- बदइंतजामी ऐसी थी कि हर कोई स्थानीय प्रबंधन को कोसता नजर आया।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल के भिलाई स्टील प्लांट के कर्मचारियों और अधिकारियों को कर्मयोगी का पाठ पढ़ाया जा रहा है। राष्ट्र सेवा का मंत्र दिया जा रहा। प्लांट के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को यह ट्रेनिंग दी जाएगी। बारी-बारी से सबको बुलाया जा रहा है।
गुरुवार को करीब 200 से ज्यादा कार्मिकों को ट्रेनिंग के लिए बुलाया गया। लेकिन, खाने का इंतजाम ऐसा था कि अफरा-तफरी मच गई। भीड़ हाथों में प्लेट लिए धक्का खाती रही। लंबी लाइन ऐसी लगी, जैसे रेलवे स्टेशन पर जनरल टिकट के लिए लाइन दिखती है।
बदइंतजामी ऐसी थी कि हर कोई स्थानीय प्रबंधन को कोसता नजर आया। दबी जुबान कुछ कार्मिकों ने बोल दिया कि लगता है कि राज्योत्सव में इस बार ज्यादा पैसा खर्च कर दिया है, इसलिए यहां ट्रेनिंग में खाने की कमी पड़ गई।
धक्का-मुक्की के बीच गुस्से में आए एक कर्मचारी ने वहां रखे प्लेट को ही फेंक दिया। सब्जी-दाल का बर्तन खाली देख, उसे भी फेंक दिया। सलाद के नाम पर भी मजाक नजर आया। रायता दिखा। पूरे हालात ऐसे हो चुके थे कि प्रबंधन की मंशा पर ही रायता फैल चुका था।
आक्रोशित कुछ कार्मिक वहां से चले गए। आइसीएच में कुछ ने जाकर खाना खाया। कुछ गुस्से में आकर वापस ट्रेनिंग हॉल में बैठ गए। शाम 6 बजे के बाद ट्रेनिंग खत्म हुई और कार्मिक अपने-अपने घरों की ओर रवाना हो गए।
इस पूरे घटनाक्रम की शिकायत पूर्व मान्यता प्राप्त यूनियन सीटू से की गई है। महासचिव जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी ने कहा-कर्मचारियों के साथ इस तरह का बर्ताव ठीक नहीं है। प्रबंधन की जिम्मेदारी है कि वह ट्रेनिंग में आए कार्मिकों के लिए बेहतर खाने की व्यवस्था करे। खाने को लेकर हंगामे की नौबत ही नहीं आनी चाहिए थी।
एचआरडीसी में दिनभर के लिए बुलाया जाता है। खाना नहीं मिलना, दुखद है। पूर्व में बीटीआई प्रमुख से शिकायत की गई थी। बजट की बात सामने आई थी। सीटू ने अपने मान्यता कार्यकाल के समय तत्कालीन सीईओ एम रवि से शिकायत की थी। इसके बाद बजट की व्यवस्था की गई थी। लेकिन, फिर से वैसे ही हालात बनते जा रहे हैं।
एचआरडीसी में कर्मयोगी कार्यक्रम के अंतर्गत भिलाई इस्पात संयंत्र के लगभग 20% उन कर्मियों को एक दिवसीय ट्रेनिंग दिया जा रहा है, जिनकी आयु 42 वर्ष से कम है। परन्तु विभाग में कार्यरत कर्मचारियों की उपलब्धता अर्थात मशीन में काम करने वाले कर्मचारियों को सुनिश्चित करते हुए विभागीय प्रबंधन अन्य दूसरे उन कर्मियों को भी भेज दे रहे हैं, जिनका सेवानिवृत्त होने के लिए एक दो साल बचे हैं।
इन सबके बीच दिन भर के ट्रेनिंग प्रोग्राम में एचआरडीसी में लंच के दौरान खाना कम पड़ जाने और खत्म हो जाने से कर्मियों ने नाराजगी जताई है और हंगामा हुआ है।
यदि एक दिन का ट्रेनिंग प्रोग्राम में प्रबंधन खाना नहीं खिला सकता है बजट कम करना चाहता है तो एक सत्र एक बजे तक ही कर लें, कर्मचारी घर जाकर खाना खा लेंगे। ट्रेनिंग के नाम पर कर्मियों को एक दिन का पर्क्स भी काट लेंगे और खाना भी नहीं मिलेगा। यह ठीक नहीं है।












