- सहकर्मियों के साथ अच्छे पारस्परिक संबंध बनाएं और हमेशा कुछ कर दिखाने का जज्बा रखें।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (SAIL) के भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) के एक और एक्सपर्ट ने अपना अनुभव साझा किया है। पीपीसी के पूर्व विभागाध्यक्ष जीपी ओझा को आप पढ़ने जा रहे हैं। 3 दशक की सेवा देने वाले श्री ओझा के कार्य अनुभव और सुझाव के बारे में आप विस्तार से पढ़िए।
ये खबर भी पढ़ें : रामनवमी 2024: श्रीराम जन्मोत्सव समिति की बैठक में हो गई प्लानिंग
भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मी और अधिकारी, चाहे किसी भी पायदान पर कार्यरत हों, हमेशा कुछ बेहतर करने हेतु प्रयासरत रहते हैं। रिटायरमेंट के पश्चात भी इनका लगाव अपने विभाग या सहकर्मियों से लगा रहता है।
ऐसे ही एक व्यक्ति हैं जीपी ओझा, जो प्रोडक्शन प्लानिंग एंड कंट्रोल विभाग के सीजीएम पद से रिटायर हुए। श्री ओझा अपना अनुभव और सीख साझा किया और बताते हैं उनके नेतृत्व में लिए गए कुछ पहल ने विभाग और संयंत्र को कैसे लाभ पहुंचाया।
ये खबर भी पढ़ें : भिलाई स्टील प्लांट: पॉवर ज़ोन के अधिकारियों और कर्मचारियों को मिला शिरोमणि अवॉर्ड
चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों पर विजय
जीपी ओझा के मुताबिक वर्ष 1987-88 में बीटीआई प्रशिक्षण के बाद वह बीबीएम (मिल) में शामिल हो गए। उस समय औसत रोलिंग लगभग 750 से 800 इंगट्स प्रतिदिन थी। चूंकि बीबीएम एक मैनुअल मिल थी, निष्पादन पूरी तरह से मैन्युअल स्किल और विशेष रूप से टोंग्स क्रेन ऑपरेटरों और कॉगर्स दोनों के स्किल और उनके साथ हमारे व्यक्तिगत संबंधों पर निर्भर था।
ये खबर भी पढ़ें : कोल लॉजिस्टिक्स प्लान और पॉलिसी पर बड़ी खबर
उन्होंने कहा-हमें मिल को 45 इंगट्स प्रति घंटे की दर से अच्छी तरह सोक की हुई इंगट्स सप्लाई करनी थीं और कॉगर को इसे रोल करना था। पिट्स के चयन के लिए सावधानीपूर्वक योजना की आवश्यकता होती थी, क्योंकि ये कई कारकों से प्रभावित होती थी।
हमने उपरोक्त सभी कठिनाइयों पर काबू पा लिया और वर्ष 1993-94 में रोलिंग दर को बढ़ाकर 900 इंगट्स प्रतिदिन से अधिक कर दिया गया।
अच्छा प्रदर्शन कर दूसरों के लिए उदाहरण बनें
श्री ओझा ने कहा-बीबीएम में काम करना मेरे जीवन का सबसे अच्छा अनुभव था। सबसे अच्छी बात जो मैंने वहां सीखी वह, यह है कि सहकर्मीयों के साथ कैसे व्यवहार करना है और उनकी क्षमताओं से सर्वश्रेष्ठ कैसे पाना है। मिनट टू मिनट योजना बनाना और उसका क्रियान्वयन मुख्य स्किल था जो मैंने वहां सीखा।
सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई में, पहले अच्छा प्रदर्शन करना होता है और अच्छे पारस्परिक संबंध स्थापित करते हुए, दूसरों के लिए एक उदाहरण स्थापित करना होता है। मेरे विचार से केवल तभी कोई व्यक्ति एक सफल प्रबंधक बन सकता है। दूसरी सबसे महत्वपूर्ण गुण है ईमानदारी। अगर आप ईमानदार हैं तो लोग आपका सम्मान करेंगे और आपका अनुसरण करेंगे।
लक्ष्य हासिल करने योजना बनाएं और अपनी टीम को साथ लेकर चलें
मध्य प्रबंधन स्तर पर, पाली में काम करते समय, हमारा मुख्य उद्देश्य उत्पादकता को बढ़ाना और उत्पाद की गुणवत्ता सुनिश्चित करना था, जो मुझे लगता है कि हम करने में सक्षम रहे।
बीबीएम में सोकिंग पिट और फिर प्लेट मिल में रिहिटिंग फर्नेस संचालन के प्रभारी के रूप में, मैंने यह सुनिश्चित किया कि मेरी टीम उत्पादन स्तर और उत्पाद की गुणवत्ता बनाये रखे। हमने उपकरणों को अच्छी स्थिति में रखने के लिए नए और बेहतर तरीका सीखा।
प्लेट मिल में, हम लगभग 1500 “स्ट्रे स्लैबों” की पहचान करने और उन्हें ऑर्डर के अनुसार रोल करने में सफल हुए, जिससे कम्पनी ने भारी मात्रा में राजस्व अर्जित की।
पीपीसी के प्रभारी के रूप में मेरी टीम ने इनपुट और आउटपुट को संतुलित करके सभी शॉपस् को फीड करने की पूरी कोशिश की जब एसएमएस-3, यूआरएम और बीआरएम स्टेबलाइज हो रहे थे। हम बाजार की आवश्यकताओं के अनुसार कई नए ग्रेड के उत्पाद विकसित कर सकें, जिससे हमारी इकाइयों का भरपूर उपयोग कर अधिक राजस्व अर्जित किया गया।
ये खबर भी पढ़ें : बोकारो स्टील प्लांट में 1 मार्च से Facial Recognition Biometric Attendance System
एसएमएस-1 और बीबीएम बंद हो जाने के बाद…
एसएमएस-1 और बीबीएम बंद हो जाने के बाद मिलों को फ़ीड उपलब्ध कराना, सबसे चुनौतीपूर्ण कार्य था, जिसे हमने सावधानीपूर्वक और योजनाबद्ध तरीके से सफलतापूर्वक कार्यान्वयन किया। एसएमएस में उत्पन्न एनसीओ सामग्रियों की उचित मार्केटिंग भी एक उल्लेखनीय उपलब्धि थी। वित्तीय वर्ष 2021-22 सेल के इतिहास में लाभ और राजस्व अर्जित करने के क्षेत्र में सबसे अच्छा वर्ष था।
ये खबर भी पढ़ें : पेंशन, पेंशनभोगी कल्याण विभाग की ताज़ा खबर, पढ़िए डिटेल
अच्छी पारी खेलने का मौका मिला
जीपी ओझा ने कहा-मैं भाग्यशाली था कि मैं उस टीम का हिस्सा रहा, जिसने वर्ष 1990 से 2010 के दौरान सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। बीबीएम ने अपनी निर्धारित उत्पादन क्षमता हासिल की और 2.6 मिलियन टन तक पहुंच गई।
पीपीसी के प्रमुख के रूप में, मैंने और मेरी टीम ने 7 मिलियन टन विस्तार इकाइयों के स्थाईकरण के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सबसे महत्वपूर्ण योगदानों में से एक एसएमएस-3 में सीके-1 और सीके-2 अनुभागों को इंटरचेंज करना था, ताकि मिलों को निर्बाध आपूर्ति किया जा सके।
सिस्टम का पालन करें
किसी भी विभाग के लिए सफलता का एकमात्र मंत्र है एसओपी और एसएमपी का पालन करना और निरंतर सुधार करते रहना।
वर्क-लाइफ बैलेंस
मेरे अनुभव के अनुसार, बीएसपी में कार्य करते हुए मैने अपना कार्य और घर दोनों के बीच एक उत्कृष्ट संतुलन बनाये रखा, जिसके कारण मेरे सभी बच्चे अपने करियर में अच्छी उन्नति कर पाए।
हमेशा के लिए भिलायन
मैं भिलाई में बस गया हूं। यहां काम करने और यहां का माहौल देखने के बाद मैंने यहीं रहने का फैसला लिया। मैं भाग्यशाली था कि मुझे सेल हाउस लीजिंग योजना का लाभ मिला, जिसके माध्यम से मुझे सेक्टर 10 में घर मिला। मेरे बच्चों को डीपीएस भिलाई में अच्छी शिक्षा मिली और वे अच्छे करियर के लिए तैयार हो सके।
ये खबर भी पढ़ें : Bhilai Steel Plant में डकैती, कर्मचारियों के गर्दन पर धारदार हथियार रखकर लूटपाट