New India Co-operative Bank: 122 करोड़ का घोटाला, RBI ने NICB Bank किया बंद, जीएम पर FIR

New India Cooperative Bank 122 crore scam, RBI closes NICB Bank FIR against GM
बैंक के जीएम हितेश मेहता पर 122 करोड़ के घोटाले का आरोप। ईओडब्ल्यू ने आरोपी हितेश मेहता को समन भेजा है। बैंक के कस्टमर परेशान।

महाराष्ट्र के वित्त मंत्री अजीत पवार और केंद्री वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से हस्तक्षेप की मांग की गई है।

सूचनाजी न्यूज, मुंबई। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से बड़ी खबर आ रही है। बैंक में 122 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। इसको संज्ञान में लेकर आरबीआई ने बैंक को बंद कर दिया है। पैसा जमा करने और निकालने पर रोक लगा दी गई है। वहीं, जीएम के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई है।

New India Cooperative Bank में 122 करोड़ के घोटाले का राज एक अधिकारी ने ही खोला है। RBI ने NICB Bank पर 6 माह के लिए बैन लगा दिया है। बैंक के जनरल मैनेजर हितेश मेहता पर आरोप है कि उन्होंने 122 करोड़ का घोटाला किया है। ईओडब्ल्यू ने आरोपी हितेश मेहता को समन भेजा है। बुक ऑफ एकाउंट की फॉरेंसिक ऑडिट कराई जाएगी, ताकि मामले की विस्तृत जांच की जा सके।

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बैंक के एक अधिकारी ने शिकायत की थी। कैश की हेराफेरी की शिकायत ईओडब्ल्यू से की गई थी। आरोपी हितेश पहले दादर, गोरेगांव शाखा के जीएम रह चुके हैं। अब सवाल उठ रहा है कि क्या वहां भी इस तरह का कोई घोटाला किया गया है।

मुख्य एकाउंटेंट की शिकायत पर दादर थाने में एफआइआर दर्ज की गई है। एंट्री बुक्स और एकाउंट में मिलान करने पर राज खुला कि 122 करोड़ रुपए का घोटाला किया गया है।

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इन शर्ताें के साथ पैसा निकालने की छूट 

खबर मिलते ही खाताधारकों की भीड़ बैंक पर उमड़ी। आरबीआई ने पैसा जमा करने और निकासी पर रोक लगा दिया है। डिपॉजिटर्स डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation ) से 5 लाख रुपये तक डिपॉजिट इंश्योरेंस क्लेम अमाउंट पाने की छूट दी गई है।

साथ ही यह शर्त लगाई गई कि 90 दिनों तक 5 लाख रुपए तक निकाल सकते हैं। इसको लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई है। 2020 से 2025 के बीच की धांधली बताई जा रही है।

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जानिए कस्टमर क्या बोल रहे

शनिवार को भी बैंक खुला हुआ है। बैंक की तरफ से पर्चियां दी जा रही है, जिनके यहां लॉकर हैं। एक कस्टमर ने बताया कि उनका करंट एकाउंट है। लेबर को सैलरी देना है। काम करना मुश्किल हो गया है। स्मॉल कंपनी है, अब कैसे काम करें। बैंक की तरफ से कोई अपडेट नहीं आ रहा है।

एक कस्टमर ने कहा-आरबीआई ने इसको पहले क्यों नहीं पकड़ा। बच्ची की परीक्षा है, फीस जमा करना है, अब कैसे होगा। एक कस्टमर ने कहा-जीवन भर की कमाई को बैंक में जमा किया है। यहां कोई उद्योपतियों का खाता नहीं है। आम जनमानस का पैसा है।

आरबीआई का ऑडिटर क्या कर रहा है। इसलिए महाराष्ट्र के वित्त मंत्री अजीत पवार और केंद्री वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से हस्तक्षेप की मांग की गई है।

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