- 2030 तक भारत का क्रूड स्टील का उत्पादन 210 मिलियन टन होने की उम्मीद है, जो 2023 के उत्पादन स्तर से 45 प्रतिशत अधिक होगा।
पढ़िए DIC ने क्या-क्या कहा…
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited-SAIL) के गणतंत्र दिवस समारोह में भारी उत्साह देखने को मिला। शानदार परेड व विभिन्न झांकियों की प्रदर्शनी ने लोगों की भारी तालियां बटोरी। देश के 75 वें गणतंत्र दिवस के अवसर भिलाई के शहीद वीरनारायण सिंह जयंती स्टेडियम में मुख्य समारोह हुआ। सेल- भिलाई इस्पात संयंत्र के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
झंडा फहराने के बाद डीआइसी ने एक-एक बात पर खुलकर अपना विचार व्यक्त किया। भविष्य की प्लानिंग को साझा किया।
उन्होंने कहा-वर्ष 2025 तक भारत को 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने में इस्पात उद्योग महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। तदनुसार भारत सरकार ने भारतीय इस्पात उद्योग के लिए एक रोडमैप तैयार किया है। वर्ष 2030 तक भारत का क्रूड स्टील का उत्पादन 210 मिलियन टन होने की उम्मीद है, जो 2023 के उत्पादन स्तर से 45 प्रतिशत अधिक होगा।
हमारे संयंत्र में इंडस्ट्री 4.0 और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस नियोजित करके अधिक से अधिक क्षेत्रों में डिजिटाईजेशन को बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
वर्ष 2023 में 12 नई डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन (डीएक्स) परियोजनाएं प्रारंभ की गई है। वहीं, वर्ष 2025 तक मरोदा जलाशय में एनएसपीसीएल के माध्यम से फ्लोटिंग प्रकार के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करके सौर ऊर्जा का दोहन कर भविष्य में पावर प्लांट में हमारी परम्परागत प्रणालियों पर निर्भरता को कम करना है।
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सेफ्टी प्रोटोकॉल पर सख्ती से पालन करें
गणतंत्र दिवस के अवसर पर संयंत्र बिरादरी को सम्बोधित करते हुए अनिर्बान दासगुप्ता ने संयंत्र के सर्वश्रेष्ठ उत्पादन एवं निष्पादन, इस्पात बिरादरी के सहयोगात्मक कार्य सांस्कृतिक, डिजिटाईजेशन, कैप्टिव बिजली उत्पादन, डिकार्बोनाइजेशन, ग्रीन टेक्नॉलोजी, उर्जा प्रबंधन, बाइ-प्रोडक्ट गैसों का इष्टतम उपयोग, पर्यावरण अनुकूल प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने की महत्ता पर बल देते हुए, संयंत्र विस्तारीकरण, इस्पात बिरादरी के सदस्यों की कड़ी मेहनत और योगदान, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं, नागरिक सुविधाएँ, इस्पात बिरादरी को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष सहयोग करने वाले विभिन्न एजेंसियों को धन्यवाद देते हुए संयंत्र में सुरक्षा प्रोटोकॉल के मापदंडो का सख्ती से पालन करने के विषयों पर जोर डाला।
हजारों-लाखों कर्मचारियों के योगदान को किया याद
उन्होंने कहा, कि हमारे हजारों-लाखों कर्मचारियों ने अथक परिश्रम करते हुए हमारे संगठन के विकास के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है। इस वजह से हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि हर किसी की जिंदगी से जुड़ा हुआ है सेल’।
हमने भारतीय रेलवे और भारतीय नौसेना के लिए विश्व स्तरीय स्टील उत्पाद और बांधों, पुलों, फ्लाईओवरों, गगनचुंबी इमारतों के लिए स्टील, रक्षा, ऊर्जा क्षेत्र, अंतरिक्ष अन्वेषण में राष्ट्रीय महत्व की बहुमूल्य परियोजनाओं के लिए वांछित ग्रेड के स्टील की आपूर्ति की है। साथ ही चिकित्सकीय अनुप्रयोग और दैनिक जीवन में उपयोग हेतु स्टेनलेस स्टील की आपूर्ति भी की है।
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कर्मचारियों और उनके परिवारों की भलाई
हमारा योगदान केवल हमारे राष्ट्र के औद्योगिक और आर्थिक विकास को मजबूत करने तक ही सीमित नहीं है। कर्मचारियों और उनके परिवारों की भलाई सुनिश्चित करने के अलावा, सेल के संयंत्रों और इसकी खदानों की स्वच्छ और हरित टाउनशिप में और उसके आसपास के पूरे इको-सिस्टम ने कई नागरिकों की आजीविका को बनाए रखने में मदद की है, जिससे लोगों के जीवन में सार्थक बदलाव आया है।
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अन-आर्म काम्बेट, डॉग शो, गेडी बाल
साथ ही केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल द्वारा अन-आर्म काम्बेट, डॉग शो, गेडी बाल के प्रदर्शन ने दर्शकों की खूब तालियाँ बटोरी। इस अवसर पर कुल 6 झांकियां निकाली गयी। इन झांकियों में नगर सेवाएं विभाग, लौह अयस्क खदान समूह दल्ली राजहरा, भिलाई महिला समाज, प्रजापति ब्रम्हकुमारी, पर्यावरण प्रबंधन विभाग एवं सीएसआर विभाग की झांकियां शामिल थीं, जो सभी के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रही। इसी क्रम में बीएसपी, एमजीएम एवं शंकराचार्य स्कूल के बच्चों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम से दर्शकों का मन मोह लिया।
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पर्यावरण प्रबंधन विभाग प्रथम
इन सभी झांकियों में, विभागीय झांकी वर्ग में पर्यावरण प्रबंधन विभाग ने प्रथम स्थान तथा लौह अयस्क खदान समूह दल्ली राजहरा ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। इसी क्रम में संस्थागत वर्ग में प्रथम स्थान प्रजापति ब्रम्हकुमारी तथा द्वितीय स्थान भिलाई महिला समाज को प्राप्त हुआ।
नगर सेवाएं विभाग तथा सीएसआर विभाग को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया। दासगुप्ता ने विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए।
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