बोकारो स्टील प्लांट के हादसे में कटे दोनों पैर, गई आंखों की रोशनी, पीड़ित पहुंचे जनता दरबार

Both legs were cut off in the accident at Bokaro Steel Plant, eyesight was lost, victims reached Janta Darbar
  • दुर्घटनाग्रस्थ ठेका श्रमिकों के स्वास्थ्य लाभ की जिम्मेवारी लेना बीएसएल प्रबंधन की नैतिक जिम्मेवारी
  • प्लांट में कार्यरत स्थायी-ठेका कर्मी सभी बीएसएल परिवार का हिस्सा, बीएसएल प्रबंधन कार्रवाई तय करें, बनाएं स्पष्ट नीति।
  • कोयला डस्ट की ढुलाई करने वाले वाहन चालक, वाहनों पर तिरपाल ढ़कें, डीएमओ – डीटीओ करें सुनिश्चित।

सूचनाजी न्यूज, बोकारो। सेल के बोकारो स्टील प्लांट (SAIL – Bokaro Steel Plant) में हुए हादसों के पीड़ित मजदूरों ने जिला प्रशासन से गुहार लगाई है। शुक्रवार को जनता दरबार में 36 से अधिक मामलों पर सुनवाई की गई। इनमें बीएसएल (बोकारो स्टील प्लांट) में कार्यरत ठेका श्रमिकों से संबंधित मामले भी शामिल रहे। जिन्होंने दुर्घटना के बाद समुचित उपचार-आर्थिक सहायता का अभाव, परिवार के भरण–पोषण की समस्या आदि की शिकायत उपायुक्त अजय नाथ झा के समक्ष रखी गई।

ये खबर भी पढ़ें: भिलाई स्टील प्लांट में प्रमोशन पाने वाले अधिकारियों का सम्मान, पहुंचे ईडी एचआर, सीजीएम भी

Vansh Bahadur

ठेका श्रमिक स्टेशन रोड कुर्मीडीह निवासी रघुनाथ गोरांई, मुकेश कुमार की मां धनपति देवी ने बताया कि बीएसएल के ठेका कंपनियों के माध्यम से प्लांट में कार्य करने के दौरान वह दुर्घटनागस्त हो गए। रघुनाथ का दोनों पैर कट गया है।

ये खबर भी पढ़ें: रेलवे का सीनियर सेक्शन इंजीनियर 15 हजार की रिश्वित लेते रंगे हाथ धराया

वहीं, मुकेश कुमार की मां धनपति देवी ने बताया कि मुकेश के आंखों की रोशनी चली गई है। दोनों के द्वारा बताया गया कि घटना के समय कंपनी द्वारा जो तय किया गया, उसका अनुपालन नहीं हो रहा है। उन्हें लंबे समय तक इलाज की जरूरत है, लेकिन संबंधित कंपनी किसी भी तरह की सहायता देने में आनाकानी कर रही है। उधर, पैर व आंख से दिव्यांग हो जाने के कारण परिवार के समक्ष भरण – पोषण की भी समस्या उत्पन्न हो गई है।

ये खबर भी पढ़ें: बोकारो स्टील प्लांट के मजदूर उतरे सड़क पर, ESIC के नाम पर पल्ला झाड़ रहा प्रबंधन

इस पर उपायुक्त अजय नाथ झा ने गंभीर रुख अपनाते हुए कहा कि बीएसएल में कार्यरत कोई भी कर्मी-चाहे वह स्थायी हो या ठेका श्रमिक–बीएसएल परिवार का हिस्सा है। ऐसे में किसी भी दुर्घटना की स्थिति में उसका इलाज कराना और उसका साथ देना प्रबंधन की नैतिक जिम्मेदारी है।

ये खबर भी पढ़ें: भिलाई स्टील प्लांट से जुड़े नए अधिकारियों का BSP Officers Association ने किया वेलकम

उपायुक्त ने ऐसे मामलों का संवेदनशीलता से निष्पादन के लिए बीएसएल प्रबंधन (Bokaro Steel Limited Management) को इस दिशा में कार्रवाई करने एवं एक स्पष्ट नीति बनाने को कहा। ताकि सभी कर्मियों को यह भरोसा मिल सके कि संकट की घड़ी में संस्थान उनके साथ खड़ा है। उन्होंने दोनों मामलों की जांच एवं बीएसएल प्रबंधन से इस बाबत पत्राचार करने के लिए डीपीएलआर श्रीमती मेनका एवं अनुमंडल पदाधिकारी चास प्रांजल ढ़ांडा को निर्देशित किया है।

ये खबर भी पढ़ें: राउरकेला इस्पात संयंत्र के 7 कर्मचारियों की झोली में आया ये अवॉर्ड

वहीं, जिला प्रशासन की ओर से दोनों दिव्यांग ठेका श्रमिकों की क्या सहायता की जा सकती हैं, किन कल्याणकारी योजनाओं से अच्छादित किया जा सकता है, इस बाबत जरूरी निर्देश दिया एवं सप्ताह भर में इसे सुनिश्चित करने को कहा।

ये खबर भी पढ़ें: बोकारो स्टील प्लांट ED Works QC Trophy, 40 टीमों का जलवा

जनता दरबार पहुंचे वृद्ध को दिलाई गई दवा

जनता दरबार पहुंचें माराफारी निवासी सकल देव सिंह ने उपायुक्त से बल्ड प्रेशर (बीपी) का दवा नहीं मिलने की शिकायत की। इस पर उन्होंने तुरंत सदर अस्पताल प्रबंधन को दवा उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने आश्वासन दिया कि आपको प्रतिमाह दवा उपलब्ध हो जाएगा। इस पर उन्होंने उपायुक्त का आभार जताया।

ये खबर भी पढ़ें: बोकारो स्टील सामूहिक दुर्घटना बीमा में परिवार को 25 लाख, एम्बुलेंस-अंतिम संस्कार खर्च 25 हजार, 10 अगस्त तक तारीख