EPS 95 पेंशनभोगियों का दर्द बढ़ा रहा CBT और EPFO, पढ़िए पेंशनर्स क्या बोले..

CBT and EPFO ​​increasing the pain of EPS 95 pensioners
उच्च पेंशन के मामले में EPFO ने सर्वोच्च न्यायालय के फ़ैसले का पालन नहीं किया और EPFO ने कई अड़चने पैदा कर दी है।
  • NAC आंदोलन के 9 से 10 साल पूरे हो गए हैं और अभी भी न्यूनतम पेंशन स्वीकृत नहीं हुई है।

सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (Employee Pension Scheme 1995) के तहत हायर पेंशन और न्यूनतम पेंशन का मसला उलझा हुआ है। पेंशनभोगी सनत रावल का कहना है कि प्रत्येक EPS 95 पेंशनभोगी, वरिष्ठ नागरिक केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) और EPFO से निराश और नाराज़ हैं।

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हम उनसे पूछते हैं कि NAC आंदोलन के 9 से 10 साल पूरे हो गए हैं और अभी भी न्यूनतम पेंशन स्वीकृत नहीं हुई है। उच्च पेंशन के मामले में EPFO ने सर्वोच्च न्यायालय के फ़ैसले का पालन नहीं किया और EPFO ने कई जटिल नियम और शर्तें और जटिल धाराएँ लागू कर दी हैं।

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उदाहरण के लिए उच्च पेंशन पाने के लिए ग़रीब पेंशनभोगियों को EPFO में तीन से चार लाख रुपए जमा करने पड़ते हैं। क्या आप सोच सकते हैं कि ग़रीब पेंशनभोगी कैसे अपना गुज़ारा करते होंगे?

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सनत रावल ने कहा-हम ईपीएस 95 पेंशनभोगी (EPS 95 Pensioners), वरिष्ठ नागरिक चाहते हैं कि पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के अनुसार लाभ दिया जाना चाहिए। हम चाहते हैं कि न्यूनतम पेंशन 7,500 + महंगाई भत्ता+चिकित्सा हो।

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उन्होंने कहा कि सबसे पहले न्यूनतम पेंशन 7,500+महंगाई भत्ता+चिकित्सा तत्काल स्वीकृत की जाए, क्योंकि नौ से दस साल पूरे हो चुके हैं। लेकिन नतीजा शून्य है। ईपीएफओ बहुत ही कठोर और अड़ियल है और जटिल नियम व शर्तें लगाकर और जटिल धाराएँ लगाकर ईपीएफओ में तीन से चार लाख जमा करने के बाद वे उच्च पेंशन देने के लिए तैयार हैं।

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पेंशनभोगी परक्कल रामानुजन ने कहा-फाइनल सीबीटी कहेगा कि हम सरकार से वित्तीय सहायता चाहते हैं। वे यह बताएँगे और बच निकलेंगे। यह केवल वे ही कर सकते हैं।

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