BSP OA Election 2025: सेफी चेयरमैन एनके बंछोर के खिलाफ DGM मुकेश कुलमी ने लगाई चुनावी वादों की झड़ी, अध्यक्ष पर टक्कर

BSP OA Election 2025 DGM Mukesh Kulmi made a Flurry of Election Promises Against SEFI Chairman NK Banchhor

पेंशन, एचआरए, आवास, समस्या समाधान आदि को लेकर ये है प्लानिंग।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। बीएसपी आफिसर्स एसोसिएशन के चुनाव में इस बार अध्यक्ष पद पर दो उम्मीदवार हैं। सेफी चेयरमैन व 4 बार से ओए अध्यक्ष नरेंद्र कुमार बंछोर के सामने ईडीडी के डीजीएम मुकेश कुलमी मैदान में हैं।

पांचवीं बार एनके बंछोर को जीत से रोकने के लिए DGM EDD मुकेश कुलमी ने मुद्दों की बौछार लगाई है। चुनावी घोषणा पत्र में जमकर वादे किए गए हैं। सूचनाजी.कॉम से मुकेश जी ने कहा-चुनाव पूर्व कुछ ज्वलंत मुद्दों पर मैं अपना मत रख रहा हूं। इन मुद्दों पर वर्तमान ओए अध्यक्ष द्वारा कुछ मुद्दों पर कदम उठाए हैं एवं कुछ मुद्दों पर कोई भी प्रयास नहीं किया गया है।

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आप भी जानिए प्रत्याशी मुकेश कुलमी ने क्या-क्या कहा…

1. सेल की पेंशन योजना में आज तक सभी श्रेणी के अफसरों का लाखों का नुकसान:

सेकंड पे रिविजन कमेटी (PRC) में रिटायरमेंट बेनिफिट बेसिक का 30% का पैकेज देने की घोषणा हुई थी,इसमें निम्न चार घटक थे जिसको 01/01/2007 से हर अफसर को मिलना चाहिए था।

अ) प्रोविडेंट फंड (CPF कंपनी कंट्रीब्यूशन ) जो कि 12% मिलता आ रहा हैं

ब) पेंशन (NPS) जो कि 12% लगभग देना था और बाकी सभी महारत्न कंपनी में 10 से 12% 01/01/2007 से मिल रहा है। किंतु सेफी और वर्तमान ओए अध्यक्ष द्वारा इस मद में सेल मैनेजमेंट के साथ समझौता कर इसको 12% से कम करके 6% और 3% पर पहुंचा दिया, जबकि DPE में यह प्रतिशत कम करने का ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।

इसके अलावा यह राशि तीसरी PRC में नवंबर 2021में एकमुश्त डाली गई जिस पर कोई ब्याज हमें नहीं मिला।

स) ग्रेच्युटी जो कि लगभग 4.8% होती है। वह मिल रही है

द) रिटायरमेंट पश्चात मेडिक्लेम जिसमें 4 _ 5% खर्च होता है।

इस प्रकार पेंशन में सीधे तौर पर 3% से 6% का नुकसान हुआ है।

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जब कंपनी लाभ में रहेगी तो 6 से 9% दिया जा रहा है और हानि में 3% ही मिलेगा। जबकि किसी और महारत्न कंपनी में यह पूरा 10 से 12% मिल रहा है। चाहे कंपनी लाभ में हो या हानि में। ये समझौता कर सीधे-सीधे लगभग सभी ग्रेड के अफसरों का आज तक लगभग 10 लाख से 35 लाख का प्रिंसिपल और अगर ब्याज की बात करें तो लगभग 10 से 35 लाख का ब्याज सभी श्रेणी के अफसरों का हुआ है।

इस प्रकार सिर्फ पेंशन मद में ही 20 से 70 लाख का नुकसान सभी लोगों का हुआ है और आगे भी होता रहेगा। यदि इसमें DPE के हिसाब से बदलाव नहीं किया जाता है। अतः पुनः अपनी बातों को मैनेजमेंट के समक्ष रख कर इस नुकसान को दूर करने का पूर्ण प्रयास किया जाएगा।

2. दूसरा बड़ा आर्थिक नुकसान HRA किराया भत्ता का हो रहा है। अधिकतर लोगों को किराया भत्ता नहीं मिलता है। और जिनको मिल रहा है वह भी 2007 सेकंड PRC के समय के बेसिक का मिल रहा, जबकि कॉर्पोरेट ऑफिस में कार्यरत सभी को थर्ड PRC का किराया दिया जाता है।

3. तीसरा प्रमुख नुकसान PRP की राशि में अधिकारियों को होता आया है। MOU रेटिंग आने के पश्चात भी डेढ़ से दो साल बाद PRP दिया जाता है और वह भी टुकड़ों में दिवाली होली पर।

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4. चौथा विशेष नुकसान माइंस अधिकारियों का थर्ड PRC में माइंस एलाउंस बंद करवाना।

5. पांचवां नुकसान 11 महीने के पर्क्स एरियर का बिना इंटरेस्ट लिए पेमेंट हुआ है, जिसको ये वर्तमान अध्यक्ष अपनी उपलब्धि बता रहे हैं।

6. अधिकतर अधिकारीगण प्लांट में उत्पादन में इतने व्यस्त होते हैं कि उनको समय पर बहुत सी फाइनेंस से संबंधित जानकारी नहीं मिल पाती। इसके लिए ओए कार्यालय में वित्त सेवा सुविधा प्रदान की जाएगी, जिसमें इनकम टैक्स फाइल करने हेतु वित्तीय प्रशिक्षण, बैंक जिसमें अधिकारी का सेलरी अकाउंट होता है उसकी विभिन्न सुविधाओं की जानकारी एवं लाभ हेतु एक टीम सदैव उनको मार्गदर्शन देती रहेगी।

7. OA द्वारा ग्रुप मेडिकल इंश्योरेंस सिर्फ एक ही कंपनी से लिया जा रहा है। ऑक्शन करके लेने से प्रीमियम कम होने की संभावना रहती हैं।

8. सभी अधिकारियों के क्वार्टर्स की अच्छे से मरम्मत साफ सफाई और स्तर को बढ़ाना।

9. सभी अधिकारियों को किराया भत्ता पुनः आरंभ करवाना।

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10. ईपीएस 95 हायर पेंशन योजना का लाभ दिलवाना।

11. स्वास्थ्य सुविधाओं में वृद्धि और अच्छे अस्पताल में रेफरल की सुविधा साथ में कंपनी से मेडिक्लेम की भी सुविधा दिलवाना।

12. अधिकारियों के ऑफिस और कार्यस्थल का उन्नयन करवाना

13. पीआरपी को एकमुश्त दिलवाना।

14. मोबाइल कनेक्टिविटी में सुधार करवाना।

15. अधिकारियों हेतु प्लांट के अंदर सर्वसुविधा युक्त कैंटीन उपलब्ध करवाना।

16. जिन कार्यालय में फ्लेक्सी टाइमिंग संभव है वहां अधिकारियों को यह सुविधा प्रदान करवाना।

17. बीएसपी वेबपेज पर ओए का पोर्टल बनाना, जिसमें अधिकारी अपनी तकलीफों और सुझाव को साझा कर सकें।

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