या हुसैन अलविदा: गम-ए-हुसैन में रोज़ा, ताज़िया, मातम, पीएम मोदी, राहुल गांधी ने ये कहा…

Ya Hussain Alvida Roza Tazia Matam in the grief of Hussain PM Modi Rahul Gandhi said this
  • शहर से गांव तक इमाम चौक से ताजिया का जुलूस निकाला गया।
  • जंग को याद करते हुए युद्ध कौशल का प्रदर्शन भी किया गया।
  • मस्जिद और मदरसों में कर्बला और शहादत के वाक्यात पर जलसा हुआ।

अज़मत अली, भिलाई। पैगम्बर-ए-इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्ल. के नवासे इमाम हुसैन और उनके कुनबे के 72 साथियों की शहादत का गम एक बार फिर ताज़ा हो गया। इस्लामी कैलेंडर के पहले महीने मोहर्रम की 10वीं तारीख को शहादत हुई थी, उसी की याद में आज दुनिया भर में लोग गमगीन हैं। गम-ए-इज़हार का तरीका अलग-अलग दिखा। लोगों ने रोज़ा रखा।

कुरआन की तिलावत की जा रही। ज़िक्र-ए-कर्बला हो रहा। ताज़िया का जुलूस निकाला गया। शिया समुदाय मातम से गम-ए-हुसैन का इज़हार कर रहा। शहर से गांव तक इमाम चौक से ताजिया का जुलूस निकाला गया। जंग को याद करते हुए युद्ध कौशल का प्रदर्शन भी किया गया। मस्जिद और मदरसों में कर्बला और शहादत के वाक्यात पर जलसा हुआ।

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वहीं, इज़राइल से सीजफायर के बाद ईरान के सुप्रीम लीडर अली ख़ामेनेई (Ali Khamenei) मजलिस में शामिल हुए। आशूरा के मौके पर वह सामने आए और इमाम हुसैन की याद में गम जाहिर किया। सुप्रीम लीडर को अपने बीच पाकर ईरानी नारेबाजी करते रहे।

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दूसरी ओर मोहर्रम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश भी सामने आए। पीएम मोदी ने कहा-हजरत इमाम हुसैन (एएस) का बलिदान धर्म के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता हैं। वह लोगों को विपरीत परिस्थितियों में भी सत्य का मार्ग अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं।

इसी तरह लोकसभा में नेता प्रतिक्षत Rahul Gandhi ने एक्स पर लिखा-आज मुहर्रम के दिन हमें हज़रत इमाम हुसैन जी के बताए हुए उस रास्ते पर चलने का प्रण लेना चाहिए, जो संघर्ष, बलिदान और समर्पण से होकर हमें मानवता, शांति और एकता की ओर ले जाता है।

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