बायोमैट्रिक पर बवाल: SAIL के खिलाफ 8 यूनियनों ने खोला मोर्चा, आवाज उठेगी सांसद, इस्पात मंत्री और श्रमायुक्त तक

  • संयंत्र कर्मचारियों को लेकर प्रबंधन के खिलाफ जंगी प्रदर्शन किया जाएगा।
  • अधूरे वेज रिवीजन के बीच बायोमेट्रिक चालू करने के खिलाफ संयुक्त यूनियन ने खोला मोर्चा।
  • दुर्ग सांसद, केंद्रीय इस्पात मंत्री से करेंगे शिकायत, श्रम आयुक्त के पास दायर करेंगे परिवाद।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल कर्मचारियों (SAIL Employees) का साढ़े 7 वर्ष बाद भी वेज रिवीजन (Wage Revision) अधूरा रहने के बीच बायोमैट्रिक अटेंडेंस (Biometric Attendance) लागू करने पर भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) की आठ ट्रेड यूनियने बीएमएस, इंटक, एटक, एचएमएस, एक्टू, इस्पात श्रमिक मंच, लोईमू एवं स्टील वर्कर्स यूनियन भड़की हुई हुई हैं।

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बुधवार को संयुक्त ट्रेड यूनियन (Trade Union) की बैठक हुई, जिसमें प्रबंधन द्वारा तानाशाही तरीके से बायोमैट्रिक लागू करने के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए संयुक्त यूनियन ने निर्णय लिया कि इस मामले की दुर्ग के सांसद विजय बघेल तथा केंद्रीय इस्पात मंत्री से शिकायत करेंगे। श्रम आयुक्त के समक्ष परिवाद दायर किया जाएगा एवं प्रबंधन के खिलाफ जंगी प्रदर्शन किया जाएगा।

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बिना बायोमैट्रिक 3500 करोड़ का प्रॉफिट, बायोमेट्रिक के लिए उतावलापन क्यों?

भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel plant) की आठ ट्रेड यूनियनों बीएमएस, इंटक, एटक, एचएमएस, एक्टू, इस्पात श्रमिक मंच, लोईमू एवं स्टील वर्कर्स यूनियन (Steel Workers Union) की बुधवार को बैठक हुई, जिसमें भिलाई प्रबंधन द्वारा 1 जुलाई से बायोमैट्रिक अटेंडेंस (Biometric Attendance) लागू किए जाने के खिलाफ यूनियनों ने आक्रोश व्यक्त किया।

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यूनियन नेताओं ने कहा कि जब भिलाई बिना बायोमैट्रिक अटेंडेंस सिस्टम के सेल में सर्वोच्च 3500 करोड़ का प्रॉफिट दे रहा है तो यहां बायोमेट्रिक लगाने के लिए इतना उतावलापन क्यों है ? साढ़े 7 वर्ष बाद भी कर्मचारियों का वेज रिवीजन अभी भी अधूरा है l 24 जनवरी 2024 को मुख्य श्रम आयुक्त केंद्रीय के समक्ष ढाई महीने में वेज रिवीजन पूरा कर लेने का आश्वासन सेल प्रबंधन ने दिया था।

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लेकिन अभी तक वेज रवीजन अधूरा है। हद तो तब हो गई जब बड़ी कुटिलता के साथ 30 मई को सब कमेटी की बैठक में नाइट शिफ्ट एलाउंस के लिए बायोमैट्रिक सिस्टम की अनिवार्यता पर समझौता किया गया, जबकि बायोमैट्रिक अटेंडेंस सिस्टम सब कमेटी का मुद्दा ही नहीं है।

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कर्मचारियों का आक्रोश नहीं दिख रहा…

यूनियन नेताओं ने कहा कि इस असंवैधानिक समझौते में भी बायोमैट्रिक के लिए 3 महीने की समय दी गई है। लेकिन भिलाई प्रबंधन इतना अधिक उतावला है कि उसे कर्मचारियों के वेज रिवीजन नहीं होने पर कर्मचारियों का आक्रोश दिखाई नहीं दे रहा है।

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ठेकेदार भी लामबंद हो रहे हैं

यूनियन नेताओं ने कहा कि ठेका श्रमिकों को पूरा वेतन दिलाने के लिए लागू किए गए बायोमैट्रिक अटेंडेंस सिस्टम (biometric attendance system) मे प्रबंधन को सफलता नहीं मिल रही है। ठेकेदार पूरी तरह से लामबंद हो चुके हैं। अब भिलाई प्रबंधन नियमित कर्मचारियों पर बायोमेट्रिक सिस्टम लागू कर अपना पीठ थपथपाना चाह रही है।

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पहले वेज रिवीजन पूरा करे प्रबंधन

यूनियन नेताओं ने कहा कि भिलाई ने प्रोडक्शन एवं प्रॉफिट में जिन उपलब्धियों को हासिल किया है। वह यहां की कार्य संस्कृति एवं अपने कुशल कर्मचारियों पर किए गए विश्वास के कारण संभव हो पाया है।

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सेल कर्मचारियों का अभी तक 39 महीने का एरियर, हाउस रेंट अलाउंस, सहित विभिन्न मुद्दे पेंडिंग हैl प्लांट के अंदर कैंटीन, रेस्टरूम एवं शौचालय की स्थिति खराब है। प्रबंधन सबसे पहले कर्मचारियों के इन समस्याओं को सुलझाए उसके बाद ही बायोमेट्रिक पर चर्चा करे।

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क्या मान्यता प्राप्त यूनियन से समझौता किया…

बैठक में यूनियन नेताओं ने कहा कि भिलाई में बायोमैट्रिक सिस्टम (Bio – metric System) लागू करने से पहले प्रबंधन मान्यता प्राप्त यूनियन की सहमति लेना भी जरूरी नहीं समझ रहा है। ऐसी स्थिति में भिलाई में मान्यता के लिए यूनियन चुनाव का औचित्य ही क्या है? प्रबंधन के इस तानाशाही रवैया के खिलाफ सभी ट्रेड यूनियन एकजुट है।

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पदनाम-प्रमोशन पॉलिसी लागू करना छोड़ बायोमैट्रिक लागू करने पर आमादा प्रबंधन

बैठक में यूनियन नेताओं ने कहा कि अभी तक टाउनशिप, एजुकेशन एवं मेडिकल में नई प्रमोशन पॉलिसी लागू नहीं है, इन विभागों में ना ही प्रमोशन दिया है। ना ही यहां पदनाम पर कोई निर्णय हो रहा है। लेकिन प्रबंधन बायोमेट्रिक लगाने पर पूरा जोर दे रहा है।

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प्रबंधन बार-बार बोलता है केंद्र सरकार का आदेश है

यूनियन नेताओं ने कहा कि प्रबंधन सभी यूनियन से यही कहता है कि केंद्र सरकार के आदेश के तहत हम बायोमैट्रिक लागू कर रहे हैं, प्रबंधन बताए कि केंद्र सरकार ने उसे वेज रिवीजन अभी तक रोके रखने का कोई आदेश दिया है क्या?

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बैठक में यूनियन नेताओं ने निर्णय लिया कि बार-बार केंद्र सरकार को कटघरे में खड़े करने वाली एवं कर्मचारियों का वेज रिवीजन रोकने वाली प्रबंधन की शिकायत दुर्ग के सांसद विजय बघेल से एवं केंद्रीय इस्पात मंत्री से किया जाएगा।

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इसके साथ ही सब कमेटी में बायोमैट्रिक के लिए किए गए असंवैधानिक समझौते के खिलाफ श्रम आयुक्त के पास परिवाद दायर किया जाएगा एवं संयंत्र कर्मचारियों को लेकर प्रबंधन के खिलाफ जंगी प्रदर्शन किया जाएगा।

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संयुक्त यूनियन की बैठक में ये रहे मौजूद

बैठक में बीएमएस से चन्ना केशवलू, वशिष्ठ वर्मा, इंटक से वंश बहादुर सिंह, पूरन वर्मा, एटक से विनोद सोनी, विनय मिश्रा, एचएमएस से हरिराम यादव, एक्टू से जेएल कुर्रे, लोईमू से सुरेंद्र मोहंती, डीके सोनी, इस्पात श्रमिक मंच से विनोद कुमार दुबे, अरुण कुमार सार्वा, स्टील वर्कर्स यूनियन से संजय गुप्ता शामिल थे।

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