बीएसपी बीआरएम हादसे पर हड़कंप, प्लांट में उठी शराबबंदी की आवाज

Stir over BSP BRM accident, voice for prohibition of liquor raised in the plant
भिलाई स्टील प्लांट के बार एंड रॉड मिल हादसे पर कर्मचारियों ने छेड़ी मुहिम। उच्च प्रबंधन मामले को गंभीरता से ले और कार्रवाई करे।
  • पिछले दिनों सूचनाजी.कॉम ने सुरक्षा एवं सुरक्षा सप्ताह मनाने के चलताऊ तरीके को लेकर खबर प्रसारित किया था।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) के बार एंड रॉड मिल-बीआरएम हादसे ने सबको चौका दिया है। प्रबंधन सेफ्टी बेल्ट, हेलमेट, जूता-दास्ताना पर ही रोको-टोको करती है। लेकिन, जहां से सबसे ज्यादा हादसा होने का डर रहता है, वहां आंख बंद कर लेने की फितरत अब खतरनाक रूप ले चुकी है।

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एक वरिष्ठ कर्मी ने खुलकर कहा कि प्रबंधन बीएसपी में कैसे शराबबंदी करा सकता है, जब खुद ही जाम से जाम टकराने के खेल में अफसर शामिल हो जाते हैं। हाल तो यह है कि विभागीय पिकनिक समारोह में भी दारू का इंतजाम किया जा रहा है।

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दारू पीने के बाद अधिकारी और कर्मचारी ड्यूटी तक जा रहे हैं। इस पर उच्च प्रबंधन को खासतौर से ध्यान देने की जरूरत है। अगर, गेट पर शराब की चेकिंग शुरू कर दी जाए तो कई कर्मचारियों और अधिकारियों को घर जाना पड़ जाएगा।

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सूचनाजी.कॉम ने पहले ही जताई थी आशंका

पिछले दिनों सूचनाजी.कॉम ने सुरक्षा एवं सुरक्षा सप्ताह मनाने के चलताऊ तरीके को लेकर खबर प्रसारित किया था। और कहा था कि सुरक्षा संयंत्र के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। इसीलिए इसमें कोई खानापूर्ति नहीं होनी चाहिए। किंतु एक तरफ सुरक्षा सप्ताह मानते हुए दूसरे तरफ असुरक्षित कार्यों पर अंकुश ना लगाना दुर्घटनाओं को प्रायोजित करने जैसा है जिस पर प्रबंधन अभी भी गंभीर नहीं है।

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खानापूर्ति करके नहीं रोक सकते हैं दुर्घटनाओं को

सुरक्षा का मतलब सुरक्षा उपकरण तक की सीमित नहीं है, बल्कि व्यवहार में सुरक्षा को लाना बहुत जरूरी है। अर्थात बिहेवियर सेफ्टी कार्यक्षेत्र के सुरक्षित माहौल के लिए बहुत जरूरी है। किंतु शराब पीकर मशीन अथवा क्रेन ऑपरेट करना, मेंटेनेंस करना और उसे जानते हुए भी अधिकारियों के द्वारा उस घटनाओं पर रोको टोको ना करना, सुरक्षा को लेकर खाना पूर्ति से ज्यादा कुछ नहीं है।

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वहीं, एक हाथ में मोबाइल, दूसरे हाथ में पुलपिट अथवा क्रेन का लीवर वाली घटनाएं भी संयंत्र के अंदर आमतौर पर दिखती रहती है। जब-जब घटनाएं घटती है, तब तब प्रबंधन इन सब घटनाओं पर लेक्चर शुरू कर देता है। किंतु जैसे ही घटनाएं ठंडी हो जाती है। प्रबंधन एवं कर्मी इन घटनाओं को लेकर फिर सहज होने लगते हैं।

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