हित चिंतक समिति का विवाद गहराया, सुरेंद्र मोहंती के समर्थन में सदस्यों ने खोला मोर्चा

The Controversy within the Hit Chintak Samiti Deepens, Members Opening a Front in Support of Surendra Mohanty
  • संस्था में काम कर रहे कर्मचारियों का लंबित डीए एवं बोनस भी नहीं दे रहे हैं।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। बीएसपी कर्मचारियों की संस्था हित चिंतक का विवाद गहराता जा रहा है। भेदभाव और गलत नियत से कार्रवाई का आरोप लगाया गया है। लोइमू के महासचिव सुरेंद्र मोहंती को संस्था से बाहर करने का मामला तूल पकड़ रहा है।

हित चिंतक समिति के सदस्यों का कहना है कि सुरेंद्र मोहंती संस्था के संचालक मंडल में 2022 में निर्वाचित हुए और अपनी ईमानदार छवि से लगातार संस्था में हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर करते रहे। जिससे क्षुब्द होकर जिम्मेदार पदाधिकारी ने संस्था के प्रभारी प्रबंधक के माध्यम से प्रबंध कारणी की बैठकों की सूचना प्रेषित नहीं किया। संस्था के बैठकों से वंचित कर कर दिया है।

कार्यकारिणी की बैठकों में अनुपस्थित को आधार मानते हुए छत्तीसगढ़ सहकारी समिति अधिनियम 1960 छत्तीसगढ़ सहकारी सोसायटी नियम 1962 एवं संस्था के उपविधि की अवहेलना करते हुए प्रबंध कारणी का सदस्य पद से हटाए जाने व पद रिक्त होने संबंधी सूचना संचालक सुरेंद्र मोहंती को दी गई।

सुरेंद्र मोहंती ने संयुक्त रजिस्ट्रार सहकारी समिति दुर्ग संभाग के न्यायालय में न्याय के लिए गुहार लगाई। संयुक्त रजिस्ट्रार न्यायालय ने सुरेंद्र मोहंती के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि यह विधि अनुरूप नहीं है। बैठक की सूचना पंजी में संचालक का नाम अंकित है। लेकिन उनके हस्ताक्षर नहीं है।

आवेदक के अनुपस्थिति की दशा में बैठक की सूचना पंजी में हस्ताक्षर उनके आवास पर भेज कर अथवा बैठक की सूचना डाक के माध्यम से प्रेषित किया जाना चाहिए था। और बहुत से दोष पूर्ण कारण बताते हुए संचालक पद से निकालने वाले पुराने आदेशों को बातिल/शून्य घोषित कर दिया।

11 नवंबर 2025 को फैसला आने के बाद हित चिंतक समिति के अध्यक्ष के द्वारा सुरेंद्र मोहंती को संस्था की बैठकों एवं प्रस्ताव के निर्णय में शामिल नहीं किया जा रहा है। इसी आशय को लेकर सदस्य आज संस्था के प्रभारी प्रबंधक से कहा कि सदस्यों के द्वारा चुने हुए निर्वाचित संचालक को बैठकों में बुलाया जाए। यदि इन्हें बैठकों में नहीं बुलाया जाता तो सैकड़ों सदस्य अपनी सदस्यता छोड़ देंगे।

इसके साथ ही सदस्यों ने यह भी आरोप लगाया कि संस्था के पैसे का दुरुपयोग करते हुए उक्त आदेश को हायर कोर्ट में अपील कर रहे हैं, ताकि कोर्ट में मामला चलता रहे अपने कार्यकाल तक भ्रष्टाचार पर कोई भी आवाज ना उठा सके।

सदस्यों ने यह भी आरोप लगाया है कि संचालकों के विदाई समारोह में राजनीतिक पार्टी के उच्च पद पर आसीन व्यक्तियों को बुलाकर आलीशान होटल में संस्था का हजारों रुपए खर्च कर अपनी राजनीति चमका रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ वार्षिक लाभांश में भी कमी कर दिए हैं। संस्था में काम कर रहे कर्मचारियों का लंबित डीए एवं बोनस भी नहीं दे रहे हैं।