एक समझदार कर्मचारी ने बड़ा सबक दे दिया। बोकारो से नाता रखने वाले सीनियर युवा कर्मचारी ने लिखा-अब भला बुरा कहने के स्तर से हम सभी आगे बढ़ें…।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल (SAIL) कर्मचारियों का गुस्सा पिछले दो-तीन सालों में काफी उफान मार रहा है। सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर खुलेआम गाली-गलौज तक किया गया। ऐसे-ऐसे शब्द लिखे गए, जिसको सार्वजनिक रूप से बोलने से लोग बचते हैं, लेकिन यह सब सोशल मीडिया पर जमकर परोसा गया।
कर्मचारियों को हो रहे आर्थिक नुकसान की वजह से गुस्सा भड़कना शुरू हुआ। प्रबंधन के रवैये को दोषी माना गया। एनजेसीएस यूनियनों को सबसे बड़ा अपराधी ठहरा दिया गया। कुछ तो खुद से उबल रहे थे। कुछ को ऐसा उबाला गया कि वे भी चीर देंगे-फाड़ देंगे के फॉर्मूले पर चलने लगे।
सेल कर्मचारियों में बिगड़ते माहौल के बीच बुधवार सुबह अलॉय स्टील प्लांट के कर्मचारियों के विरोध-प्रदर्शन की एक खबर सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई। एक यूनियन विशेष का नाम लिए बगैर विरोधी यूनियन के सदस्य ने सोशल मीडिया पर लिख दिया Historical NJCS wale dalal…।
यह शब्द आया ही था कि स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (Steel Authority Of India Limited) के एक समझदार कर्मचारी ने बड़ा सबक दे दिया। बोकारो से नाता रखने वाले सीनियर युवा कर्मचारी ने लिखा-अब भला बुरा कहने के स्तर से हम सभी आगे बढ़ें…। अब न तो आलोचना का असर है और न ही पाप-पुण्य का डर…। इसलिए अब जो कर्मचारी हैं या नेता रूपी कर्मचारी…। अपना हित देखिए…।
इसके लिए संगठन को लात मारनी हो तो मारिए…। 8.5% पर्क्स, 2% एमजीबी, एरियर, नॉन स्टैचुअरी बेनिफिट के कारण प्रत्येक साल एक कर्मचारी को नयूनतम डेढ़ लाख रुपए तक घाटा हो रहा है। यूनियन विशेष की आलोचना और खास यूनियन की प्रशंसा से हमें कुछ नहीं मिल रहा है…।
सेल कर्मचारियों का वेतन समझौता आज तक आधा-अधूरा है। एमओयू तो साइन हो गया है। लेकिन एग्रीमेंट अब तक नहीं हो सका है। फुल एनजेसीएस की मीटिंग बुलाने की मांग की जा रही है। लेकिन, प्रबंधन अब तक तारीख घोषित नहीं कर सकता है। इसको लेकर भी कर्मचारियों में काफी गुस्सा भड़का हुआ है।