- रेल कर्मियों को नामित किया एवं पानी निकालने के लिए उच्च क्षमता वाले पंप लगाएं।
- शिवनाथ-खारुन सहित अन्य रेलवे ब्रिज एवं रेलवे ट्रैक पर मानसून के समय विशेष ध्यान देने हेतु निर्देश।
सूचनाजी न्यूज, रायपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे रायपुर रेल मंडल ने मानसून के समय रोड अंडर ब्रिज में आने वाली समस्या के समाधान के लिए आम जनमानस की सुविधा के हेतु सुगम आवागमन के लिए रेलवे प्रशासन द्वारा रोड अंडर ब्रिज में जलभराव की समस्या के स्थायी समाधान हेतु विशेष कदम उठाए गए हैं।
अंडर ब्रिज में जमा मिट्टी, कचरा एवं जल निकासी नालियों की गहन सफाई की गई है । जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए उच्च क्षमता के मोटर पंप लगाए गए हैं, जिनके माध्यम से पानी को तुरंत बाहर निकाला जा सकेगा रायपुर रेल मंडल में स्थित लगभग 52 रोड अंडर ब्रिज है जिसमें से 09 रोड अंडर ब्रिज राज्य शासन द्वारा रखरखाव किए जाते हैं।
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43 रोड अंडर ब्रिज पर रायपुर रेल मंडल ने ब्रिज की आवश्यकता अनुसार 05 हॉर्स पावर से लेकर 20 हॉर्स पावर के प्रत्येक रोड अंडर ब्रिज पर 02 पंप लगाए हैं। जिससे रोड अंडर ब्रिज में पानी भराव की समस्या ना हो रोड अंडर ब्रिज को निर्माण करते समय ग्रेविटी फ्लो आफ वॉटर का ध्यान रखा जाता है।
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इससे पानी अंडर ब्रिज में नहीं ठहरता फिर भी तेज बारिश के समय पानी भराव होने पर पंप की सहायता से उसे निकाला जाता है, जिससे रहागीरों को आवागमन में व्यवधान न हो एवं सुगम आवागमन संभव हो।
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रायपुर रेल मंडल के क्षेत्र के अनुसार निर्मित रोड अंडर ब्रिज जैसे बलोदा बाजार, भाटापारा, बिल्हा, टोर, बरबंधा, नेहुरडीह, मांढर, टेकरी सन्यासीपारा, अमानाका, डुमरतलाब, उरला, सिरसा, सुपेला, भिलाई पावर हाउस, नेहरू नगर, रायपुर नाका, मंदिर हसौद लखोली के बीच अंडर ब्रिज सहित दुर्ग-दल्लीराजहरा क्षेत्र के रोड अंडर ब्रिज सहित अन्य रोड अंडर ब्रिज में भी उपरोक्त व्यवस्था लागू की गई है। संबंधित इंजीनियर/पर्यवेक्षकों को अंडर ब्रिज के पास संबंधित रेल कर्मी का नाम एवं फोन नंबर निर्देशित किया गया है।
इसके साथ ही रेलवे ट्रैक पर स्थित ब्रिजों पर पानी के लेवल की पेट्रोलिंग करने हेतु एवं ट्रैक पैरामीटर को दर्ज करने हेतु संबंधित इंजीनियर को निर्देशित किया गया है। मानसून में निर्बाध रेल सेवा सुनिश्चित करने के लिए सभी सेक्शनों के जलभराव वाले स्थानों, बोल्डर स्खलन होने वाले पहाड़ों, साइड ड्रेन, पुलों में पानी निकासी के रास्तों, पहाड़ों से आने वाली पानी के ड्रेन प्रणाली आदि का गहन निरीक्षण कर योजनाबद्ध तरीके से कार्य कराया गया है।
जलभराव वाले स्थानों पर पानी की निकासी हेतु पाइप लगाए गए हैं । बोल्डर स्खलन होने वाले पहाड़ों के पास स्खलन को रोकने तथा बोल्डर गिरने वाले क्षेत्रों का सर्वेक्षण कर सभी ढीले बोल्डर हटा दिए गए हैं। पहाड़ों से आने वाली पानी के ड्रेन प्रणाली को पटरियों में आने से रोकने हेतु ड्रेन को डायवर्ट किया गया है।
इसके साथ ही साथ नालियों तथा ड्रेन प्रणाली के आसपास के कचरों को हटाकर विशेष सफाई कराई गई है । सभी संवेदनशील स्थानों पर चौबीसों घंटे मोबाइल/स्थिर गश्ती दल तैनात किए गए हैं।
तूफान के दौरान ट्रैक पर गिरने वाले पेड़ों को हटाने/छंटाई/काटने का काम पूरा किया जा चूका है। ट्रैक सर्किट वाले क्षेत्रों में स्टेशन/यार्ड में क्रॉस नालियों की व्यवस्था की गई है। ट्रैक सर्किट वाले क्षेत्रों में काम करते समय बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में कर्मचारियों को परामर्श भी दिया गया है।