- ठेका श्रमिक रामस्नेही गुप्ता के साथ हुई दुर्घटना के संबंध में यूनियन नेता रेल मिल के मुख्य महाप्रबंधक तीर्थंकर दस्तीदार से मुलाकात की।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) की संयुक्त यूनियन ने रेल मिल हादसे पर प्रबंधन को घेर लिया है। मजदूर का पैर कटने के बाद गुस्साए यूनियन नेताओं ने जिम्मेदारों पर बड़ी कार्रवाई की मांग की है।
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चर्चाओं का बाजार गर्म है कि जिम्मेदारों को बचाने के लिए ही लेटलतीफी की जा रही है। पूर्व में गैस कांड के आरोप में सीईओ तक को सस्पेंड कर दिया गया था। अब अधिकारियों को बचाने का खेल चल रहा है। मैकेनिकल विभाग के कई अधिकारियों पर सीधी अंगुली उठ रही है।
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ठेका श्रमिक रामस्नेही गुप्ता के साथ हुई दुर्घटना के संबंध में रेल मिल के मुख्य महाप्रबंधक तीर्थंकर दस्तीदार से मुलाकात की एवं दोषियों पर जल्द कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।
यूनियन नेताओं ने इस घटना पर आक्रोश व्यक्त किया एवं प्रबंधन (Management) की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि बिना शटडाउन लिए एवं बिना सुपरवाइजर के क्यों कार्य कराया गया। ठेका श्रमिक बीएसपी कर्मचारियों के कार्य में मदद के लिए रखे गए हैं, उनसे अकेले कार्य कराना उचित नहीं है।
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हर एक कार्य में बीएसपी कर्मचारियों (BSP Employees) के साथ में ही ठेका श्रमिक को रखा जाना चाहिए। मुख्य महाप्रबंधक ने माना कि मेंटेनेंस कार्य में निर्धारित प्रक्रिया यानी एसओपी का पालन नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि दुर्घटना की जांच चल रही है जांच के उपरांत निर्णय के अनुसार कार्यवाई जरूर होगी।
संयुक्त यूनियन ने मुख्य महाप्रबंधक से कहा कि दुर्घटना में घायल श्रमिक का उचित उपचार होना चाहिए एवं पूरा कंपनसेशन मिलना चाहिए तथा उसका रोजगार छीना नहीं जाना चाहिए। जब तक श्रमिक का उपचार चलता है, तब तक उसके परिवार का पूरा खर्च की व्यवस्था की जानी चाहिए। इस पर मुख्य महाप्रबंधक दस्तीदार ने आस्वस्त किया कि हम पूरी जिम्मेदारी के साथ इसका निर्वहन करेंगे।
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कुशल श्रमिकों का कार्य अकुशल श्रमिकों से करा रहा है प्रबंधन
संयुक्त यूनियन द्वारा संयंत्र में हो रही दुर्घटनाओं पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए कहा गया कि कुशल श्रमिकों का कार्य अकुशल श्रमिकों से कराया जाता है। उन्हें न्यूनतम वेतन तक नहीं दिया जाता। इस पर तत्काल कार्यवाही की आवश्यकता है। न्यूनतम वेतन, एडब्ल्यूए दिलाना आपकी एवं ऑपरेटिंग अथॉरिटी की जिम्मेदारी है। इस संबंध में ऑपरेटिंग अथॉरिटी के साथ चर्चा कर तत्काल निर्णय कर यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि हर श्रमिक को उसका पूरा अधिकार मिले।
दूसरे इस्पात संयंत्र में ठेका श्रमिकों को वेतन के साथ-साथ इंसेंटिव भी दिया जाता है। लेकिन भिलाई इस्पात संयंत्र में शोषण चरम पर है। यूनियन द्वारा कहा गया कि यदि इस पर तत्काल कार्यवाही नहीं हुई तो इसके लिए यूनियन कड़े कदम उठाने के लिए बाध्य होगी।
जॉइंट कमेटी ऑन सेफ्टी हेल्थ एंड इंवायरनमेंट इन द स्टील इंडस्ट्री जो देश की सर्वोच्च सेफ्टी कमेटी है। इसके सदस्य एवं एनजेसीएस मेंबर वंश बहादुर सिंह ने कहा कि सेल में लगातार हो रही दुर्घटनाओं से श्रमिक एवं एवं उसके परिवार को उसका खामियाजा उठाना पड़ता है।
साथ ही साथ देश की स्टील इंडस्ट्री में सेल की छवि खराब होती है। हाल ही में भिलाई में लगातार हो रही दुर्घटनाओ का मुख्य कारण है कि प्रबंधन उत्पादन के दौरान सुरक्षा मानकों का ख्याल नहीं रख रहा है। प्रबंधन को कर्मियों की सुरक्षा पर और अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
यूनियन नेताओं ने यह मुद्दा उठाया
बैठक में हाट-सा 5 एवं हॉट-सा 6 के बीच के चार रोलर बंद होने का भी मुद्दा यूनियन नेताओं ने उठाया। कहा कि वहां काम कर रहे ऑपरेटर के अनुसार यदि इसी कंडीशन में उत्पादन किया गया तो कभी भी यहां दुर्घटना हो सकती है। इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
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बैठक में इंटक की ओर से पूरन वर्मा, वंश बहादुर सिंह, एचएमएस से हरीराम यादव, प्रमोद कुमार मिश्र, सीटू से जगन्नाथ त्रिवेदी, एसएस पाणिकर, एटक से विनय मिश्रा, एक्टू से बृजेंद्र तिवारी, स्टील वर्कर्स यूनियन से नंदकिशोर गुप्ता एवं संजय गुप्ता उपस्थित थे।