- आसमान छूते बाजार मूल्य सूचकांक में न्यूनतम पेंशन 1000 से लेकर अधिकतम 2500 रुपये मिल रही है।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (Employee Pension SCheme 1995) के तहत न्यूनतम पेंशन का मामला विवाद बढ़ा रहा है। 7500 रुपए न्यूनतम पेंशन का आंदोलन जारी है। पेंशनर्स अब कांग्रेस और भाजपा की धज्जियां उड़ा रहे हैं। पूर्व की कांग्रेस सरकार के पक्ष में कोई खड़ा है। कोई वर्तमान भाजपा सरकार के समर्थन में। लेकिन, पेंशन का मुद्दा जस का तस बना हुआ है।
पेंशनभोगी वादीराज राव ने कहा-जब हम इन मुहावरों और राजनीतिक दलों के वाक्यांशों की तुलना करते हैं जैसे कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी। जैसे कांग्रेसी राजनेता चुनाव के समय जनता को संबोधित करते समय वाक्यांशों का उपयोग करते थे कि सबसे गरीब-दलित और क्योंकि अनपढ़ इन चीजों से अवगत नहीं थे और उन पर तालियाँ बजाते थे।
बदले में कांग्रेस चुनाव जीतती थी और सत्ता के पीछे भागती थी और अंत में अपने स्वार्थ के लिए पैसा बनाती थी और वर्तमान परिदृश्य में भी मोदी के आशीर्वाद से हमारे तथाकथित वित्त मंत्री वही बात दोहरा रहे हैं और मोदी सरकार की छवि को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
जबकि ईपीएस बिरादरी में शामिल गरीब वरिष्ठ नागरिक पेंशन के रूप में बहुत कम आय के कारण कठिनाई से पीड़ित हैं। और क्या इस तरह की गंदी राजनीति करने वाले मंत्रियों की ओर से यह सही है और यह उनके लिए अपनी आत्मा के भीतर अपने कृत्यों के जवाब खोजने के लिए है।
पेंशनर देबाशीष चट्टोपाध्याय ने कहा-सबसे असंवेदनशील सरकार जो वर्षों से इस बात पर विचार कर रही है कि इस आसमान छूते बाजार मूल्य सूचकांक में न्यूनतम पेंशन राशि को एक सभ्य व्यक्ति के जीवन के लिए तय किया जाए, जिन्हें न्यूनतम पेंशन 1000 से लेकर अधिकतम 2500 रुपये मिल रही है।
इसके विपरीत प्रधानमंत्री अपने विशेष विदेशी दौरे के लिए पर्यटक के रूप में जाते हैं, अगर मैं गलत नहीं हूँ तो हमारी सरकार कुछ हज़ार करोड़ रुपये वहन करती है। यह कितनी संकीर्ण और मतलबी सोच वाली सरकार है जो 7500, 9000+डीए जो भी हो, न्यूनतम पेंशन बढ़ाने के लिए बिल्कुल कंजूस है।