SAIL संग सभी केंद्रीय कर्मचारियों-अधिकारियों का टैक्स कम, 10 हजार तक की सीधी बचत

  • सीधा लाभ सेल व अन्य सार्वजनिक उपक्रमों के कार्मिकों को आयकर में प्राप्त होगा।
  • कार्मिकों को आयकर में लगभग 10,000 रुपए की राहत प्राप्त होगी।
  • सेफी एवं एनसीओए के प्रयास ने लाया रंग, सेल के कार्मिकों का टैक्स हुआ कम।
  • भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने जारी किया आदेश।
  • परक्यूजिट ऑन कंपनी एकोमोडेशन को किया कम।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल सहित सभी सरकारी कंपनियों के कर्मचारियों और अधिकारियों का टैक्स कम हो गया है। भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने आदेश किया हैद्ध परक्यूजिट ऑन कंपनी एकोमोडेशन को कम किया गया है।

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स्टील एग्जीक्यूटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया-सेफी एवं एनसीओए द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के कार्मिकों को कंपनी आवास परक्यूजिट टैक्स, मकान व कार लोन पर परक्यूजिट टैक्स केंद्रीय सरकार के कार्मिकों के समान करवाने हेतु प्रयास पिछले कुछ वर्षों से किया जा रहा है। विदित हो कि नेशनल कन्फर्डेशन आफ आफिसर्स एसोसिएशन (एनसीओए) सभी सार्वजनिक उपक्रमों के आफिसर्स एसोसिएशन की राष्ट्रीय संस्था है, जिसमें सेफी एक महत्वपूर्ण सदस्य है।

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सेफी चेयरमैन एवं ओए अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार बंछोर ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के तहत सार्वजनिक उपक्रमों के कार्मिकों को मिलने वाले आवासीय परक्यूजिट के दरों में संशोधन किया गया, जिसका सीधा लाभ सेल व अन्य सार्वजनिक उपक्रमों के कार्मिकों को आयकर में प्राप्त होगा। ये आदेश केन्द्रीय कर्मचारियों के समान आयकर की मांग की आंशिक पूर्ति है। सेफी अपनी इस मांग को अंतिम रूप से पूर्ण होने तक उठाती रहेगी।

उल्लेखनीय है कि एनसीओए की नेशनल एक्सीक्यूटिव काउंसिल की बैठक जो कि दिनांक 04.09.2022 एवं 27 व 28 मई 2023 को आयोजित की गयी थी, उसमें सार्वजनिक उपक्रमों के कार्मिकों को केन्द्र सरकार के कार्मिकों के समान आयकर लाभ (आवासीय भत्ता, ई.एल. इनकैशमेंट) प्रदान करने की मांग केन्द्र सरकार से की गई थी।

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सेफी व एनसीओए के इसी प्रयास का परिणाम है कि 19 अगस्त को भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के तहत संचालित केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने अधिसूचना जारी किया है, जिसके तहत आवासीय परक्यूजिट पर कार्मिकों को आयकर में राहत दी गई।

विदित हो कि सेफी व एनसीओए के प्रयासों के प्रतिफल से सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों को उनकी सेवानिवृत्ति के समय मिलने वाले अर्जित अवकाश के रूप में प्राप्त नगदीकरण की राशि पर 25,00,000 (पच्चीस लाख मात्र) तक की राशि पर कोई आयकर नहीं देना पड़ रहा है।

इसलिए समझिए कितना हो रहा फायदा
वित्त मंत्रालय के 19 अगस्त के आदेश के अनुसार भिलाई परक्यूजिट दर को 7.5 प्रतिशत से कम करके 5 प्रतिशत किया गया है। उदाहरण के तौर पर किसी कार्मिक का मूल वेतन 1 लाख रुपए होने पर उसे 90,000 रुपए पर अतिरिक्त आयकर देना पड़ता है, जबकि इस आदेश से यह राशि घटकर 60,000 रुपए हो गयी है, जिस पर आयकर देना होगा।

इस प्रकार कार्मिकों को आयकर में लगभग 10,000 रुपए की राहत प्राप्त होगी। सेफी चेयरमेन एवं ओए अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार बंछोर ने बताया कि यह संघर्ष आवासीय परक्यूजिट के समाप्त होने तक जारी रहेगा।

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