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बच्चों में ऑटिज्म को लेकर तनाव, डर और गलतफहमी, डाक्टर साहिबा ने बताया समाधान

बच्चों में ऑटिज्म को लेकर तनाव, डर और गलतफहमी, डाक्टर साहिबा ने बताया समाधान
  • ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार तब होता है जब बच्चे की सामाजिक संपर्क, सामाजिक व्यवहार और संचार की सीख बाधित होती है।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। हर कोई अपने बच्चों की सेहत को लेकर फिक्रमंद होता है। बीमारियों से बचाने के लिए तरह-तरह की सलाह का अपनाते हैं। आइए, ऑटिज्म को लेकर चिकित्सक क्या सलाह दे रहे हैं। इसको बारीकी से जानते हैं। Jawaharlal Nehru Hospital and Research Centre, Sector 9, Bhilai के Department of Neonatology & Pediatrics की Senior Consultant Dr Mala Choudhary की जुबानी सलाह को आप जरूर पढ़ें, ताकि बच्चों को लेकर सतर्क रह सकें।

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अप्रैल में ऑटिज्म जागरुकता अभियान चलाया जाता है। इस वर्ष विश्व ऑटिज्म जागरूकता का विषय ‘ऑटिस्टिक आवाज़ों को सशक्त बनाना’ है।

ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार तब होता है जब बच्चे की सामाजिक संचार ( social communication), सामाजिक व्यवहार (social behaviour ) एवं गैर-मौखिक (non-verbal) भाषा के विकास के संचार की समस्या होती है।

ऑटिज्म के साथ होने वाली स्थितियाँ बौद्धिक विकलांगता, ध्यान की कमी/अति सक्रियता विकार (Attention Deficit Hyperkinetic Disorder), नींद संबंधी विकार, और मिर्गी हैं। अगर इन विकृतियों को जल्दी ठीक (early intervention) कर लिया जाए, तो बच्चे का पूर्वानुमान (prognosis) अच्छा होगा।

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ऑटिज्म के बारे में कुछ मिथक और तथ्य

1. टीकाकरण: इस बात के स्पष्ट प्रमाण है कि टीके ASD का कारण नहीं बनते।

2. आहार में बदलाव और अन्य तौर-तरीकों का उपयोग: ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों के लिए ग्लूटेन-मुक्त, कैसिइन-मुक्त (casein free) आहार recommend नहीं की जाती है, जब तक कि उन्हें सीलिएक (celiac) रोग या ग्लूटेन (gluten) संवेदनशीलता न हो।

3. एंटीबायोटिक, इम्युनोग्लोबुलिन: विटामिन ए, विटामिन बी6 और मैग्नीशियम, केलेशन, हाइपरबेरिक ऑक्सीजन, होम्योपैथी और स्टेम सेल प्रत्यारोपण (stem cell transplantation) सहित और वैकल्पिक उपचारों को recommend नहीं किया जाता।

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ऑटिज्म से पीड़ित वयस्कों के लिए अधिकार और अवसर

1. भारत के संविधान और विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम 2016 के अनुसार, कई सरकारी योजनाएं और कार्यक्रम हैं, जिनका लाभ ऑटिज्म से पीड़ित व्यक्ति और उनके परिवार उठा सकते हैं। इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए विकलांगता प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है।

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2. ऑटिज्म, सेरेब्रल पाल्सी, मानसिक मंदता और बहु विकलांगता वाले व्यक्तियों के कल्याण के लिए राष्ट्रीय ट्रस्ट के पास ऑटिज्म से पीड़ित व्यक्तियों और उनके परिवारों के लिए कई योजनाएं और कार्यक्रम उपलब्ध हैं। कृपया निम्नलिखित योजनाओं के विवरण के लिए www.thenationaltrust.co.in देखें।

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3. इसके अलावा, समर्थ योजना (Samarth Scheme), घरौंदा (GHARAUNDA- Group Home And Rehabilitation Activities for Disabled Adults) और निरामया (स्वास्थ्य बीमा योजना- Health Insurance Scheme) जैसी योजनाएँ हैं जिनका लाभ लिया जा सकता है।

इन योजनाओं के अलावा, भारत सरकार धारा 80U के तहत आयकर में छूट, रेलवे में प्रथम और द्वितीय श्रेणी में 75% तक की कुछ यात्रा रियायतें और भारतीय पर्यटन विकास निगम (ITDC) के होटलों में कमरे के किराए और भोजन पर छूट प्रदान करती है।

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