केंद्रीय बजट के खिलाफ भिलाई स्टील प्लांट की यूनियनें उतरीं सड़क पर, विरोध प्रदर्शन

Protest by unions of Bhilai Steel Plant against the Union Budget
सरकारी व सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण पर रोक लगाई जाए। ठेका मजदूरों का स्थाई किया जाए। कॉरपोरेट टैक्स व संपत्ति टैक्स में बढ़ोतरी किया जाए।
  • आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को कम किया जाए।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। केंद्रीय श्रम संगठनों के राष्ट्रव्यापी आह्वान के तहत भिलाई में भी संयुक्त श्रमिक संगठनों सीटू,ऐक्टू,एटक, एचएमएस ,लोइमू व एसडब्ल्यूयू द्वारा मोदी सरकार के 2025-2026 के मजदूर विरोधी,किसान विरोधी व जन विरोधी नीतियों के खिलाफ 5 फरवरी को सेक्टर 6, भिलाई में विरोध प्रदर्शन किया गया।

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प्रदर्शन के माध्यम से एक ज्ञापन प्रधानमंत्री के नाम कलेक्टर दुर्ग को सौंपा गया। प्रदर्शन को डीवीएस रेड्डी, बृजेन्द्र तिवारी, विनोद कुमार सोनी,प्रमोद मिश्रा, एसपी डे, सुरेन्द्र मोंहती, टंडन दास,अशोक मिरी, रघुवर दास गोड़ आदि साथियों ने संबोधित किया।

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प्रदर्शन के माध्यम से मोदी सरकार के मजदूर विरोधी, किसान विरोधी व जन विरोधी केंद्रीय बजट पर अपनी नाराजगी जाहिर किया गया। भयावह बेरोजगारी, गहराता कृषि संकट, बढ़ती असमानता, जानलेवा महंगाई, शिक्षा व स्वास्थ्य पर कम बजट, जन सेवाओं व सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण के कारण गरीब, निम्न मध्यम वर्ग व मध्यम वर्ग के लोग भारी कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।

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बयान में आगे कहा गया है कि “व्यापार करने के आसानी” के नाम पर सरकार नियोक्ता पक्ष की नीतियों को आगे बढ़ा रही है। बजट 2025- 2026 कॉरपोरेट जगत के हक में किसानों व मजदूरों की उम्मीदों को चकनाचूर कर दिया है .ज्ञापन में मांग किया गया है कि मजदूर विरोधी चार लेबर कोड को रद्द किया जाए. बेरोजगारों को नियमित रोजगार दिया जाए।
आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को कम किया जाए.सरकारी व सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण पर रोक लगाई जाए.ठेका मजदूरों का स्थाई किया जाए। कॉरपोरेट टैक्स व संपत्ति टैक्स में बढ़ोतरी किया जाए।

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