स्टील नहीं फाइबर के गैस सिलेंडर पर मोदी सरकार की ये प्लानिंग…

  • स्टील सिलेंडरों को नए जमाने के फाइबर आधारित सिलेंडरों से बदलने आदि को लेकर राज्यसभा में उठा सवाल।

सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र (Public Sector) की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) (Oil Marketing Companies (OMCs)) की सेवा लेने वाले सक्रिय घरेलू एलपीजी उपभोक्तों की संख्या 01.07.2024 तक 32.68 करोड़ है। रिफिल की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने और नए एलपीजी कनेक्शनों को समायोजित करने के लिए, ओएमसी के पास वर्तमान में 50 करोड़ से अधिक सिलेंडर प्रचलन में हैं, जो मुख्य रूप से स्टील सिलेंडर हैं।

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पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में राज्य मंत्री सुरेश गोपी (Minister of State in the Ministry of Petroleum and Natural Gas Suresh Gopi) ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में जानकारी दिया कि प्रतिस्थापन और भविष्य की नई मांग को पूरा करने के लिए, ओएमसी नियमित रूप से अपने इन्वेंटरी की समीक्षा करते हैं और नए सिलेंडरों की खरीद के लिए निविदाएं जारी करते हैं।

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पीएसयू ओएमसी ने हाल ही में कम्पोजिट सिलेंडर (Composite Cylinder) पेश की है और अब भी यह सीमित प्रचलन में है। इन सिलेंडरों में तीन-परत की संरचना होती है। यह सिलेंडर ब्लो-मोल्डेड हाई-डेंसिटी पॉलीइथिलीन (एचडीपीई) इनर लाइनर से बना है, जो पॉलिमर-रैप्ड फाइबर ग्लास की एक समग्र परत से ढका हुआ है और एचडीपीई बाहरी जैकेट से सुसज्जित है। ये सिलेंडर नियमित स्टील सिलेंडर की तुलना में महंगे हैं, लेकिन वजन में हल्के, जंग-मुक्त, पारदर्शी और सुरक्षित हैं।

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तेल विपणन कंपनियां (ओएमसी) निविदा आवश्यकताओं को पूरा करने वाले किसी भी निर्माता से प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से कम्पोजिट सिलेंडर खरीदती हैं। वर्तमान में, देश में कहीं भी ओएमसी की ओर से कोई विनिर्माण सुविधा स्थापित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। ओएमसी उपभोक्ताओं में जागरूकता पैदा करके, बैनर का प्रदर्शन करके, होम डिलीवरी के दौरान पैम्फलेट का वितरण और अन्य विपणन पहल आदि जैसे विभिन्न तरीकों से कम्पोजिट सिलेंडरों को बढ़ावा देते हैं।

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