वित्तीय वर्ष 2017-18 और वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए बीमांकिक मूल्यांकन के अनुसार, EPS में 37,326.94 करोड़ रुपये का घाटा था।
सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। ईपीएस 95 हायर पेंशन (EPS 95 Higher Pension) का मुद्दा इस वक्त काफी गरमाया हुआ है। पूर्व कर्मचारी-अधिकारी हों या वर्तमान में सेवा दे रहे कार्मिक। हर कोई उच्च पेंशन को लेकर चिंतित है। ईपीएफओ (EPFO) पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि आचार संहिता के बाद दोबारा तेजी से प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
फिलहाल, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-ईपीएफओ (Employees Provident Fund Organization ) को लेकर कई चिंता व्यक्त की जा रही है। पेंशनर्स का कहना है कि ईपीएस में अनुमानित घाटा और उच्च पेंशन भुगतान का प्रभाव है।
वित्तीय वर्ष 2017-18 और वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए बीमांकिक मूल्यांकन के अनुसार, EPS में 37,326.94 करोड़ रुपये का घाटा था, जो क्रमशः FY16 और FY17 के लिए संयुक्त बीमांकिक मूल्यांकन में 15,531.91 करोड़ रुपये के घाटे से अधिक था।
उतार-चढ़ाव के बाजवूद ईपीएफओ (EPFO) को ईपीएस (EPS) को लेकर कोई परेशानी नहीं हुई है। क्योंकि इसकी स्थापना के बाद से इसकी प्राप्तियां आउटगो से अधिक रही है। सदस्यों के योगदान में गिरावट और योजना के तहत पेंशनभोगियों की बढ़ती संख्या के कारण अनुमानित घाटा है।
ईपीएस 95 पेंशन का मामला यह है
पेंशन मामलों के जानकार कल्याण कुमार सिन्हा बताते हैं कि 1995 में ईपीएस योजना शुरू हुई। ईपीएफओ, भविष्य निधि योजना (Provident Fund Scheme) चलाती है। जिन प्रतिष्ठानों में 20 या अधिक कर्मचारी हैं। नियोक्ता (Employers) और कर्मचारी (Employees) दोनों को मूल वेतन का 12%, जो कि 15,000 रुपए प्रति माह है, ईपीएफ (EPF) में भुगतान करना अनिवार्य है।
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पेंशन सेवा की अवधि और पेंशन योग्य वेतन का है फार्मूला
नियोक्ता के 12% हिस्से में से 8.33% ईपीएस को निधि देने के लिए उपयोग किया जाता है। केंद्र भी मासिक वेतन (Monthly Salary) का 1.16% योगदान देता है। ईपीएस (EPS) का एक सदस्य 10 साल की सेवा के बाद या 58 या 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर पेंशन के लिए योग्य होता है।
भुगतान की जाने वाली पेंशन सेवा की अवधि (Pension Service Period) और पेंशन योग्य वेतन (Pensionable Salary) के फार्मूले पर आधारित है। लेकिन सभी पात्र सदस्यों को न्यूनतम 1,000 रुपए की मासिक पेंशन (Monthly Pension) की गारंटी है। वित्त वर्ष 2013 के अंत तक, ईपीएस में 7.56 मिलियन पेंशनभोगी (Pensioners) थे और इसने उस वित्तीय वर्ष (Financial Year) में पेंशन और निकासी लाभ (Benefits) सहित 21,796.85 करोड़ रुपए वितरित किए थे।
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