- सेक्टर-1 का एक मकान छोड़ने के एवज में 4 लाख रुपए मांगा गया है। बीएसपी कर्मचारी ने एक वाट्सएप ग्रुप में सब्जेक्ट-टू-वेकेशन के तहत मकान देने का मैसेज छोड़ा।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल (SAIL) के भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel plant) के मकानों का धंधा हो रहा है। हजार में नहीं बल्कि 4 लाख में। यह आम बात हो चुकी है। जिस भ्रष्टाचार को कानून की नजर में अपराध माना गया है, उसकी खुली छूट दे दी गई है।
एक बेहतर सुविधा सब्जेक्ट-टू-वेकेशन (subject-to-vacation ) के नाम पर मकानों का धंधा किया जा रहा है। वहीं, एक अधिकारी ने तो महज 15 हजार का अधिक धंधा करने के लिए अपना ईमान तक बेच दिया।
सेक्टर-1 का एक मकान छोड़ने के एवज में 4 लाख रुपए मांगा गया है। बीएसपी कर्मचारी (BSP Employee) ने एक वाट्सएप ग्रुप (Whatsapp Group) में सब्जेक्ट-टू-वेकेशन (subject-to-vacation ) के तहत मकान देने का मैसेज छोड़ा। रेल पटरी बनाने वाले कर्मचारियों ने फोन लगाया तो जवाब मिला, भैया 4 लाख रुपए लेंगे।
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यह सुनते ही लोगों का होश उड़ गया। जिस बीएसपी (BSP) के आवास को बेचा नहीं जा सकता, किराया पर नहीं दिया जा सकता, उस मकान के लिए 4 लाख रुपए के लिए मुंह खोल दिया गया।
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बीएसएनएल चौक (BSNL Chowk) के पास स्थित आवास में रहने वाली बीएसपी कर्मचारी ने मुंह खोला और प्लांट के दूसरे कर्मचारियों ने बिगड़ी व्यवस्था और भ्रष्टाचार को लेकर प्रबंधन का ही कपड़ा उतारना शुरू कर दिया है।
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संबंधित विभाग को सवालों के बीच बाजार में खड़ा कर दिया है। विजिलेंस (vigilance) को भी लपेटे में ले लिया है, आखिर इस तरह खुलेआम मकानों का धंधा क्यों कराया जा रहा है। अब तक क्या कार्रवाई की गई। मामले को संज्ञान में खुद क्यों नहीं लिया जाता…।
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सब्जेक्ट-टू-वेकेशन (subject-to-vacation ) के नाम पर गोरखधंधा चल रहा है। भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel plant) में कुछ वर्षों से सब्जेक्ट-टू-वेकेशन पर क्वार्टर को दिया जा रहा है, जिसमें एक ग्रेड ऊपर वाले क्वार्टर को आप आपसी समझौते से अलाट करा सकते हैं। यह कर्मियों की सुविधा के लिए चालू की गई व्यवस्था अब भ्रष्टाचार में बदल चुकी है।
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अब जरा सोचिए, क्या बीएसपी क्वार्टर वाकई में बिक रहा है? या सब्जेक्ट-टू-वेकेशन (subject-to-vacation ) में दिया जा रहा है। यह व्यवस्था कर्मियों की सुविधा के लिए चालू की गई थी, लेकिन अब नासूर बनते जा रही है।
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इस व्यवस्था से जहां नए कर्मियों को बेहतर क्वार्टर मिलने का विकल्प लगभग बंद सा हो रहा है। वहीं, दूसरी तरफ जो लेना चाहते हैं, उनके सामने इस तरह की मोटी रकम के विकल्प रखे जा रहे हैं।
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बीएसपी से रिटाययर एक कर्मचारी ने बताया कि 2016 में एक कर्मचारी ने मैच बॉक्स के लिए 50000 की डिमांड की थी और उसे डिमांड को लेकर कर्मचारी ने सीबीआई में शिकायत कर दिया था।
सीबीआई ने इस पूरे केस को हैंडल करते हुए उस कर्मी को रंगे हाथों पकड़ा। उस कर्मचारियों की नौकरी भी चली गई। और 4 साल की सजा भी हो गई।
जरा सोचिए उस समय भ्रष्टाचार आज सब्जेक्ट-टू-वेकेशन (subject-to-vacation ) के जरिए शिष्टाचार बन गया है। और बीएसपी प्रबंधन आंख मूंदे इस पूरी व्यवस्था को देख रहा है।
जबकि 2016 के मामले में TA बिल्डिंग पर भी बड़ी कार्रवाई की गई थी और बड़ी पूछताछ से कई लोगों को गुजरना पड़ा था। लेकिन क्या बीएसपी क्वार्टर (BSP Quarter) के लिए चार लाख रुपये मांगना उचित है या यह भ्रष्टाचार है? क्या इस पर कोई कार्रवाई हो सकती है? ऐसे लोगों को 4 लाख वसूली की छूट बीएसपी प्रबंधन (BSP Managament) दे देता रहेगा।