
- एडवोकेट की फीस न देने से दम तोड़ रही थी लड़ाई, फिर ऐसे आगे बढ़ा संघर्ष, अब अधिकारियों के खाते में आ रहा एरियर का पैसा।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल के 15 हजार अधिकारियों के घर में खुशी का माहैल है। ढाई से अधिक तक बकाया पैसा खाते में आ रहा है। बकाया पर्क्स का एरियर का भुगतान शुरू हो गया है।
स्टील एग्जीक्यूटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया-सेफी (Steel Executives Federation of India-SEFI) चेयरमेन एवं बीएसपी ओए के अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार बंछोर के नेतृत्व में एक लंबा संघर्ष करते हुए 15 वर्षों से लंबित सेल के अधिकारियों को 11 माह के लंबित पर्क्स के एरियर्स भुगतान का रास्ता साफ हुआ है।
सेफी ने इस न्याय संगत मांग के लिए कैट और माननीय कलकत्ता हाईकोर्ट में लंबी लड़ाई लड़ी और उसमें सेल अधिकारियों के पक्ष में फैसला हासिल हुआ था। परंतु इस पर्क्स एरियर्स का भुगतान अब तक प्राप्त नहीं हो पाया था। सेफी के निरंतर प्रयास से इसके भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। इसकी राशि शीघ्र ही पात्र अधिकारियों के खाते में पहुंचेगी। एके बंछोर ने जानकारी देते हुए बताया कि यह राशि वर्तमान में पात्र अधिकारियों को सीपीआरएस माड्यूल में दिखाई दे रहा है।
एके बंछोर ने बताया कि इस भुगतान के लिए सेफी ने पुनः इस्पात मंत्रालय एवं डीपीई (वित्त मंत्रालय) का दरवाजा खटखटाया। इस हेतु सेफी ने निरंतर पत्र व्यवहार व विभिन्न केन्द्रीय मंत्रियों व सचिवों से निरंतर मुलाकात कर इस भुगतान की मांग रखी।
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जुलाई 2024 में डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइसेस (Department of Public Enterprises) के अनुमोदन के पश्चात इस्पात मंत्रालय ने 11 माह के लंबित पर्क्स के एरियर्स भुगतान को स्वीकृति प्रदान कर दी थी। तदोपरांत सेफी ने सेल प्रबंधन से 15 वर्षों से लंबित अधिकारियों के 11 माह के पर्क्स के एरियर्स भुगतान का आग्रह कई बार किया था। अंततोगत्वा 11दिसंबर की सेल सेफी मीटिंग में सेल प्रबंधन ने शीघ्र भुगतान का आश्वासन दिया था।
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नरेंद्र कुमार बंछोर ने इन्हें दिया धन्यवाद
सेफी चेयरमेन नरेन्द्र कुमार बंछोर ने इस न्याय संगत स्वीकृति के लिए इस्पात मंत्रालय एवं डीपीई का आभार माना। श्री बंछोर ने विशेष तौर पर केन्द्रीय इस्पात एवं भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी, केन्द्रीय इस्पात एवं भारी उद्योग राज्यमंत्री बीआरएस वर्मा, तत्कालीन इस्पात सचिव नागेन्द्र नाथ सिंन्हा सहित सेल चेयरमेन अमरेन्दु प्रकाश, डायरेक्ट (पर्सनल) केके सिंह इस्पात संयुक्त सचिव अभिजीत नरेन्द्र तथा डीपीई के संयुक्त सचिव लुकास एल कमसुआं को विशेष रूप से धन्यवाद ज्ञापित किया है।
सेल के 15000 तत्कालीन अधिकारीगण होंगे लाभान्वित
सेफी चेयरमेन एवं बीएसपी ओए के अध्यक्ष बंछोर ने बताया कि सेफी के संघर्ष तथा अदालतों के इस निर्णय के पश्चात इस्पात मंत्रालय के स्वीकृति से सेल के लगभग 15000 तत्कालीन कार्यपालकगण जो 26.11.2008 से 04.10.2009 के बीच सेवारत थे, जिसमें बीएसपी के लगभग 4000 तत्कालीन कार्यपालकगण भी लाभान्वित होंगे।
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15 वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद जीत
इस संदर्भ मे विस्तृत जानकारी देते हुए सेफी चेयरमेन एवं बीएसपी ओए अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार बंछोर ने संघर्ष पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सबसे पहले सेफी ने सेल में 26-11-2008 से 04-10-2009 के 11 माह के पर्क्स की राशि के भुगतान हेतु माननीय कैट के समक्ष केस दायर किया था। जिसमे कैट ने सेफी के पक्ष में आदेश दिया था। जिसे सेल प्रबंधन ने कैट के आदेश को उच्च न्यायालय कोलकाता में चुनौती दी थी। दिनांक 13 सितंबर, 2023 को सेल की रिट याचिका को कोलकाता हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने खारिज कर दिया।
सहयोग देने वालों का विशेष आभार
11 माह के पर्क्स हेतु सेफी ने वर्ष 2013 में कोर्ट में केस दायर किया था, परंतु वर्ष 2015 में अधिवक्ता के फीस भुगतान न होने के कारण यह केस लगभग दम तोड़ चुका था। एनके बंछोर की पहल से सीएमओ के ऑफिसर्स एसोसिएशन की तत्कालीन टीम ने अपने अकाउंट से कोलकाता में अधिवक्ता को पेमेंट कर इस केस को पुनर्जीवित किया।
बंछोर ने इस हेतु सीएमओ के तत्कालीन ओए टीम को विशेष रूप से धन्यवाद ज्ञापित किया है। इसके साथी ही बंछोर ने इस संघर्ष को अंजाम तक पहुंचाने के लिए सेफी को सहयोग राशि प्रदान करने वाले आफिसर्स एसोसिएशन, ओए बीएसपी, एक्सीक्यूटीव एसोसिएशन राउरकेला स्टील प्लांट, ओए दुर्गापुर स्टील प्लांट, सीएमओ एक्सीक्यूटीव एसोसिएशन, सेलम स्टील प्लांट एक्सीक्यूटीव एसोसिएशन, वीआईएसएल-ओए, सीएफपी-ओए चंद्रपुर को विशेष रूप से धन्यवाद ज्ञापित किया है। इसके अलावा, सेफी ने इस उपलब्धि के लिए वर्तमान अधिवक्ता एवं सेफी के पूर्व महासचिव देबाशीष लहरी को भी धन्यवाद दिया।
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