- आवास की कमी का मुद्दा उठा। ट्रांसफर के बाद अधिकारियों को घर नहीं मिल पा रहे। HRA की पुनः शुरुआत एक व्यावहारिक समाधान बताया।
सूचनाजी न्यूज, बर्नपुर। स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (सेल) के चेयरमैन सह प्रबंध निदेशक अमरेंदु प्रकाश इस्को स्टील प्लांट बर्नपुर पहुंचे तो आफिसर्स एसोसिएशन की उम्मीदों को पंख लगे। ओए का कहना है कि सीएमडी जब इस्को स्टील प्लांट बर्नपुर पहुँचे, तो वातावरण में एक नई ऊर्जा थी। हर चेहरे पर उत्साह था, हर निगाह में उम्मीद। और जब उन्होंने कहा-“खुली आँखों से सपना देखो, सपना बड़ा देखो…” तो यह वाक्य केवल एक प्रेरणादायक संदेश नहीं था, बल्कि यह जीवन दर्शन बन गया।
ओए अध्यक्ष सुशील कुमार सुमन का कहना है कि बड़ा सपना देखना केवल विलासिता या कल्पना नहीं है। यह आत्मविश्वास, दृष्टिकोण और साहस का प्रतीक है। यह वह शक्ति है जो व्यक्ति को उसकी सीमाओं से परे ले जाती है। जब आप बड़े सपने देखते हैं, तो आप अपने भीतर की संभावनाओं को जगाते हैं। आप अपनी सोच को व्यापक बनाते हैं, और अपने लक्ष्यों को ऊँचा निर्धारित करते हैं।
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने कहा था-“सपने वो नहीं हैं जो आप सोते समय देखते हैं, सपने वो हैं जो आपको सोने नहीं देते।” यह कथन आज भी उतना ही प्रासंगिक है। सपनों को साकार करने के लिए हौसला चाहिए, पंख नहीं। दृढ़ निश्चय चाहिए, बहाने नहीं।
सपना देखने से शक्ति मिलती है
जब कोई व्यक्ति बड़ा सपना देखता है, तो वह अपनी सोच की सीमाओं को तोड़ देता है। उसकी कल्पना बढ़ती है, आत्मविश्वास मजबूत होता है, और उसकी प्रेरणा स्थायी बन जाती है। बड़ा सपना देखने वाला असफलता से नहीं डरता, क्योंकि उसे पता होता है कि असफलता केवल अगली सफलता की सीढ़ी है।
केवल उत्पादन का लक्ष्य नहीं था…
सीएमडी अमरेंदु प्रकाश ने जब कहा कि “ISP को केवल भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बनाना है,” तो उन्होंने एक नई दिशा दी। यह केवल उत्पादन का लक्ष्य नहीं था, बल्कि यह आत्म-विश्वास और दृष्टिकोण की ऊँचाई थी।
“तैयारियों से मिलता है अवसर, किस्मत से नहीं”
कई लोगों ने कहा कि ISP को दूसरा प्रोजेक्ट एक्सपेंशन “लकी” मिला। पर CMD ने मुस्कराकर कहा-“लकी नहीं, तैयार थे हम…”ISP के पास सब कुछ था। भूमि, योग्य टीम, तकनीकी क्षमता और नेतृत्व की दूरदृष्टि। यही कारण है कि अवसर मिला। किस्मत केवल उन्हीं का साथ देती है जो तैयारी करते हैं।
“ISP की गौरवगाथा”
इस्को स्टील प्लांट आज भारतीय इस्पात उद्योग का गौरव है। 14,000 “हीट्स” का राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाना किसी चमत्कार से कम नहीं। यह उपलब्धि केवल मशीनों की नहीं, बल्कि उन लोगों की है जिन्होंने रात-दिन मेहनत की, जिन्होंने असंभव को संभव बनाया।
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CMD ने SMS टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह रिकॉर्ड ISP की क्षमता, अनुशासन और समर्पण का प्रमाण है। फिर जब वे ब्लास्ट फर्नेस पहुँचे और 9000 टन से अधिक उत्पादन की सराहना की, तो साथ ही कहा-“अब लक्ष्य 11,000 टन का रखिए।” यही सच्चा नेतृत्व है-जो रुकने नहीं देता, आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।
सशक्त इस्को, सशक्त अधिकारी
IISCO Officers Association (IOA) का दृष्टिकोण इसी भावना को आगे बढ़ाता है। अध्यक्ष सुशील कुमार सुमन, महासचिव निशिकांत चौधरी, कोषाध्यक्ष दुर्गेश कुमार, उपाध्यक्ष देबप्रिया दास और शुभाशीष दास, उप-महासचिव मुकेश कुमार, उप-कोषाध्यक्ष राजेंद्र कुमार नायक, मुकेश कुमार Mills, प्रणब कुमार, विकाश सैनी, अंजलि राणा, अरिंदम बनर्जी, विकास कुमार सहित उनकी टीम ने CMD को एक दूरदर्शी पत्र भेजा, जिसमें कर्मचारियों के कल्याण, पदोन्नति, आवास, शिक्षा और चिकित्सा से जुड़ी समस्याओं को तार्किक और मानवीय दृष्टि से रखा गया।
उनकी प्रमुख बातें इस प्रकार हैं
1. आवास की कमी: ट्रांसफर के बाद अधिकारियों को घर नहीं मिल पा रहे। HRA की पुनः शुरुआत एक व्यावहारिक समाधान है।
2. पदोन्नति प्रतिशत: युवा अधिकारियों के लिए प्रेरणा बढ़ाने हेतु प्रमोशन रेट बढ़ाना आवश्यक है।
3. चिकित्सा रेफरल प्रणाली: आपात स्थिति में तेजी और पारदर्शिता के लिए डिजिटल सुधार जरूरी है।
4. आकस्मिक निधि: छोटे कार्य व्यय हेतु पारदर्शी फंड प्रणाली से कार्यक्षमता बढ़ेगी।
5. समान कार्य समय: सुबह 9:00 से शाम 5:30 का समय कार्य-जीवन संतुलन हेतु उपयुक्त है।
6. महिला अधिकारियों के लिए सुविधाएं: क्रेच और 18 महीने तक CCL की सुविधा सशक्तिकरण की दिशा में कदम है।
7. शिक्षा व्यवस्था: प्रतिष्ठित स्कूलों के साथ समझौता कर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देना आवश्यक है।
8. खेल एवं मनोरंजन: आधुनिक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, जिम और कोचिंग व्यवस्था कर्मचारियों के स्वास्थ्य और मनोबल के लिए जरूरी है।












