL President Amarendu Prakash) से सेल में यूनिफार्म एचआरए पॉलिसी लागू करवाने हेतु आवश्यक दिशानिर्देश देने का आग्रह किया। वर्ष 2013 में तत्कालीन सेल प्रबंधन द्वारा एक विवादित आदेश द्वारा तत्काल प्रभाव से कार्मिकों को एचआरए हेतु नया आवेदन लेना बंद कर दिया गया था, जिसके फलस्वरूप कार्मिकों के एचआरए पात्रता में विसंगति उत्पन्न हो गयी है। 2013 के बाद जिन कार्मिकों ने अपने निजी मकानों में शिफ्ट किया है।

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उन्हें एचआरए नहीं दिया जा रहा है। बीएसपी के मकान 50 वर्षों से अधिक पुराने हो चुके हैं जो रहने योग्य नहीं है। इन परिस्थितियों में वो कार्मिक जिन्होंने अपना मकान बनाकर अपने आवासों में शिफ्ट कर लिया है। वह अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहा हैं।

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एचआरए न मिलने से पनप रहा आक्रोश

एचआरए के न मिलने से इन कार्मिकों को आवास हेतु लिए गए ऋण को चुकाने में भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। सेल अध्यक्ष से अनुरोध किया गया है कि एचआरए हेतु पूरे कंपनी में एक समान एचआरए नीति लागू की जाए।

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फास्ट ट्रैक प्रमोशन पर आपत्ति  

सेफी अध्यक्ष ने नयी प्रमोशन पालिसी में दिये जाने वाले “फास्ट ट्रैक“ प्रमोशन पर आपत्ति जताई और बताया कि सेल के किसी भी संयंत्र में “फास्ट ट्रैक“ की अर्हताओं को पूर्ण करने वाले ग्रेडिंग किसी भी अधिकारी को नहीं दिये गये हैं।

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इस प्रकार की योजनाओं का लाभ मुख्य कार्यालयों व शक्ति केन्द्र के समीप तैनात लोगों को ही मिल पाएगा और कंपनी के लिए मेहनत करने वाले अधिकारी गुमनाम ही रहेंगे।

अतः “फास्ट ट्रैक“ को त्वरित प्रभाव से प्रमोशन पालिसी से निकाल देना चाहिए और कंपनी में नेतृत्व को उचित प्रकार से उन्नत व प्रभावी बनाने पर ध्यान देना चाहिए।

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टाउनशिप की व्यवस्था बेहतर कराने पर जोर

सेफी ने सेल प्रबंधन से सभी इकाईयों में कंपनी के क्वार्टरों के मरम्मत, क्रमबद्ध नये आवास बनाने की योजना, नगर सुविधाओं के संधारण आदि पर भी विस्तृत चर्चा की।

सेफी ने सेल के सभी इकाईयों में चिकित्सा सेवाओं में आवश्यक सुधार एवं बड़े चिकित्सा संस्थानों से एमओयू आदि पर सेल प्रबंधन से चर्चा की।

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जानिए सेल चेयरमैन अमरेंदु प्रकाश क्या बोले

सेल प्रबंधन ने सभी लंबित मुद्दों पर सकारात्मक पहल करने का आश्वासन दिया। साथ ही सेल चेयरमेन अमरेन्दु प्रकाश ने कहा कि उत्पादन, उत्पादकता एवं लाभप्रदता में वृद्धि हेतु सेफी को अपने सदस्यों को हमेशा प्रोत्साहित करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी संसाधनों का बेहतर उपयोग करने से ही कंपनी एवं कार्मिकों का भविष्य उज्जवल होगा।

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सेफी और सेल की बैठक में ये रहे मौजूद

सेल प्रबंधन एवं सेफी की बैठक में सेल चेयरमेन अमरेन्दु प्रकाश, निदेशक, (कार्मिक) केके. सिंह, कार्यपालक निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) बीएस पोपली, मुख्य महाप्रबंधक मानस रथ, महाप्रबंधक विक्रम उप्पल एवं सेफी प्रतिनिधि मंडल की ओर से सेफी चेयरमेन नरेन्द्र कुमार बंछोर, सेफी महासचिव अबकाश मलिक, सेफी कोषाध्यक्ष लोकनाथ, सेफी उपाध्यक्ष द्वय नरेन्द्र सिंह, अरिंदम डे एवं उप महासचिव सतीश आदि उपस्थित थे।

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