कर्मचारियों को हर महीने 25% कम वेतन दे रहा विशाखापट्टनम स्टील प्लांट, प्रोडक्शन लिंक्ड सैलरी पर भिलाई सीटू विरोध में

Visakhapatnam Steel Plant is Paying Less Salary to its Employees every Month, Bhilai CITU is Protesting Against the Production Linked Salary
  • हिंदुस्तान स्टील एम्प्लाईज़ यूनियन भिलाई सीटू VSP प्रबंधन के इस कदम का कड़ा विरोध करती हैं क्योंकि उत्पादन लक्ष्य की प्राप्ति श्रमिकों पर निर्भर नहीं करती।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। विशाखापट्टनम स्टील प्लांट प्रबंधन ने 15 नवंबर 2025 को वेतन भुगतान के संदर्भ में सर्कुलर संख्या 03/2025 जारी कर कहा कि सितंबर 2025 के महीने से कर्मचारियों को पूर्ण वेतन का भुगतान कर दिया गया है। हालांकि, उत्पादन लक्ष्यों को पूरा न करने के कारण संयंत्र के आय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

इसीलिए नवंबर, 2025 के महीने से भुगतान किया जाने वाला वेतन विभागों के लिए निर्धारित किए जा रहे उत्पादन लक्ष्य के प्राप्ति के अनुपात में वितरित किया जाएगा। इस फैसले को सीटू ने अन्याय पूर्ण, अनैतिक और अवैध सर्कुलर बताया है।

सीटू ने भिलाई स्टील प्लांट के औद्योगिक संबंध विभाग के माध्यम से उक्त सर्कुलर को वापस लेने की मांग करते हुए अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक, राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड, विशाखापत्तनम स्टील प्लांट को पत्र लिखा।

यह है नवंबर माह के लिए निर्धारित वीएसपी का लक्ष्य

आर आई एन एल प्रबंधन ने नवंबर, 2025 के महीने के लिए जो लक्ष्य निर्धारित किया है उसके अनुसार सिंटर प्लांट को प्रति दिन 24,000 टन सकल सिंटर (औसत), ब्लास्ट फर्नेस को प्रति दिन 19,000 टन हॉट मेटल (औसत), एस. एम. एस. : प्रति दिन 125 हीट (एस. एम. एस.-1 और 2 संयुक्त के लिए औसत), सीओ और सीसीपी को प्रति दिन 370 पुशिंग (औसत) रोलिंग मिल्स को प्रति दिन 13,500 टन तैयार उत्पाद (औसत), विपणन को प्रति दिन 15,000 टन बिक्री (औसत) है। सेवा और गैर-कार्य विभागों सहित अन्य सभी विभागों के कर्मचारियों के लिए, वेतन का वितरण उपरोक्त विभागों द्वारा प्राप्त लक्ष्यों के औसत के अनुपात में किया जाएगा।

सीटू पहले ही कह चुका है VSP को SAIL या NMDC के साथ करे विलय

महासचिव जग्गन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी ने कहा-SAIL, RINL प्रबंधन और स्टील मंत्रालय को कई पत्र लिखे थे, जिसमें VSP को SAIL के साथ विलय कर कच्चे माल की कमी से छुटकारा दिलाने की मांग की गई थी, लेकिन सभी प्रयास व्यर्थ गए क्योंकि सरकार किसी भी प्रकार से “विशाखा उक्कू” को निजी पार्टियों को सौंपने का प्रयास कर रही थी और उसके लिये माहौल बना रही थी।

इस्पात मंत्रालय के अंतर्गत SAIL या NMDC के साथ विलय दोनों के लिये लाभदायक हो सकता था, लेकिन मंत्रालय ने प्रस्तावित विकल्पों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

जानबूझ कर अनुपयोगी कार्यों मे खर्च किये गए 11,440 करोड़ रुपये

देश के स्टील प्लांटों के श्रमिकों तथा आंध्र प्रदेश की जनता के संयुक्त आंदोलन ने विशाखापत्तनम स्टील प्लांट के प्रबंधन को कारखाना चलाने को विवश किया और केंद्र सरकार ने 11,440 करोड़ रुपये की सहायता स्वीकृत की, परंतु इस राशि को उत्पादन प्रक्रिया मे लगाने के बजाय अनुपयोगी कार्यों में खर्च किया गया। प्रबंधन ने SMS, ब्लास्ट फर्नेस, सिंटर प्लांट, कोक ओवन, RMHP आदि जैसे महत्वपूर्ण परिचालन क्षेत्रों के आउटसोर्सिंग हेतु 46 रूचि की अभिव्यक्ति EOI (Expression of Interest) जारी कर दिये हैं, जो निजीकरण के पागलपनपूर्ण प्रयास को बढ़ावा देते हैं।

25% कम वेतन दे रहा है कर्मियों को VSP प्रबंधन सितंबर 2024 से

मजदूरों को सितंबर 2024 से अब तक हर महीने उनकी तनख्वाह का 25% (कुल मिलाकर 355%) से वंचित किया जा रहा है, सभी प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद कर्मी पूरी निष्ठा से उत्पादन बनाए रखने एवं उसे बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं। प्रबंधन NJCS का नया वेतनमान भी RINL में लागू नहीं किया गया है।

उल्टा HRA, इंसेंटिव, अवकाश नकदीकरण, ऋण आदि रोककर श्रमिकों को परेशान कर रहा है। साथ ही साथ प्रबंधन ने दो दशकों से विभिन्न कार्यों में लगे हुए 6,000 से अधिक संविदा श्रमिकों को अवैध रूप से हटा दिया है।

अपने जिम्मेदारियों से भाग रही है प्रबंधन

हिंदुस्तान स्टील एम्प्लाईज़ यूनियन भिलाई सीटू VSP प्रबंधन के इस कदम का कड़ा विरोध करती हैं क्योंकि उत्पादन लक्ष्य की प्राप्ति श्रमिकों पर निर्भर नहीं करती। कच्चे माल की व्यवस्था सहित अन्य जिम्मेदारियाँ प्रबंधन की हैं, और प्रबंधन की विफलताओं के कारण श्रमिकों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। किसी कर्मचारी के वेतन को उत्पादन लक्ष्य या कंपनी की लाभप्रदता से किसी भी प्रकार से जोड़ा नहीं जा सकता। इसलिए इस अनैतिक और अवैध सर्कुलर को तुरंत वापस लिया जाए।