
सेफी इस्पात मंत्री, सेल चेयमरैन, पीएमओ, सांसदों के अलावा प्लांट के मुखिया को भी पत्र लिखेगा।
प्लांट स्तर पर आफिसर्स एसोसिशन आंदोलन को जारी रखेगा।
पीड़ित प्लांट के अधिकारियों के साथ सेल की सभी इकाइयों का समर्थन।
कार्मिकों ने राष्ट्र के हित में काम किया। लेकिन, 11 लोगों को जबरन रिटायरमेंट से आघात पहुंचा है।
अज़मत अली, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल में Compulsory Retirement रिटायरमेंट की शुरुआत के खिलाफ बड़ा आंदोलन होने जा रहा है। सेल के सभी प्लांट में अधिकारियों ने आवाज उठाने का फैसला लिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इस्पात मंत्री एचडी कुमार स्वामी और सेल चेयरमैन अमरेंदु प्रकाश को पत्र लिखा जाएगा। साथ ही हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक मामले को ले जाने पर सहमति बन गई है। कानूनी लड़ाई को जो भी खर्च आएगा, वह सेफी वहन करेगा।
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स्टील एग्जीक्यूटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया-सेफी की नई कमेटी बनने के बाद पहली काउंसिल मीटिंग गुरुवार को हुई। वर्चुअल मीटिंग में सेफी से संबद्ध सभी यूनिट के प्रतिनिधि शामिल हुए। सेफी चेयरमैन नरेंद्र कुमार बंछोर की अध्यक्षता में वर्चुअल मीटिंग हुई, जिसमें 11 अधिकारियों का जबरन रिटायर करने की निंदा की गई।
पूरी प्रक्रिया की निंदा की गई। सेफी चेयरमैन ने कहा-सेल महारत्न कंपनी है। ग्रेट प्लेस टू वर्क और कार्य संस्कृति का माहौल रहा। कार्मिकों ने राष्ट्र के हित में काम किया। लेकिन, 11 लोगों को जबरन रिटायरमेंट से आघात पहुंचा है। संघर्ष जो होगा, मिलकर आगे बढ़ेंगे।
20 मार्च को काला बिल्ला लगाएंगे अधिकारी
सेफी की तरफ से इस्पात मंत्री, सेल चेयमरैन, पीएमओ, सांसदों के अलावा प्लांट के मुखिया को भी पत्र लिखा जएगा। फैसले को वापस लेने की मांग की जाएगी। 20 मार्च को काला बिल्ला लगाकर अधिकारी काम करेंगे। गेट मीटिंग की जाएगी। सेल प्रबंधन के फैसले के खिलाफ आवाज उठाई जाएगी।
रिव्यू का इंतजार, फिर कोर्ट का रास्ता
सेफी मीटिंग में तय किया गया है कि 15 दिन इंतजार किया जाएगा। रिव्यू के लिए समय मिला हुआ है। इसमें अगर प्रबंधन अपना फैसला वापस लेता है तो ठीक, अन्यथा इसके खिलाफ कोर्ट जाएंगे। एनसीओ के माध्यम से भी आवाज उठाएंगे। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक जाने का दम भरा गया है। खास बात यह है कि इस लड़ाई में जो खर्च आएगा, उसको सेफी वहन करेगा।
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