- इस्पात मंत्रालय, बीजेपी के 7 सांसद भी नहीं सेल कर्मचारियों के साथ।
- भाजपा अध्यक्ष-पीएमओ से शिकायत, कहा-हम कर्मचारी के साथ वोटर भी हैं।
- बीएमएस लगभग सभी मुद्दों पर उदासीन है। जबकि अन्य महारत्न कंपनियों एनटीपीसी, पावरग्रिड, ओएनजीसी, नालको, कोल इंडिया में बेहतर वेज रीविजन तथा बोनस तय हुआ है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। इस्पात मंत्रालय (Steel Ministry) को लगातार दस्तावेज के साथ पत्र लिखने के बावजूद कोई संज्ञान नहीं लेने पर बीएकेएस ने इस बार प्रधानमंत्री कार्यालय का दरवाजा खटखटाया है। प्रधानमंत्री कार्यालय के मुख्य सचिव डॉ. पीके. मिश्र और भाजपा अध्यक्ष जगत प्रसाद नड्डा को पूरे दस्तावेजों के साथ शिकायती पत्र लिखा है।
पत्र में पूरे दस्तावेजो के साथ सेल गैर कार्यपालक कर्मियों के वेज रीविजन में की गई अनियमितता तथा इस्पात मंत्रालय की उदासीनता का उल्लेख किया गया है।
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देश की सात लोकसभा क्षेत्र दुर्ग (छत्तीसगढ़), धनबाद (झारखण्ड), आसनसोल (पश्चिम बंगाल), दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल), सुंदरगढ़ (राउरकेला), चाईबासा (झारखण्ड), सेलम (तमिलनाडु) में सेल के 72000 कार्यरत और सेवानिवृत गैर कार्यपालक कर्मचारी अपने परिवार के साथ निवास करते हैं।
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अगर अन्य सेवानिवृत कर्मचारियों, ठेका श्रमिकों तथा सेल की स्टील सिटी से जुड़े लोगों की संख्या भी जोड़ लिया जाए तो एक स्टील सिटी में लगभग 1.5 लाख से अधिक नागरिक निवास कर रहे है, जिनकी रोजी रोटी पूर्णतः सेल की यूनिटों से जुड़ी हुई है।
अध्यक्ष अमर सिंह का कहना है कि सेल प्रबंधन ने इस्पात मंत्रालय को गुमराह कर 22.10.2021 को मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैडिंग (MOU) का हवाला देकर वेतन समझौता की मंजूरी ले लिया। परंतु उसके बाद आज तक उक्त वेतन समझौता का मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (MOA) नहीं किया गया है।
वेज रीविजन में न तो एनजेसीएस संविधान के नियमों का अनुपालन किया गया। न ही कोयला, इस्पात तथा खान संसदिय समिति की अनुशंसा को लागू किया गया।
एनजेसीएस में बाहरी तथा गैर निर्वाचित यूनियन नेताओं को प्रभावित कर मनमाने तरीके से वेज रीविजन को लागू कर दिया गया।
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इस्पात कर्मियों के अटके प्रमुख मुद्दे
1. वेतन समझौता MOA नही होने का कारण आज तक अंति रूप से मिनिमम गारंटी बेनिफिट (MGB) तथा पर्क्स प्रतिशत फाइनल नहीं हुआ है।
2. MOA नहीं होने के कारण 39 माह का फिटमेंट एरियर और 58 माह का पर्क्स एरियर का आज तक निर्धारण नहीं हुआ है।
3. गैर वैधानिक लाभ (ऋण तथा एडवांस) पर भी कुछ निर्णय नहीं हुआ है।
वेज रीविजन एमओयू में नियमों की अवहेलना की सूची
1. एनजेसीएस संविधान का उल्लंघन कर पांच में से तीन यूनियनों की सहमती से वेज रीविजन MOU को किया गया, जबकि एनजेसीएस संविधान मे साफ साफ लिखा गया है कि सभी यूनियनों की सहमति जरूरी है।
2. बगैर MOA किए हुए ही सिर्फ MOU का आधार पर वेतन समझौता को लागू कर दिया गया।
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3. 11000 अधिकारी वर्ग के वेतन समझौता पर सेल प्रबंधन ने 667 करोड़ रुपया खर्च किया, जिसमे जूनियर मैनेजर से लेकर सेल चेयरमैन तक को काफी आर्थिक फायदा हुआ। सेल में अधिकारी वर्ग को 15% MGB , 35% पर्क्स का लाभ दिया गया। साथ में 18 माह का पर्क्स का एरियर देने के लिए इस्पात मंत्रालय ने वेज रीविजन को 01.04.2020 से प्रभावी वाला सर्कुलर निकाला। सेल अधिकारी वर्ग का वेज रीविजन में कुछ भी बकाया नहीं है। इन आंकड़ों से भी एक ही कंपनी मे अधिकारी तथा कर्मचारी वर्ग के साथ किए गए भेदभाव को समझा जा सकता है।
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ये कुछ आंकड़े हैरान करने वाले
मद: अधिकारी: कर्मचारी: अन्य महारत्न
MGB: 15%: 13% : 15%
Perks: 35%: 26.5% :35%
Perks: 18 माह: शून्य : 100%
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-Arrear: 11000 अधिकारियों के वेज रीविजन पर खर्च राशि-667 करोड़
-56000 कर्मचारियों का वेतन समझौता के लिए मात्र 1000 करोड़ रुपया का प्रावधान किया गया।
-सेल गैर कार्यपालक कर्मचारियों का वेतन समझौता को 01.04.2020 से प्रभावी किया गया, जबकि वेतन समझौता 01.01.2017 से लंबित है।
-पर्क्स का एरियर नहीं देना पड़े, इसके लिए इस्पात मंत्रालय ने सरकार की मंजूरी तिथि को आधार बनाया।
-इसके कारण सेल गैर कार्यपालक कर्मचारियों को अधिकारी वर्ग के मुकाबले 18 माह का पर्क्स का एरियर का तत्काल नुकसान हुआ है।
-वहीं, एनजेसीएस MOU में 39 माह का फिटमेंट एरियर देने का समझौता करने के बावजूद आज तक उस पर कोई कदम नहीं उठाया गया है।
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सेल की आर्थिक स्थिति पर एक नजर
-पिछले 5 सालों का कर पूर्व लाभ (PBT)-32084 करोड़ रुपया
-वित्त वर्ष 2021-22 में रिकार्ड 16039 करोड़ रुपया कर पूर्व लाभ तथा कर्ज में लगभग 22000 करोड़ रुपया की कमी।
वित्त वर्ष 2022-23 में रिकॉर्ड प्रदर्शन
-सबसे अधिक टर्नओवर 1 लाख 3 हजार करोड़ रुपया से अधिक का Gross Sales
-सबसे अधिक हॉट मेटल, क्रूड स्टील तथा सैलेबल स्टील का उत्पादन।
-पिछले 10 वर्षों में लेबर प्रोडक्टिविटी 261 Tcs/E/Y से बढ़कर 521 Tcs/E/Y ।
-सेल में मैनपावर में 34% की कमी।
कर्मचारी के साथ हम मतदाता भी हैं…
बीएकेएस भिलाई के अध्यक्ष अमर सिंह ने कहा-सेल कर्मी, कर्मचारी होने के साथ-साथ भारत के नागरिक और मतदाता भी है। इंटक, सीटू, एटक तथा एचएमएस के नेता यूनियन राजनीति की जगह राजनीतिक दलो की राजनीति करते हैं। ये एक तरफ प्रबंधन के साथ मिलकर कर्मचारियों का शोषण करवाते हैं तो दूसरी तरफ प्रत्येक शोषण की जिम्मेदारी सरकार पर मढ़ते है। वहीं, बीएमएस लगभग सभी मुद्दों पर उदासीन है। जबकि अन्य महारत्न कंपनियों एनटीपीसी, पावरग्रिड, ओएनजीसी, नालको, कोल इंडिया में बेहतर वेज रीविजन तथा बोनस तय हुआ है।
इस्पात मंत्रालय उदासीन
बीएकेएस भिलाई महासचिव अभिषेक सिंह ने कहा-इस्पात मंत्रालय जिस तरह उदासीन बना हुआ है। इतने दस्तावेज उपलब्ध कराने के बावजूद प्रबंधन के खिलाफ कोई कदम नहीं उठा रहा है। उससे मजबूर होकर हमें प्रधानमंत्री कार्यालय के समक्ष मुद्दों को उठाना पड़ा है। डीपीई सचिव तथा केंद्रीय श्रम मंत्री के निर्देश के बावजूद सेल प्रबंधन ने वेज रीविजन मामला को हल करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है।