हर माह भिलाई इस्पात संयंत्र के डीसीडीए एसिड संयंत्र में लगभग 800 टन सल्फर की खपत होती है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के भिलाई स्टील प्लांट और इंडियन ऑयल कारपोरेशन के बीच तनाव का माहौल है। सात करोड़ रुपए बकाया को लेकर पिछले दिनों आइओसीएल का पेट्रोल पंप तक सील कर दिया गया था। इसी तनाव के बीच एक अच्छी खबर भी आ गई है। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के सामग्री प्रबंधन विभाग एवं इंडियन ऑयल कारपोरेशन के मध्य सल्फ्यूरिक एसिड संयंत्र के लिए सल्फर के लिए एमओयू साइन हुआ है।
समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया गया। पूर्व में सल्फर को एमएमटीसी के माध्यम से आयात किया जाता था, जो कि विशाखापट्टनम बंदरगाह से भिलाई रेल के माध्यम से भिलाई इस्पात संयंत्र लाया जाता था।
भारत सरकार की आत्मनिर्भर भारत एवं मेक इन इंडिया पॉलिसी के तहत भिलाई इस्पात संयंत्र ने सार्वजनिक उपक्रम की पेट्रोलियम कंपनी इंडियन आयल कारपोरेशन से आगामी दो वर्ष के लिए, जिसे एक और वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है, 20000 टन सल्फर क्रय करने हेतु करार किया गया, जिससे न केवल विदेशी मुद्रा की बचत होगी बल्कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने यह एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित होगा।
वर्तमान में सल्फर इंडियन आयल कारपोरेशन कि पानीपत एवं मथुरा रिफाइनरी से ट्रक परिवहन से भिलाई इस्पात संयंत्र तक लाया जाता है। हर माह भिलाई इस्पात संयंत्र के डीसीडीए एसिड संयंत्र में लगभग 800 टन सल्फर की खपत होती है।
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एमओयू के दस्तावेज पर भिलाई इस्पात संयंत्र की तरफ से मुख्य महाप्रबंधक (सामग्री प्रबंधन) तपन कुमार एवं इंडियन आयल कारपोरेशन की तरफ से डिविजनल हेड (रायपुर) एसपी कछवाह ने हस्ताक्षर किये।
एमओयू को मूर्त रूप देने में मुख्य महाप्रबंधक (सामग्री प्रबंधन) तपन कुमार, महाप्रबंधक प्रभारी (क्रय-रिफ.एवं रॉ मटेरियल) उमेश कानगो, महाप्रबंधक (कोक ओवन) सुशांत हलदार, महाप्रबंधक (वित्त एवं लेखा) राजेश कुमार शर्मा की मुख्य भूमिका रही।
इस दौरान भिलाई इस्पात संयंत्र की ओर से महाप्रबंधक (क्रय रिफ.) राहुल अरोरा, उप महाप्रबंधक (क्रय-रॉ मटेरिअल) संजय सिंह एवं इंडियन आयल कारपोरेशन कि तरफ से प्रबंधक शशांक शर्मा एवं सहायक प्रबंधक श्री निशांत अरोरा भी उपस्थित थे।