Steel Industry: पीएलआई योजना और स्टील बाजार पर इस्पात राज्यमंत्री भूपतिराजू का राज्यसभा में बड़ा बयान

Steel Industry: Minister of State for Steel Bhupathiraju's big statement in Rajya Sabha on PLI scheme and steel market
इस्पात एवं भारी उद्योग राज्य मंत्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। इसके अलवा अन्य जानकारी साझा की।
  • घरेलू इस्पात उद्योग को आयात के बारे में विस्तृत जानकारी देने के लिए इस्पात आयात निगरानी प्रणाली (एसआईएमएस) का पुनर्गठन।

सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। देश में मूल्यवर्धित इस्पात के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से विशेष इस्पात के लिए उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना शुरू की गई। इस्पात एक विनियमन-मुक्त क्षेत्र है।

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इस्पात एवं भारी उद्योग राज्य मंत्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। यह निवेश, उत्पादन जैसे निर्णय उद्योग के तकनीकी-वाणिज्यिक विचारों पर आधारित है। भाग लेने वाली कंपनियों ने 27,106 करोड़ रुपये के निवेश के लिए प्रतिबद्धता जताई है, जिसमें से दिसंबर, 2024 तक 18,848 करोड़ रुपये प्राप्त किए जा चुके हैं। दिसंबर, 2024 तक मूल्यवर्धित इस्पात का उत्पादन 12,58,000 टन है।

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पीएलआई योजना के प्रथम दौर की तुलना में दूसरे दौर के लाभ

विशेष इस्पात के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का दूसरा दौर 6 जनवरी, 2025 को शुरू किया गया, जो इस योजना के लिए आवंटित कुल बजट में ही समाहित है। दूसरे दौर में व्यापक सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए कंपनी के आकार क्रम को ध्‍यान में नहीं रखते हुए निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं।

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पीएलआई योजना 1.1 के लिए समर्पित वेब पोर्टल का शुभारंभ और मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार। योजना में भाग लेने में रुचि व्यक्त करने वाली कंपनियों के साथ लगातार वेबिनार आयोजन की योजना।

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योजना में भागीदारी के नियमों को आसान बनाना, जैसे उन मामलों में 50 प्रतिशत निवेश की अनुमति देना जहां कंपनियां अधिसूचित उप-श्रेणियों में भाग लेने के लिए मौजूदा सुविधाओं के विस्तार में निवेश करती हैं।

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पीएलआई योजना के अंतर्गत इस्पात उत्पादन में वृद्धि

देश में मूल्यवर्धित इस्पात (कच्चे माल पर अतिरिक्त प्रोसेसिंग कर तैयार किए इस्पात) के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना शुरू की गई है।

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विशेष इस्पात के लिए पीएलआई योजना में पांच व्यापक उत्पाद श्रेणियां हैं जिनमें लेपित/प्लेटेड इस्पात, उच्च शक्ति/ घर्षण और यांत्रिक तनाव प्रतिरोधक इस्पात, विशेष रेल, मिश्र धातु इस्पात उत्पाद और इस्पात तार तथा विद्युत इस्पात  शामिल हैं।

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इस्पात विनियमन-मुक्त क्षेत्र है और सरकार इस क्षेत्र के विकास के लिए अनुकूल नीतिगत माहौल निर्मित कर सुविधा प्रदान करने का कार्य करती है। सरकार ने देश में इस्पात क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल नीतिगत माहौल बनाने के निम्नलिखित उपाय किए हैं।

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मेड इन इंडिया इस्पात को बढ़ावा देना और निवेश बढ़ाना

सरकारी खरीद हेतु भारत में निर्मित’ इस्पात को बढ़ावा देने के लिए घरेलू स्तर पर निर्मित लौह एवं इस्पात उत्पाद (डीएमआई एवं एसपी) नीति का कार्यान्वयन

देश में स्पेशलिटी स्टील के विनिर्माण को बढ़ावा देने और पूंजी निवेश आकर्षित कर आयात कम करने के लिए स्पेशलिटी स्टील के उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना आरंभ करना

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कच्चे माल की उपलब्धता में सुधार और कच्चे माल की लागत में कमी

कच्चे माल फेरो निकेल पर मूल सीमा शुल्क को 2.5 प्रतिशत से घटाकर शून्य  किया गया जिससे यह शुल्क मुक्त हो गया।

बजट 2024 में फेरस स्क्रैप पर शुल्क छूट 31 मार्च 2026 तक बढ़ाया गया

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आयात निगरानी और गुणवत्ता नियंत्रण

-घरेलू इस्पात उद्योग को आयात के बारे में विस्तृत जानकारी देने के लिए इस्पात आयात निगरानी प्रणाली (एसआईएमएस) का पुनर्गठन

-इस्पात गुणवत्ता नियंत्रण आदेश लागू करना, जिससे घरेलू बाजार और आयात में निम्न /दोषपूर्ण इस्पात उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया जा सके ताकि उद्योग, उपयोगकर्ताओं और आम लोगों को उत्तम गुणवत्ता के इस्पात की उपलब्धता सुनिश्चित हो

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