- प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, वित्त मंत्री, ईपीएफओ, श्रम और रोजगार मंत्री भूपेन्द्र, सांसदों-विधायकों से गुहार का कोई असर नहीं।
सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (Employee Pension Scheme 1995) के तहत न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग की जा रही है। सांसदों-विधायकों से लेकर प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, वित्त मंत्री, ईपीएफओ, श्रम और रोजगार मंत्री तक आवाज उठाई गई। कलेक्टरों के माध्यम से सरकार तक संदेश भेजा गया, लेकिन अमल नहीं हो सका। न्यूनतम पेंशन 1000 रुपए में जिंदगी काटने वाले अपनी पीड़ा के साय में उम्र काट रहे हैं। बस, सबकी जुबां पर यही है कि महंबाई बढ़ती जा रही है, लेकिन पेंशन नहीं। EPS 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति न्यूनतम पेंशन को लेकर सड़क से सदन तक की लड़ाई लड़ रही है।
पढ़िए पेंशनभोगी ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन के लिए क्या-क्या मांग रहे
1. मिनिमम पेंशन 7500 मंहगाई भत्ता मंजूर करवाएं। यह उचित मांग कोश्यारी समिति (राज्यसभा पिटीशन 147) की सिफारिश के अनुसार (3000 या अधिक तथा उस पर महंगाई भत्ता) दस वर्षों में बढ़ी हुई महंगांई को देखते हुए की गई हैं।
2. सुप्रीम कोर्ट के 04.10.2016 के निर्णय को ध्यान में रखते हुए 04.11.2022 के निर्णय की सही व्याख्या करते हुए, वास्तविक वेतन पर उच्च पेंशन के विकल्प की सुविधा बिना किसी भेदभाव के 01.09.2014 के पूर्व व बाद के सभी EPS 95 पेंशनर्स को प्रदान की जाए, जिससे उन्हें सही अर्थों में न्याय मिल सके।
3. सभी EPS 95 पेंशनर्स को तथा उनके पत्नी/पति को मुफ्त मेडिकल सुविधा प्रदान की जाए।
4. जिन सेवा निवृत्त कर्मचारियों को EPS 95 योजना में शामिल नहीं किया गया है, उन्हें उसका सदस्य बनाकर योजना में लाया जाए। अथवा 5000 की राशि पेंशन के तौर पर प्रदान की जाए। देश में ऐसे निवृत्त कर्मचारियों की संख्या बहुत ही कम है।
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महंगाई भत्ता से जोड़ा जाए…
1. 2013 में निर्धारित किए गए न्यूनतम पेंशन एक हजार रुपए महीना को बढ़ाकर साढ़े सात हजार रुपए किया जाए। साथ में इसे महंगाई भत्ता से जोड़ा जाए। मात्र एक हजार रुपए महीना से पति पत्नी का गुजारा इस महंगाई में असंभव है।
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2. विधवा पेंशन को सौ प्रतिशत दिया जाए।
3. उच्च पेंशन के मामलों को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार, त्वरित गति से, बिना किसी भेद भाव के निराकृत करें
4. सभी पेंशनर्स को चिकित्सा सुविधा दी जाए।