Cyber Crime: EPFO में जीवन प्रमाण पत्र अपडेट करने के नाम पर पेंशनर्स के खातों से लाखों की ठगी, यह है नया तरीका…

  • सावधान EPFO नहीं करता किसी भी पेंशन को कॉल। ठगी करने वालों का गिरोह देशभर में सक्रिय। पुलिस व साइबर क्राइम सेल की अपील को मत कीजिए नजर अंदाज।

अज़मत अली, भिलाई। ईपीएस 95 (EPS-95) को लेकर देशभर में कवायद चल रही है। इसका फायदा उठाने के लिए ठगों ने बिसात बिछानी शुरू कर दी है। पेंशनर्स को ठगने का नया तरीका अपनाया जा रहा है। खाते से रकम उड़ाने का खेल खेला जा रहा है। साइबर क्राइम (Cyber Crime) को अंजाम देने वाले ठग पेंशनर्स को फोन कर डिटेल मांगते हैं और चंद मिनटों में ही खाते से पैसा निकल जा रहा है।

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आप लोग भी सतर्क हो जाइए। ईपीएफओ (EPFO) किसी को फोन करके कोई जानकारी नहीं मांगता है। अगर आपके पास कोई इस तरह का फोन आता है तो उसे कोई जानकारी मत दीजिए। इसकी खबर तत्काल साइबर क्राइम सेल (Cyber Crime Cell) और पुलिस (Police) को दीजिए, ताकि एक्शन लिया जा सके और ठग पकड़े जा सकें।

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Suchnaji.com लगातार आप लोगों से अपील करता है कि किसी के फोन के बहकावे में आकर अपनी गोपनीय जानकारी साझा मत कीजिए। बैंक हो या ईपीएफओ उसके पास आपकी पूरी जानकारी मौजूद रहती है, उसे फोन करके जानकारी लेने की कोई जरूरत नहीं होती है। इसलिए आप अलर्ट हो जाइए।

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ईपीएस 95 (EPS 95) को लेकर युद्धस्तर पर ईपीएफओ (EPFO) काम कर रहा है। इसी बीच यूपी पुलिस (Police)  के साइबर क्राइम सेल (Cyber Crime Cell) के पास पेंशन धारकों को ठगने का मामला भी पहुंच गया है। पुलिस ने पेंशन धारकों के लिए अलर्ट किया है। साइबर आपराधियों द्वारा अपनाए जा रहे पेंशन धारकों को ठगने का नया तरीका से बचने की अपील की है।

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आजकल साइबर आपराधियों द्वारा पेंशन धारकों को “जीवन प्रमाण पत्र ऑनलाइन अपडेट (Online Update) करने के लिए कॉल किया जा रहा है। उनके पास पेंशन धारकों का पूरा डेटा जैसे नियुक्ति का दिनांक, सेवानिवृत्ति का दिनांक, पीपीओ नंबर (पेंशनभोगी भुगतान आदेश संख्या), आधार कार्ड संख्या, स्थायी पता, ईमेल आईडी, सेवानिवृत्ति पर प्राप्त राशि, मासिक पेंशन, नॉमिनी आदि की जानकारी होती है।

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वे उन्हें इस पूरे डेटा के साथ कॉल करते हैं, ताकि पेंशन धारक (Pensioner) को यह विश्वास दिलाया जा सके कि वे पेंशन निदेशालय से हैं। वे पेंशन धारकों का पूरा डेटा बताते हुए उनका जीवन प्रमाण पत्र अपडेट करने के लिए ओटीपी साझा करने के लिए कहते हैं। एक बार जब पेंशन धारक फोन पर आए हुए ओटीपी को साझा कर देते हैं तो, जालसाजों को पेंशन धारक के बैंक खाते का डायरेक्ट एक्सेस कन्ट्रोल (Access Control) मिल जाता है।

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इसके बाद वे पेंशन धारक के खाते में जमा समस्त राशि को तुरन्त दूसरे ‘फर्जी बैंक खातों (Fake Bank Account)’ या ‘वॉलेट (Wallet)’ में स्थानांतरित कर देते हैं। इसलिए जागरूक रहें, ‘पेंशन निदेशालय कभी भी किसी पेंशन धारक को उनका ‘जीवन प्रमाण पत्र ऑनलाइन अपडेट करने के लिए कॉल नहीं करता है और न ही ऑनलाइन जीवन प्रमाण पत्र अपडेट (online life certificate update) करता है।

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यह पेंशन धारकों का कर्तव्य है कि वे अपने जीवन प्रमाण पत्र को व्यक्तिगत रूप से पेंशन निदेशालय में जाकर अपडेट कराएं। इस तरह आने वाली फर्जी कॉलो से बचे व साइबर क्राइम सेल को सूचित करें।

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